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भाटिया जी कही आप की भी तेहरवीं ना मनानी पडे??

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आज हमारे यहां किसी की तेरहवीं थी, सभी जानपहचान वाले आये हुये थे, खुदी हवन किया,किया कुछ भजन किया सब ने मिल कर, ओर फ़िर थोडा बहुत खान खाया, फ़िर सब इधर उधर की बाते करते रहे, ओर उन सज्ज्न के बारे भी जिन की मुत्यू हुयी है.
फ़िर सब धीरे धीरे वहां से वापिस आने लगे, आती बार दो चार शव्द उस परिवार को होसल्ले के कह देते थे, दुख प्रकट करते, इन्ही लोगो मै एक सज्जन है, जो है तो हमारे बुजुर्गो की उम्र के, लेकिन जब बोलते है, तो बोलते तो बहुत मीठा है, लेकिन सामने वाले को उन का बोला आग लगा देता है, इस लिये अब लोग उन से कतराते है, लेकिन मै उन्हे हमेशा इज्जत देता रहा हुं.
चार छै महीने पहले ही हर त्योहर की बधाई देते है, पुछने पर बिलकुल साफ़ कहते है कि अगर तुम मर गये तो, इस लिये मेरी बधाई अभी लैलो. आज जब मै ओर मेरी बीबी उस परिवार वा अन्य लोगो से मिल कर आने लगे तो, यह सज्जन बोले भाटिया जी अपना ध्यान रखना कही आप के नाम से भी ऎसा हवन ना करना पडे, मै तो हंस पडा, लेकिन सब लोगो को ओर हमारी बीबी को उन का कहना बहुत बुरा लगा, लेकिन उन की उम्र को० देख कर हम दोनो चुप रहे,
घर आ कर हमारी बीबी ने कहा कि आप अब इस आफ़त का इलाज जरुर करो यह हर वक्त बहुत गलत बोलता है, तो मैने पूछा लेकिन मै इस का इलाज कैसे करूं, तो बोली अपनी जादू की पिटारी ( ब्लांग) मै इस सवाल को डाल कर अपने दोस्तो से पूछो इन सज्जन को क्या कहे जो इन कि इज्जत भी बनी रहे, ओर यह सीधे भी हो जाये, ओर हमे बुरा भी ना लगे.
तो बब आप लोग सलाह दे, हम सब क्या करें...

दिल्ली वालो कुछ मदद तो करो ना?

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 मै शायद जनवरी या फ़रवरी मै एक सप्ताह के लिये भारत आऊ, इस बार भी अकेला ही आ रहा हुं, अभी टिकट नही ली, ओर मै दिल्ली ओर रोहतक मै ही रुकना चहुंगा, दिल्ली मै मेरे सभी रिश्ते दार है, ससूराल भी दिल्ली मै ही है, यार मित्र , दोस्त भी बहुत है...... लेकिन मै किसी के घर नही रुकना चाहता, ओर मै कई दिनो से नेट पर कोई अच्छा सा होटल ढुढ रहा हुं, करीब सात दिनो के लिये, स्टार चाहे ना हो, लेकिन होटल अच्छा हो, ओर एक दो कमरे का हो,बाथ ओर टाल लेट अंदर ही हो, अगर आप लोगो की नजर मै कोई अच्छा सा होटल हो तो जरुर लिखे.

होटल का किराया, कमरे के बारे, ओर आस पास का महोल, ओर होटल किस जगह है, यानि पुरी जानकारी अगर दे सके तो आप सब की मेहरबानी होगी..... मै इन्तजार मै हुं, आप लोगो के जबाब की.
राम राम

गालिया केसी केसी.........

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हमारे भारत मै लोग जब आपस मै लडते है, तो हमेशा शुरुआत होती है सुंदर सुंदर गालियो से, ओर गालिया भी एक दुसरे को देते वक्त उन्हे सुंदर सुंदर शव्दो से सजा कर देते है, उन पर मसाले, मिर्ची, इमली ओर भी स्वादिष्ट ओर चटखारे वाले मसाले डाल डाल कर एक दुसरे को आदान परदान करते है, ताकि जिसे हम गाली दे रहे है उसे उस गाली का स्वाद भी आये, फ़िर गाली दे कर थोडा रुकते है, यह देखने के लिये कि उस गाली का सामाने वाले पर क्या असर हुआ,लेकिन सामने वाला भी बडा तेज होता है, वो किसी का पेसा चाहए ना लोट्ये लेकिन गाली इधर लपकी दुसरे हाथ से वापिस.

फ़िर इन गालियो पर सिर्फ़ बडो का हक नही, अजी बच्चे बुढे, जवान लडके लडकिया सब मजे से निकालते है, ब्लांग जगत मै आने से पहले एक दो बार मै याहू पर गया ओर एक दिन घुमता हुआ दिल्ली मै पहुच गया... बाप रे वहा एक लडकी नाम (?) लडको से भी ज्यादा गालियां निकाल रही थी, हम ने उसे समझाना चाहा कि यह गालिया लडकियो के मुंह से अच्छी नही लगती, तो कुछ देर चुप रही, हम ने उसे बच्चा बेटी  ओर बहन कह कर चुप करवाया, फ़िर बाद मै पता नही क्या हुआ.

अब भारतिया गालियो का तो आप सब को पता ही है, क्योकि सुबह शाम कोई भजन कानो मै पडे या ना पडे लेकिन यह गालिया जरुर पडती है, लेकिन यह गोरे भी हम से कम नही, यह भी खुब गालिया निकालते है, लेकिन इन की गालिया फ़ुस्स है, जिन्हे सुन कर बिलकुल मजा नही आता.

अब हमारी गालियो के सामने तो यह बिलकुल ही फ़ुस्स है, जेसे नारियल अजी यह भी कोई गाली है, नारियल को यह जर्मन मै कोको नुस कहते है, अगर किसी से बहस हो जाये ओर आप ने उसे कोको नुस  कफ़ कह दिया तो वो आप से नाराज, यानि  उस का सर नारियल की तरह से खाली है, अन्डर दिमाग नही, अब आप को कोई पक्षी कह दे तो आप कया करेगे अजी यह भी कोई गाली है? हां जी है ना पक्षी यानि फ़ोगल, हमारे यहा फ़ोगल कहते तो पक्षी को है अगर आप ने किसी व्यक्ति को कह दिया तो यानि आप ने उससे पागल कह दिया, यहां फ़िर नाराजगी,हमारे यहा मां बहन की गाली फ़ुस्स है जी, अगर आप को कोई कहे कि भगवान की गलती है तु, तो आप बुरा नही माने गे, लेकिन हमारे यहा बहुत बुरा मानते है, ओर भी बहुत सी यहां की अजीब बाते है लेकिन फ़िर कभी.... लेकिन मुझे यहां करीब तीस साल हो गये है मैने इन लोगो को आपस मै कभी लडते नही देखा

ऒऎ भाई साहब जी क्या हाल है....

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बात आज से बहुत पुरानी है, एक दिन मै ओर मेरी बीबी शहर मै खरीदारी कर रहे थे, गर्मियो के दिन थे, सो उस दिन बीबी ने अपनी भारतिया पहनावा ही यानि साडी पहन रखी थी, ओर जब हमारी बीबी साडी पहन कर बाजार जाती है तो लोग बहुत प्यार ओर इज्जत से देखते है, बस सब को पता लग जाता है एक एक भारतिया नारी भी उन के शहर मै रहती है, ओर लोग हमे रोक कर बहुत बाते करते थे भारत के बारे.

जब हम सडक पार करने लगे तो एक आवाज पीछे से आई... ओऎ भाई साहब जी क्या हाल है.... अब इस शहर मै मै अकेला भारतिया रहता हुं, लेकिन जब मेने पीछे मुड कर देखा तो कोई भी अपने जेसा रंग वाला नही दिखा, मैने सोचा शायद कान बजे होंगे, ओर मै फ़िर चल पडा, लेकिन फ़िर एक आवाज आई बादशाहो रुको ना...... मैने बीबी से पुछा तुम ने कुछ सुना तो वो बोली हां, मैने फ़िर मुड कर देखा, अब शहर भी इतना बडा नही था, ओर भीड भी ज्यादा नही थी, लेकिन मुझे अपने जेसा कोई नही दिखा, ओर मै सर पर हाथ फ़ेर कर चल पडा फ़िर से.

अभी दो कदम ही गया कि किसी ने कंधे पर हाथ रखा ओर शुद्ध हिन्दी मै बोला भाई साहब रुकिये, मेने मुड कर देखा तो मै हेरान मेरे सामने एक जर्मन हाथ जोड कर नमस्ते कह रहा था, मेने उसे जर्मन मै नमस्ते का जबाब दिया, ओर पूछा अभी अभी आप ने ही मुझे आवाज दे कर रोका था, तो वो बोला हां जी, मै उस से जर्मन मै बात कर रहा हुं, ओर वो मेरे साथ हिन्दी मै, मै उसे देख कर ओर हिन्दी बोलते देख कर हेरान था.

फ़िर उस ने मुझे कहा भाई हिन्दी मै बात करो ना, मैने माफ़ी मांगी ओर उस से हिन्दी मै पुछा कि तुम इसी शहर के रहने वाले हो? वो बोला हां, मै इसी शहर मै पेदा हुआं हुं, तो मेने उसे कहा कि मुझे बहुत साल हो गये है लेकिन आप को पहले कभी नही देखा, तो वो बोला मै इंजिन्यर हुं ओर हमेशा विदेश मै ही रहता हुं, तो मेने पूछा कि आप इतनी अच्छी हिन्दी बोल रहे है, क्या आप के मां बाप मै से कोई भारतिया है, तो उस ने मुझे कहा नही ऎसी बात नही दर असल मेने १२, १३ साल दुबई मै काम किया है, ओर इस दोरान मै अकेला ही जर्मन इंजिनियर था, बाकी सब लोग भारत ओर पकिस्तानी थे, ओर मै २४ घंटॆ उन लोगो के संग रहता था, ओर उन के संग रह कर मुझे हिन्दी पंजाबी ओर उर्दु बहुत अच्छी बोलनी आ गई.

मैने उसे अपने घर पर बुलाया कि आओ एक एक कप चाय पीते है, तो वो झट से तेयार हो गया, ओर घर आ कर मैने उस से बहुत सी बाते कि, उस ने मुझे बताया कि उसे भारतिया खाना सब से अच्छा लगता है, ओर वो बहुत बार भारत भी जा चुका है, उस की इच्छा है वो भारत मै ही कही बसना चाहता है.

मैने उसे बातो बातो मै कहा कि अब जर्मन लोग पहले जेसे नही रहे, थोडा बदल गये है, लेकिन मुझे कोई दिक्कत नही आज तक सभी प्यार से मिले है, ओर जब कभी मदद की जरुरत हो तो पडोसी मदद भी करते है, लेकिन फ़िर भी लगता है यह बदल गये है, तो मुझे उस ने कहा नही यह लोग तो पहले जेसे ही है, अच्छे बुरे जेसे भी थे पहले अब भी वेसे ही है, हां तुम बदल गये हो.... मैने हेरान हो कर पूछा केसे? तो उस ने मुझे कहा बिलकुल मेरे साथ भी यही हुया था दुबई मै, पहले पहल मै सोचता था यह भारत ओर पाकिस्तानी बहुत अच्छे है, लेकिन अब मुझे तु लोगो की जुबान आ गई तो मुझे अब पता चला कि लोग कई बार ( जो मुझे नही जानते) हंसते हुये मुझे गाली देते है, तो मै भी उन्हे उन की भाषा मै समझा देता हुं कि मै तुम्हारी बात समझता हुं, ओर चाहूं तो मै भी तुम्हे गाली दे सकता हुं. अब समझे पहले तुम्हे जर्मन नही आती थी, ओर कोई तुम्हे हंस के कुछ कहता था तो तुम सोचते थे, यह बहुत अच्छा है ओर अब तुम इन की भाषा समझते हो ओर अब तुम इन्हे सुन कर ही समझ जाते हो, यानि लोगो तो वेसे ही है, बस हम जब उन्हे अच्छी तरह समझने लग गये है.
अब वो भाई कहा है पता नही मेने भी वो शहर छोड दिया.

माधुर्य का रस

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आज का विचार.....
जीवन के माधुर्य का रस लेने के लिये हमें बीती बातो को भुला देने की शक्ति अवश्य धारण करनी चाहिये

स्माईल प्लीज

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स्माईल प्लीज ! अबे मुस्कुराने को कहां है, दांत फ़ाड कर हंस क्यो रहा है,
नमस्कार

पंगे ही पंगे जो हम लेते है.......

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एक छोटी सी पोस्ट....
हम सब ने अपने अपने ब्लांग पर बहुत सारे विजेट लगा रखे है, मेने भी जिन का कोई भी लाभ नही... बल्कि हम इन विजेट से खुद भी ओर दुसरो को भी कठिनाई मै डालते है, यानि बस ब्लांग को सुंदर बनाने के लिये हम खुब दिल खोल कर पंगे लेते है, ओर नुकसान भी हमे ही होता है....... ओर कई बार इन विजेट मै छीपे कोड भी होते है....... जो हमारी बहुत सी जानकारियां ई मेल पते वगेरा वगेरा दुसरे को भेजते है, मै जब भी किसी के ब्लांग पर जाता हुं बस लेख कविता पढी, टिपण्णी दी ओर राम राम कभी भी पुरा ब्लांग नही देखा, मेरी तरह सभी यही करते होगे..... मै अपने ब्लांग से अब यह सब हटा रहा हुं, अगर अब भी मेरे किसी ब्लांग पर आप किसी को कोई दिक्कत आये तो जरुर बताये.

बस कुछ जरुरी विजेट ही रहेगे, बाकी सब साफ़....... आप लोगो का विचार है ?

मुस्कान

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आज का विचार....
कभी कभी आप की एक मुस्कान, मरुस्थल में जल की बूंद जैसी लाभदायक सिद्ध हो सकती है.
कभी किसी दिन अपने गुस्से पर काबू कर के अपने किसी कर्मचारी,किसी दुखी, किसी गरीब को सिर्फ़ एक प्यारी मुस्कान दे कर दो देखॊ.....
आज यह सुंदर विचार मेरे नये लेपटाप की पहली पोस्ट बना, मेरे बच्चो ने सब से पहले इसे हिन्दी मै काम करने के लिये सेट किया

दान

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आज का विचार...
दुसरो को खुशी देना सर्वोत्तम दान है

एक बार आप भी बिना लालच मे किसी को यह दान देके देखे

ब्लड टेस्ट

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एक पठान शीशा मे अपनी शकल देख कर बोला... ओये खोचे इस को कही देखा है ??
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एक बार समीर जी ताऊ से मिलने गये ? समीर जी ने देखा कि ताऊ के पास मोबईल की बहुत सारी बेटरियां पडी थी?
समीर जी ने हेरान हो कर पूछा भाई ताऊ इतनी सारी बेटरी ले कर कया करते हो ...
ताऊ ने कहा समीर जी मै तो इस मोबाईल से तंग आ गया हूं, इस का लाभ तो बहुत है लेकिन शाम को रोजाना इस पर लिखा आता है.....बेटरी लॊ... तो मै बाजार से नयी बेटरी खरीद लेता हुं.
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एक बार एक अनामी एक किताब मै ब्लड (खुन ) के बारे पढ रहा था, जब उस की बीबी ने उसे पुछा जी यह क्या पढ रहे हो? अनामी बोला,अनामिका जी आज मुझे डाकटर ने कहा है कि कल तुम्हारा ब्लड टेस्ट है, बस उस की तेयारी कर रहा हुं.
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छोटा सा विचार

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आज का विचार...
बेकार ओर व्यर्थ कार्य जीवन को थका देता है, रचनात्मक कार्य सुख ऒर तेजस्विता बढा देता है.

नर्स ओर बच्चा

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एक बच्चा पेदा होते ही नर्स से पुछता है?
लाईट आ रही है?
नर्स.. नही तो !!
बच्चा ओह नो फ़िर भारत मै दोवारा
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पठान ..मुझे १५ दिन की छुट्टी चाहिये ?
मालिक..१५ दिन की छुट्टी क्यो चाहिये ?
पठान.. मेरे चाचा की लडकी की शादी है,
मालिक.. अरे चाचा की लडकी की शादी मै १५ दिन की छुट्टी ?
पठान..शरमा कर, जी चाचा की लडकी की शादी जो मुझ से हो रही है ना.
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टीचर... जो दुसरो को अपनी बात ना समझा सके... वो गधा होता है.
विद्धारथी.. मास्टर जी मै समझा नही ??
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ताऊ जब छोटा था एक दिन स्कुल मे...
ताऊ .. मिस मिस मै आप को केसा लगता हुं?
टीचर... अरे बहुत प्यारे लगते हो तुम तो...
ताऊ... तो फ़िर आज शाम को मै अपनी अम्मा ओर बाबु को आप के घर भेजूं?
टीचर... अरे कयूं?
ताऊ... ताकि वो हमारी बात आगे चलाये...
टीचर... अरे यह क्या बकवास कर रहे हो?
ताऊ.... मिस मिस वो तो टुयशन पढाने के लिये ना.....
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गाईड... आप सभी का स्वागत है, यह निआगरा फ़ाल है,दुनिया का सब से ऊंचा वाटर फ़ाल.
इस की आवाज इतनी है कि अगर यह से २० हवाई जहाज एक साथ गुजरे तो भी आप को उन हवाई जहाजो की आवाज सुनाई नही देगी? अब कृप्या आप निअगारा फ़ाल की आवाज सुने मै लेडिज से विनीत करता हुं थोडी देर शान्ति का दान दे ताकि आप निआगारा फ़ाल की आवाज सुन सके....
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टीचर... तुम बहुत बतमीज हो गये हो ... बोलो तुम्हे क्या सजा दुं??
बालक... टीचर वो जो दुसरी लाईन मे तीसरे ना० पर लडकी बेठी है उस के साथ मुझे कलास से बाहर निकाल दो
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टीचर... अच्छा बच्चो अब इस लाईन की अग्रेजी मै अनुवाद कर के बाताओ
वो गया ओर ऎसा गया कि चला ही गया........
रामू तुम बताओ..
रामू... जी टीचर डरते डरते... He went....ओर ऎसा went.....कि went हि... went
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ओर अन्त मै..
पत्नि यानि WIFE शव्द केसे बना?
पत्नि... जो रहे पति से तनी, उसे कहते है पत्नि.
Wife...
W= Without
I=Information
F=Fighting
E=Every time

विचार

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आज का विचार....
मनोविकारो पर विजय प्राप्त करना ही आत्मा की सच्ची स्वतन्त्रता है.

कुछ कुछ होता है जी

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पहचान
जो लोग हमेशा हंसते रहते है, उन्हे हिन्दी मै हंस मुख कहते है.
जिस आदमी का हंसना बन्द हो उसे आग्रेजी मै HUS BAND कहते है.
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बेटा, पापा मुझे मोटर साईकिल ले कर दो ना.....
ताऊ, बेटा भगवान ने तुझे दो टांगे किस लिये दी है?
बेटा, पापा पापा एक गियर लगाने के लिये, दुसरी ब्रेक लगाने के लिये
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करवा चोथ...
एक आधुनिक नारी ने गलती से करवा चोथ का वर्त रख लिया, ओर सुबह सुबह १० बजे अपने पति को बोली बाहर देख कर आओ चांद निकला कि नही, पति भी मेरी तरह से सीधा साधा था, देख कर आया ओर बोला अभी नही, १२ बजे फ़िर बीबी बोली अजी अब देख कर आओ चांद निकला कि नही, पति फ़िर बाहर गया, लेकिन चांद कहां, फ़िर दो बजे पति को भेजा... चार बजे जब पति ने मना किया कि अभी तक चांद नही निकला तो बीबी बोली लगता है आज लगता है आज चांद कि जगह मेरे प्राण ही निकलेगे....
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बीबी अपने पति से बोली .. जी अब आप ने मेरा घूघट पहली बार उठाया तो आप को केसा लगा था ?
पति.. अगर मुझे हनुमान चालीसा याद ना होता तो कसम से मै मर ही जाता
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वो कोन सी जगह है जहां नारियां काम नही करती ? ताऊ ने अपने छोरे से पुछा
छोरा , बापू वो तो फ़ायर बिग्रेड है जी.
ताऊ, उदाहरण दे केसे?
छोरा, बापू लुगाई आग लगान का काम करती है, बुझान का नही.
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जज, अपराधी से... तुम आज तीसरी बार आदालत मै आ रहे हो, क्या तुम्हे शर्म नही आती?
अपराधी... जज साहब आप रोजाना अदालत मै आते हो , क्या आप को शर्म आती है?

विचार

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आज का विचार....
जो सदा प्रसन्न रहता है,उस के अन्दर आलस्य नही हो सकता, आलस्य सब से बडा दुर्गुण है.

आज का विचार

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आज का विचार...
समस्यां चाहे कैसी भी हों, परन्तु इन से घबराइये नही, बल्कि इन्हें परीक्षा समझ कर पास कीजिये.

विचार

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नमस्ते.
अगर आप सदा स्वयं की दूसरो के साथ तुलना करते रहते है, तो आप अवश्य ही अहंकार अथवा ईषर्य़ा के शिकार हो जायेंगें

विचार

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नमस्कार आप सभी को , आज मुझे एक पुराना केलेंडर मिला, पुराना था तो फ़ेंकने वाले ने सोचा कि इसे फ़ेंक दे तभी मेरी नजर उस केलंडर पर पडी, ओर उस पर अंकित विचार मुझे बहुत अच्छे लगे, सो मेने उन से वो केलेंडर मांग लिया, ओर अब रोजाना उस पुराने केलेंडर मे से एक एक विचार आप लोगो के लिये यहां प्रकाशित किया करुंगा,
ओर अगर आप को पसंद आये तो जरुर बताये....

आज का विचार...
अच्छी पुस्तकें अच्छे साथी की तरह हैं,अशलील साहित्य हमारे मन को दूषित करता है,तथा हमे गलत रास्ते की ऒर ले जाता है.
धन्यवाद

आर्डर..आर्डर..आर्डर..

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ताऊ एक बार बहुत गहरी सोच मै बेठा हुआ था, ना ब्लांगिंग ना, फ़ोन.... ताई आज ताऊ को परेशान देख कर बोली ?
आज आप किस सोच मै बेठे है जी ?
ताऊ हां आज मै बहुत परेशान हूं !
ताई लेकिन क्यो ?
ताऊ मुझे समझ नही आती कि इन एन डी टी वी वालो को केसा पता चल जाता है कि हम इन्हे देख रहे है?
ताई मतलब ?
देखो ना जब मेने टी वी चलाया तो यह छोरी बोली ""आप देख रहे है एन डी टी वी"" !!!
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भिखारी, पहले आप मुझे १० रुपये देते थे, फ़िर आप ने पांच रुपये कर दिये, ओर अब एक रुपया ही ??
आदमी, पहले मै कुवारा था, फ़िर शादी हो गई... फ़िर बच्चे हो गये इस लिये.
भिखारी , ओह अब समझा आप मेरे पेसो से अपना घर चला रहे है.
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मालिक नोकर से.. सुन मुझे सुबह चार बजे जगा देना !!
नोकर मालिक से.. लेकिन मालिक मुझे समय देखना नही आता ?
मालिक अबे तु जगा देना समय मै खुद देख लुगां.
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जज साहब आदालत मै
आर्डर..
आर्डर..
आर्डर..
आर्डर..
आर्डर..
आर्डर..
आर्डर..
ताऊ तो लिख
एक पिज्जा
एक भुनी हुयी मुर्गी
एक कोका कोला ठंडा
ओर एक सालाद
जज शट अप
ताऊ..
शट अप नही
थम्स अप या कोला
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एक आदमी ईद मनाने के लिये मांस लेकर जा रहा था, आसमान से चील आई ओर मांस का टुकडा ले कर वापिस आसमान मै उड गई...
वो आदमी जोर जोर से हंसने लगा..
बीबी ने पुछ मास का टुकडा तो चील ले गई ओर आप पागलो की तरह हंस रहे है?
आदमी बोला अरी बनाने की विधि तो मेरे पास ही है, बनाये गी केसे????

धन्यवाद ब्लांगबाणी तेरा

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ब्लांगबाणी ओर इस के संचालको को मेरा दिल से धन्यवाद, आप ने हम सब का मान इज्जत रख ली, सभी बेचेन हो गये थे, ओर मेरे जेसे तो बहुत ज्यादा थे, क्योकि हम आप सब ब्लांअबाणी को अपना मायका मानते है, जहा सब इकट्टे मिल जाते है, ओर कल का दिन कितना भारी गुजरा, यह हम बता नही सकते. आईंदा कोई भी गलती करे आप उसे एक नोटिस दे अगर नही समभलता तो बाहर का रास्ता दिखा दे.
आज आप को देख कर भगडां पाने को दिल करता है, ओर मेरे सभी भाईबहिनो को भी चाहिये कि आईंदा कोई ऎसा काम ना करे जिस का फ़ल हम सब को भुगतना पडे, वेसे मेरा दिल कहता था कि हमारा ब्लांग बाणी जरुर वापिस आयेगा. ओर आज आ गया

फ़िर से मेरी ओर मेरे सभी साथियो की तरफ़ से ब्लंग बाणी की पुरी टीम को हार्दिक धन्यवाद, आप खुब फ़लो. खुब तरक्की करो, खुश रहो, आप सब के मन कि मुरादे पुरी हो.
धन्यवाद

ताऊ ओर मेंडक

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एक बार दो ट्रक ड्राईवर इजिप्टेन मै घुमने गये, वहा एक मुजियम मे घुसे तो सामने एक ताबुत मै फ़ारोन की लाश पडी थी.
उसे देख कर,
पहला ड्राईवर बोला जरुर यह किसी ट्रक के नीचे आ कर मरा है,
दुसरा ड्राईवर आप ठीक कह रहे है, देखो इस के डब्बे पर ट्रक का ना० भी लिखा है 1142 B.C:
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एक बहुत बडी इमारत मै आग लग गई, लोग अपनी अपनी जान बचाने के लिये भाग रहे है, फ़ायर ब्रिगेड भी काफ़ी सारी आ गई, तभी ताऊ उधर से गुजरा..... ओर ताऊ ने १० लोगो को आग मै घुस कर बचा लिया.
ताऊ को पुलिस पकड कर ले गई ?
जज ने ताऊ को जेल भेज दिया??
पता क्यो? अजी ताऊ ने फ़ायर ब्रिगेड के लोगो को ही इमारत से निकाल दिया था
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आदि जब बोलने लग गया, ओर ..
मां मै जब बडा हो जाऊगा ना तो मै ना एयर फ़ोर्स मै बहुत बडा पायलेट बनूंगा... ओर ना जब मै अपना हवाई जहाज अपने घर के ऊपर से ले जाऊगा ना तो कितना मजा आयेगा:)
मां हां बेटा, लेकिन मुझे केसे पता चलेगा कि मेरा लाडला बेटा इस जहाज को चला रहा है?
अरे मा जब घर के उपर से गुजरुगा ना तो एक बम्ब गिरा दुंगा, ताकि तुम्हे पता चल जाये....
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मास्टर जी. अच्छा बच्चो बताओ,जिस को सुनाई नही देता, उसे अग्रेजी मै क्या कहते है?
ताऊ..मास्साब कुछ भी कह लो उसे कोन सा सुनाई देगा
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बन्ता जी शादी के लिये लडकी देखने गये, मां बाप ने दोनो को थोडी देर के लिये अलग छोड् दिया, ताकि दोनो कुछ बात कर सके....
अकेले मै बन्ता को कुछ समझ नही आया कि क्या बात करे ? अचानक बन्ता बोला लडकी से ??
बहिन जी आप के कितने भाई है.
लडकी बोली पहले तो तीन थे, अब आप आ गये तो चार हो गये.
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एक तलाब के किनारे ताऊ बेठा था, साथ मे एक मेंडक, मेडक बोला ताऊ से...
ताऊ के दिमाग होता है क्या ?
ताऊ बोला हां होता है लेकिन क्या बात है ?
मेडक बोला नही होता ओर पानी मे कुद गया....
ताऊ, अरे यार इस मै आत्महत्या करने कि क्या बात मै तो मजाक कर रहा था.

छोटी सी बात लेकिन मतलब बहुत बडा

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आज थोडी देर पहले "शव्द शिखर" नाम के ब्लांग पर आकांक्षा जी दुवारा लिखी एक लेख पढी, बहुत अच्छा लगा, ओर तभी मुझे एक बात जो मेरे संग बीती थी याद आ गई, काश आप भी ऎसा ही करे....

रक्त दान सच मै महान है, लेकिन उस मे डर रहता है कि पता नही इसे अच्छी तरह से चेक भी किया है या नही, कही रक्त दान देने वाला बीमार ना हो किसी खतरनाक बीमारी से, वगेरा वगेरा... आज से करीब १२,१३ साल पहले मेरी बाजु का आपरेशन हुया, जो करीब ४,५ घण्टॆ चला, क्यो कि बाजु की आधी हड्डी निकाल कर वहां पर कमर के पास से एक कच्ची हड्डी डालनी थी, ओर इस कारण खुन ज्यादा बहने की उम्मीद थी, मुझे ड्रां जी ने पहले ही बता दिया कि आप को कम से कम दो बोतल खुन चढ सकता है, ओर वो तुम्हे फ़्रि मै मिलेगा.... मेरी हिचकिचाहट देख कर ड्रां ने पुछा क्या बात है, तो मेने वेसे ही ड्रां से पुछा कि क्या ऎसा नही हो सकता कि मेरा खुन आज ही ले ले क्योकि अभी आपरेशन को करीब डेढ महीना है, ओर फ़िर आपरेशन के समय मुझे मेरा ही खुन मुझे चढा दे,ड्रां ने कहा हां क्यो नही यह हो सकता है, ओर बहुत से लोग ऎसा करते है, लेकिन तुम्हे एक बोटल आज ओर फ़िर ३ सप्ताह बाद दुसरी बोतल देनी होगी, मेने दो बार अपना खुन दान दिया, लेकिन इस दोरान खुब फ़ल खाये ओर मेरा खुन कम होने की जगह ज्यादा हो गया, ओर फ़िर अप्रेशन के बाद जब जरुरत पडी तो मुझे मेरा ही खुन मुझे दिया गया.
लेकिन यह उन ही मामलो मै होता है जिन मै पता हो कि आपरेशन कब होगा, एमर्जेंसी मै इस तरह से नही हो सकता, ओर हमारा खुन ६ सप्ताह से ज्यादा भी नही रह सकता, मै कोई ड्रां नही बस आकांक्षा जी की पोस्ट पढी तो याद आ गया ओर टिपण्णी देता तो मेरी टिपण्णी उन के लेख से भी बडी हो जाती, अगर आप को कभी ऎसी नोबत आये तो क्या मेरी सलाह मानेगे?
हां मेरी बाजु की हड्डी धीरे धीरे ठीक हो गई यानि फ़िर से पक्की हो गई,

पंजाबियो की हो गई वल्ले वल्ले, यकीन ना हो तो खुद ही देख लो

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अजी आज मटर गस्ती करते करते यह विडियो हाथ लगा, मुझे तो बहुत अच्छा लगा, अगर आप को थोडी बहुत पंजाबी समझ आती है तो आप को बहुत मजा आयेगा देखिये इसे जरुर....

प्यार से कहो तो अपनी जान भी दे दुं

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एक आदमी डाकटर से.. ड्रा साहब आप मुझे कह रहे थे कि रोज सुबह सबेरे कोई गेम खेलने से सेहत ठीक रहती है? लेकिन मुझे ६ महीने हो गये गेम खेलते... लेकिन कोई फ़र्क नही पडा ?
ड्रा.. उस आदमी से... अच्छा आप कोन सी गेम खेलते है ?
आदमी...जी मै रोजाना अपने लेपटाप पर बहुत सी अलग अलग गेम खेलता हुं.
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मच्छर का बच्चा जब पहली बार उड कर वापिस मां के पास आया तो...
मां ने पुछा बेटा केसा लगा तुम्हे उड कर ?
बच्चा बोला... मां मां बहुत अच्छा लगा, ओर सारे आदमी मुझे देख कर तालियां बजा रहे थे.
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एक आदमी दुसरे से.... यार मै बचपन मै बहुत ताकतवर था ?
दुसरा आदमी... वो केसे ?
पहला आदमी... यार मेरी मां कहती है जब मै रोता था ना तो सारा घर सर पै उठा लेता था
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रामप्यारी एक बार राम दुलारे चुहे को पकड रही थी, ओर राम दुलारा भाग रहा था, बचने के लिये.
जब दोनो भागते भागते थक गये , ओर अब राम दुलारे से भागने की हिम्मत नही थी, तो राम दुलारा
चुहा बडे स्टाईल से खडा हो गया ओर बोला..
हाय बिल्लो रानी... प्यार से कहो तो अपनी जान भी दे दुं
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ताऊ का लाडला छोरा..
याहू......
पेपर की सारी तेयारी होगी बापू,
ताऊ बहुत खुश. अच्छा बेटा कुछ रह तो नही गया एक बार देख ले फ़िर से ?
छोरा..
पेंसिल
फ़ुटा
रबर
प्रकार
पेन
स्याही
सब तेयारी है बापू.
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पढना बाकी है
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एक बेवकुफ़ दुसरे से यार यह हबाई जहाज इतना बडा होता है, इसे रंग केसे करते होगे?
दुसरा वेबकुफ़... यार तु सच मै बहुत बडा वेबकुफ़ है, जब जहाज उपर जाता है ना तो बहुत छोटा हो जाता है, बस तब इस पर रंग कर देते है
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दो सरदार (भाई) बच्चे एक ही कलास मै पढते थे, एक दिन टिचर ने उन से पेपर के लिये फ़ार्म भरवाये, ओर फ़ीस जमा करवाई, फ़ार्म देख कर टीचर को बहुत गुस्सा आया ओर दोनो को बुला कर पुछा ? ओये दोनो ने पिता का नाम अलग अलग क्यो भरा है? तो एक बच्चा बोला टिचर टिचर फ़िर आप मारे गे की हम ने एक दुसरे की नकल की है.

ओए मेने सिम बदल लिया

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एक आदमी घनी रात गये सुनसान रास्ते पर जा रहा था, तभी झाडियो के पीछे से एक चुडेल आई ओर अजीब सी हरकते करके उस आदमी को डराने लगी, आदमी बेबाक आगे बढता गया, आखिर चुडेल थक गई ओर उस आदमी से बोली हा हा हा.... मे चुडेल हुं, आदमी बोला जानता हुं,चुडेल थोडी हेरान हुयी ओर बोली ऎ मानव तुझे मेरे से डर नही लगता, आदमी बोला नही, क्योकि तेरी एक बहन ने मेरे साथ जो शादी कर रखी है
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एक सरदार अपने दोस्त से... यार कल मेने एक अमेरिकन फ़िल्म देखी ?
दोस्त अच्छा ?
पहला सरदार... यार पता नही केसे यह गोरे ९० मिन्ट तक उसे देखते है, मै तो बोर हो गया , ना कोई आवाज, ना कोई चित्र ?
दोस्त...... अच्छा... कुछ सोच के यार उस फ़िल्म का नाम क्या था ?
पहला सरदार... NO DISC INSERTED ( डिस्क अन्दर नही है)
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कस्तुरी लाल , बनबारी लाल को एक दिन गली मै मिल जाता है. तो....
कस्तुरी लाल... बनबारी लाल जी देखिये आप का बेटा रोजाना मेरी नकल करता है, जेसे मै चलता हुं, ओर जो भी मै करता हुं वो सब वेसा हि करता है.
बनबारी लाल जी...कस्तुरी लाल जी आप बेफ़िक्र रहे मै उसे आज ही समझा दुंगा कि.... वो बेवकुफ़ो वाली हरकते ना करे
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एक आदमी रात को दो बजे उठा ओर नहा धो कर पुजा पाठ करने लग गया..... काफ़ी देर तक वो भगवान का नाम जपता रहा..... फ़िर बोला है भगवान देख सारी दुनिया सो रही है... ओर मै तेरी पुजा मै लगा हुं.... तभी साथ वाली चारपाई से आवाज आई, अबे पुजा कर हमारी शिकायत मत कर
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भिखारी, ताऊ से आप के पडोसी ने मुझे भरपेट खाना खिलाया है, आप भी कुछ दे ?
ताऊ अंदर से जमाल घोटे की पुडिया ले आया ओर उसे दे दी
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कोई सरदार को मोबाईल पर बार बार तंग कर रहा था , तंग आ कर सरदार जी ने सिम बदल लिया, ओर उस आदमी को फ़ोन करके बताया, ओए मेने सिम बदल लिया, अब तेरा बाप भी मुझे तंग नही कर सकता

ताऊ का ईलाज केसे होगा ??

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नमस्कार आप सभी को,
अब तबीयत भी काफ़ी अच्छी हो रही है धीरे धीरे ओर अब दिल भी नही लग रहा आप सब के बिना, कल से आप सब की सेवा मै फ़िर से हाजिर रहूंगा...
लेकिन यह हमारे ताऊ जी है, इन की परेशानी कुछ अजीब सी है, अगर आप मै से कोई इन का इलाज कर सके तो बहुत अच्छा होगा, क्योकि सभी डा० इन का ईलाज करते करते माथा पकड लेते है, ओर इन्हे जेब से पेसे दे कर हाथ जोड कर वापिस भेज देते है...
तो सुने पिछले डा० साहब ओर ताऊ की कहानी...

डा,.... ताऊ जी राम राम जी की.
ताऊ मरीज... डा साहिब राम राम जी की.
डा.... ताऊ जी केसे है आप ?
ताऊ.... भई डाकदार साहब आराम कोईना आया,तबीयत घणी ज्यादा खराब हो गई.
डा.... दवाई खा ली थी ? (खाली )
ताऊ.. डाकदार साहब दवाई की शीशी तो भरी हुयी थी.
डा.... अरे ताऊ जी मेरे कहने का मतलब आप ने दवाई ले ली थी ?
ताऊ... डा साहब केसी बाते करते हो, आप ही ने तो दवाई दी थी, ओर मेने ले ली थी.
डा:::ताऊ जी आप ने दवाई पीली थी क्या ?
ताऊ...डाकदर साहब दवाई पीली नही लाल थी !
डा... ने अपना सर पकड लिया ओर बोले अबे ताऊ दावाई को पीलिया था क्या ?
ताऊ... डाकदार साहब पीलिया तो मुझे है दवाई को थोडे ही है....
डा.... अबे ताऊ मेरे कहने का मतलब तुम ने दवाई को मुंह लगा कर अपने पेट मे डाल ली थी क्या ?
ताऊ... ना डाकदर साहब ना जी.
डा.... क्यूं ?
ताऊ..क्यूं कि उस का ढक्कन जो बन्द था ?
डा... तो खोला क्यो नही ?
ताऊ...डाकदार साहब आप ने ही तो कहा था कि... शीशी का ढक्कन बन्द रखना.
डा....ताऊ तेरा इलाज मेरे पास नही
ताऊ... तो डाकदार साहब यह तो बता दो मे ठीक केसे होऊगां...

४,५,६ ओर फ़िर अन्तिम दिन...

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चोथा दिन....
सुबह करीब ५ बजे छोटी भाभी मां को देखने गई तो, उसे कुछ आजीब सा लगा, उस ने जल्दी से मुझे ओर भाई को जगाया, मेने ध्यान से मां को देखा तो आंखो मे आंसू वह रहे थे, फ़िर मेने मां के सर पर हाथ रखा जो गर्म था, तभी मेने हाथ पकडा तो बिलकुल ठंडा लगा ओर हम ने जल्दी से ड्रा को बुलाया, ड्रा जी ने कहा बस अब जो करना हो कर लो इन का अंतिम समय आ गया, ओर ड्रा जी ने एक शीशा नाक के पास लगा कर देखा था, भाभी जल्दी से एक बुजुर्ग ओरत को बुलाने चली गई जिस ने पहले भी हमारी बहुत मदद की थी, मै पहले तो बहुत घबरा गया, भाई मेरे से भी ज्यादा घबरा गया, फ़िर मेने हिम्मत कर के, अपने ऊपर काबू कर के मां को ऊठा लिया ओर भाई को जोर से कहा चल मेरी मदद कर ओर भाई ने मां के दोनो पेर पकड लिये ओर जल्द से हम ने मां को उस जगह जमीन पर लिटा दिया, जहां पिता जी ने प्राण छोडे थे, ओर मेने अपने घुटने ( गोडे) पर मां का सर रख लिया, ओर साथ मै ही दिया भी जला दिया, इतने मै वो बुजुर्ग पडोसन भी आ गई, ओर उस ने मां का मुयाना किया तो कहा कि अभी कुछ सांसे बाकी है, ओर उस बुजुर्ग ओरत ने मां के मुंह मे गंगा जल डाला ओर फ़िर हम सब गायत्री मंत्र का जाप करने लगे, कुछ देर बाद भाई ने भी अपना घुटना मां के सर के नीचे दिया, मां की आंखो मे कुछ ओर आंसू आये ओर हम सब को छोड कर चली गई.....मै तो रॊ भी नही पाया एक दम से चुप सा हो गया.

उस समय मुझे ऎसा लगा कि इस भरे संसार मै मेरे ऊपर से एक घने पेड की छाया मुझ से छीन गई.........मै भरी दोपहरी मै...... किसी धुप वाली जगह पर खडा हुं, दिल अन्दर ही अन्दर रो रहा था, लेकिन आंखो मे आंसु नही थे, फ़िर सभी जान पहचान वालो को रिशते दारो को फ़ोन किया ओर आग्रह किया कि वो भी सभी जान पहचान वालो को बता दे,फ़िर बाकी की तेयारी सब करनी शुरु कर दी, मोहल्ले वाले भी सभी इकट्टे हो गये ओर सभी लोगो ने हम दोनो भाई की मदद करनी शुरु कर दी, मुझे सभी ने बेठे रहने की इच्छा जता दी कि भाईया आप बेठे, अंकल आप बेठे

फ़िर चिता देने के बारे बात हुयी तो मेने मना कर दिया कि मै मां को चिता नही दुंगा, जिस मां ने हमे हमेशा सर्दी गरमी से बचाया मै उसे केसे चिता के हवाले कर दुं, ओर भी भाई ने इसे करने की बात मान ली, ओर बाजार से सारा समान भी ले आया, ओर अपने नाप के कपडे भी, फ़िर पंडित जी आये, ओर उन्होने कहा कि चिता तो आप ही देगे, मेरे मना करने पर पंडित जी ओर बहुत से लोगो ने मुझे समझाया तो मुझे इस कार्य के लिये तेयार होना पडा, ओर फ़िर भाई के नाप वाले कपडे ही मुझे पहनाने पडे, जो काफ़ी तंग थे, पाय्जाम तो बेठते ही फ़ट गया. फ़िर दोपहर तक सारे रिशते दार ओर जानपहचान वाले, अडोसी पडोसी इकठ्ठे हो गये, ओर हम सब मिल कर मां की अर्थी को ले कर शमशान घाट की ओर चल पडे,वहां पंडित जी ने सारी रशमे निभाई, पुजा कि ओर फ़िर मां को आखरी प्रणाम कर के उन्हे चितां दे दी, लेकिन चिता देते समय मेरा रोना फ़ुट गया लेकिन सभी साथी लोग मुझे सहारा दे रहे थे समझा रहे थे ओर फ़िर मै वहां काफ़ी देर वेठा रहा, फ़िर सभी ने मुझे अपने साथ लिया, फ़िर पंडित जी ने हम दोनो भाईयो कि तरफ़ से सब का धन्यवाद किया, ओर चाय नास्ता कर के जाने को कहा, ओर साथ ही चोथे का समय भी बता दिया, फ़िर मेरे से कुछ जरुरी पुजा करवाई ओर कुछ नगद पेसे ले कर ( दक्षिणा )ले कर अगले कार्य कर्म के बारे बता दिया, फ़िर हम सब घर वापिस आ गये, ओर आज पहली बार यह घर मुझे बेगाना लगा

लेकिन अब यह घर मुझे बेगाना सा लग रहा था, मां की हाय हाय अब भी सुनाई दे रही थी कानो मे, बेठ बेठा ऊठा कर कभी मां को पानी पिलाने के उठता, लेकिन फ़िर वापिस बेठ जाता,फ़िर चाय बगेरा सब को पिलाई, खुद भी पी..... फ़िर आगे के कार्य कर्मो के बारे मै अपने से बडॆ लोगो से राय मांगी कि क्या क्या करना होता है ? फ़िर उस के हिसाब से मेने कमर कस ली, कहां तो मुझे गर्मी बहुत लगती थी, ओर कहा मां को शांति मिले इस लिये सभी काम खुद करने लगा, पुजा के लिये समान लाना, आने जाने वालो के लिये भोजन का इंतजाम करना, चोथे के लिये हलवाई बिठना, ओर जो लोग आज आये थे उन सब के लिये खाने का इंतजाम करना, ओर चोथे तक मै खुब घुमा गर्मी मै घुमा,ओर भगवान से यही प्राथना करता था, है भगवान मुझे अभी बिमार मत करना, ....

आज रात को भी नींद नही आई, बस युही सोचता रहा मां के बारे, पिता जी के बारे, भाई के बारे, उस के बच्चो के बारे..... दिमाग फ़टने को आ गया लेकिन कुछ भी सही सोच ना पाया, किसी भी फ़ेसले पर पहुच पाना कठीन था, ओर आज मेने पहली बार सर दर्द की गोली खाई ओर कब नींद आ गई पता नही.
पांचवा दिन...
पांचवा छटा ओर बाकी दिन.....
आज के दिन बहुत से अडोसी पडोसी मिलने जुलने आये, कई रिशतेदार भी दोबारा आये, ओर फ़िर पंडित जी ने भी काफ़ी समान लिख वाया वो सब मेने खुद ही इकट्टा किया, पसीने के मारे बुरा हाल गर्मी ने भी मुझ से गिन गिन कर बदले लिये, लेकिन मेने हिम्मत नही हारी, हां अब मेने खुब सारी शिकंजबी पीनी शुरु कर दी थी, या फ़िर पानी मै नींबू डाल कर पीता था, यह पांचवा दिन भी युही बीत गया, जब भी घर से जाता तो मुंह से निकला अच्छा मां मै बाजार जा रहा हुं, लेकिन फ़िर याद आ जाता कि ......

(मुझे तो पता नही था, जिस दिन मां को चिता दी उसी दिन कुछ जल चढाने, या छींटे मारने जाना था, मां की चिता पर, लेकिन मुझे रात सोने के समय यह पता चला, तब करीब रात के बरह बज गये थे, तो मेने भाई को कहा चलो अब चल पडते है, लेकिन सब ने रोक लिया) आज शाम को मेने याद रखा, ओर शाम चार बजे मै ओर मेरे भाई का लडका मां की चिता पर जा कर पानी के छींटे मार आये, हम दोनो को पता नही था कि क्या ओर कोन सा मंत्र पढना है, बस हम ने अपनी समझ से ही मां कॊ प्रणाम किया, कुछ जल छीडकां, ओर वापिस घर आ गये...

आज भी नींद आंखो से कोसो दुर थी... पता नही कब सो गया...

तेहरवां दिन ...
आज बहुत ही जल्द मेरी आंख खुल गई,शायद चार बजे, मेने दांत साफ़ किये थोडा पानी पिया, ओर फ़िर नहाने चला गया, नह कर निकला तो , थोडी देर मै पंडित जी आ गये, राम राम करने के पश्चात मेने उन्हे सारा समान सोंपा
आज मां को गये द्स दिन हो चुके थे,फ़िर पंडित जी ने आटे के दिये मंगवये, हां सब से पहले रेता मंगवाई, कुछ रेता को फ़र्श पर डाल कर उस पर स्वास्तिक का निशान, आटे से बनाया, फ़िर कुछ लिखा, फ़िर मेरे से कई पिंड बनबाये,अब याद नही शायद २४ या फ़िर कम या ज्यादा, फ़िर दिये जलाये कुछ दियो मे कच्ची लस्सी ( दुधिया पानी ) जेसा भी भरा, फ़िर काफ़ी देर तक मंत्र पढते रहे, ढुप बत्ती भी करते रहे ओर मै उन के बाद उन के पीछे उसी मंत्र को दोहरा रहा था, फ़िर पडितं जी ने एक एक पिंड को पुजना शुरु करवाया, इन सब बातो मे काफ़ी समय लग गया, फ़िर पडित जी ने हवन करना शुरु किया,

मेने भाई को ओर उस के लडके को पहले ही समझ दिया कि हवन समाग्री एक ही स्थान पर मत डाले, ओर पडितं जी ने श्लोक पढने शुरु किये हओ हवन को अग्नि दी, लपटे खुब ऊंची उठी गर्मी तो बहुत थी, लेकिन आज इस हवन से मुझे गर्मी कम , प्यार ज्यादा मिला, ओर कई दिनो से खराब तबीयत काफ़ी हद तक ठीक हो गई, हवन भी काफ़ी देर तक चला, फ़िर पडितं जी ने आखरी मंत्र ओर शलोक पढे ओर हम सब को खडे होने का संकेत किया, फ़िर पडिंत जी ने अपनी दक्षिणा मांगी, वा अन्य समान मांगा, मेने बिना आना कानी किये, पडितं जी को उन की दक्षिणा ओर उन का समान उन्हे दे दिया, ओर पडितं जी खुशी से विदा ले कर चलेगये,
फ़िर सब ने चाय पी, को नाश्ता किया.

अब मेरे यहां के सारे काम पुरे हो गये थे, ओर रुकने का सवाल ही बाकी नही था,एक काम शुधि करण रह गया था , जो मेने पंडित जी से पुछ लिया कि क्या यह कर्म मै अपने घर जा कर कर सकता हुं ? तो पंडित जी ने कहा कि १६ दिनो के बाद इस साल मे कभी भी किसी भी दिन कर सकते हो, ओर भाई ने कहा कि भईया मै यहां कर लूंगा, लेकिन मेने कहा तुम करो लेकिन मै वहा इसे जरुर करूंगा, लेकिन आते ही पहले मै बिमार पड गया, ओर फ़िर अस्पताल चला गया, अब हम इस कर्म को यहां सितम्बर मै दुसरे सप्ताह करेगे,

मां कि अस्तिया व्यास नदी मै बहा आया था, जहां रास्ते मै मुझे वत्स शर्मा जी मिले, बिलकुल ऎसे जेसे हम पहली बार नही बल्कि कई बार पहले भी मिल चुके हो, उन्होने बहुत प्यार ओर सम्मान दिया, बहुत अपना पन दिया... बाते तो बहुत सी थी लेकिन समय की नाजुकता को देख कर उन्ह से भी भीगे मन से इजाजत लेनी पडी,

मेरी इस दुख भरी यात्रा से किसी का दिल दुखे तो माफ़ करे, बाते तो बहुत सी है लेकिन अब इस लेख को मै आज यही खत्म कर देता हुं.....
आप सभी का धन्यवाद जिन्होने मेरे इस सब लेखो को पढा, मुझे हिम्मत दी, मेरे आंसू पोछे
हां उस से अगले दिन यानि ३ सितमबर को मै सुबह सुबह भारत से चला ओर शाम ६ बजे अपने बच्चो ओर अपनी बीबी के पास था, यह सब मुझे लेने मुनिख एयर पोर्ट पर आये हुये थे

घर मै दुसरा ओर तीसरा दिन...

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घर मै दुसरा दिन...
आज सुबह चार बजे मां को देखा तो सांसे चल रही थी, ओर शरीर भी गर्म था, फ़िर कुछ समय मै लेटा तो पता नही कब नींद आ गई, जब उठा तो मां की हाय हाय सुन रही थी, शायद मां दर्द से तडप रही थी, ओर हम सब कुछ भी नही कर पा रहे थे, दवा भी तभी दे जब मां कुछ खा पी रही हो, मां ने तो एक महीने से खाना पीना छोड दिया था, बस चम्मच से ही थोडा बहुत पानी पी रही थी, वो सारा दिन भी मै मां के सिरहाने बेठा रहा, एक बार मां ने बहुत मध्दिम सी आवाज मे कहा राज तु आ गया अच्छा किया.ओर मै मां के हाथो को सहलाता रहा,कभी मुंह मे गंगा जल दे रहा था, लेकिन गंगा जल का रंग बिलकुल पीला था, यानि बहुत गंदा, लेकिन हमारी हिन्दू नीतियो के सामने कई बार ऎसे मोको पर चुप रहना पडता है,जिस समाज मै रहना है उस के साथ ताल मेल बिठाना भी जरुरी है.

फ़िर सारा दिन मिलने जुलने वाले , हाल चाल पुछने वाले आते जाते रहे, सभी से बात करते सुनते दुख बंटता गया, ओर फ़िर रात आई मै दिन मे आज कुछ सो गया था, इस लिये रात को सब ने जागने का प्रोगराम बनाया कि बारी बारी से जागे गै, ओर बाते करते करते रात के दो तीन बज गये, मां की हालात देखी नही जा रही थी, ओर मां के ठीक होने के कोई आसार नही नजर आ रहे थे बस सभी भगवान से यही प्राथना कर रहे थे कि है भगवान इन्हे अब ज्यादा मत तडपाओ, इन्हे मुक्ति देदो.....फ़िर थोडी देर के लिये सब सो गये, लेकिन थोडी सी आहट पर हम सब जाग जाते. ओर किसी तरह से यह दिन भी निकला.

अब अडोसी पडोसीयो से घर के बारे कई बातो की खुसर पुसर भी कानो मे पढने लगी, लेकिन मै मां की हालत देख कर बहुत परेशान था, ओर सब कुछ सुन कर, जान कर भी चुप रहा, जेसे कोई नालायक बेटा हो.... मां के ऊपर कितना कुछ बीता लेकिन मां ने कभी मुझे नही कहा, क्यो? यह सवाल मां से करना चाहता था ? लेकिन मां तो बोल ही नही पा रही थी, बोल मां एक बार तो बता क्या यह सब बाते जो मुझे सुनाई दे रही है सच है ? इतना बेबस कभी ना हुआ था, अगर आज मां अच्छी हालात मै होती तो... मै मां की बेज्जती का बाद्ला तभी ले लेता..... लेकिन अब मुझे भी अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था, लेकिन करुं क्या समझ मै नही आ रहा था, भाई से एक दो बार सवाल किया तो वो खामोश हो जाता... क्या करुं इस समय बस अपने आप मे ही उलझता गया, ओर सारा गुस्सा पीता गया.

लोग कहते है कि बेटा हो तो स्वर्ग मै जगह मिलती है, बेटे मां बाप की सेवा करते है, तो कोई कहता बेटी मां बाप की सेवा करती है? क्यो हम आपस मै झुठ बोलते है, सेवा बस अच्छे बच्चे ही करते है, नालायक बस दिखावा करते है, सेवा नही, नालाय्क चाहे बेटा हो या बेटी वो मां बाप की बेज्जती ही करते है, उन के पेसॊ पर ऎश तो करते है उन्हे गालियां भी निकालते है, मत मांगो अपने लिये बेटा या बेटी मांगो तो अपने लिये अच्छे बच्चे वो किसी भी रुप मै क्यो ना हो, जो कम से कम मां बाप की सेवा ना करे लेकिन उन्हे वक्त से पहले लज्जित कर के मोत के मुंह मै ना धकेले....... मेरा इन दो दिनो मे सोच सोच कर बुरा हाल हो गया था, ओर फ़िर सामने मेरे नाटक होता जेसे सब श्रवण ही थे??
पता नही कब सोचते सोचते नींद मै चला गया....................
ओर फ़िर तीसरा दिन...
मुझे सुबह जल्दी जगाने की आदत है, रात को चाहे कितनी भी देर से सोऊ, सुबह ५,३० पर मेरी आंख खुली सब सोये थे, मैने दांत साफ़ किये पानी पिया, दो तीन चम्मच पानी मां के मुंह मै डाले, आज मां अन्य दिनो से थोडी शांत थी, मेने मां को बुलाया तो मां थोडा गरदन को हिलाया, फ़िर मेने मां के सर पर हाथ फ़ेरा, लग रहा था कि आज मां को दर्द कम होगी फ़िर १०,१५ मिंट मै बाहर घुम आया, ओर फ़िर आ कर मां के पास बेठ गया, आज मां से मेने अपने दोनो बेटो की आवाज भी मां के कानो तक मोबाईल से पहुचाई, पता नही मां मै कहां से हिम्मत आई कि बिलकुल साफ़ शब्दो मे अपने पोतो का नाम पुकारा, फ़िर एक शांति सी छा गई, फ़िर सारा दिन आने जाने वालो का तांता लगा रहा, मां की जान पहचान बहुत थी, क्योकि सभी के दुख को मां अपना दुख समझती थी, सभी को नेक सलाह देन, मदद देना मां का पहला काम था, ओर मां को देख कर सभी यही कहते है कि है भगवान तु यह केसी बेइंसाफ़ी कर रहा है, जो ओरत आज तक सब के दुख बांटती रही, अपना पराया ना देख कए सब की मदद करती रही तु उस के साथ यह सब क्यो कर रहा है??

अब सारा दिन मां के सिरहाने बेठा रहता, कभी कभी भाई से मां के बारे पुछता तो सही जबाब ना मिलता, मां की कोई आखरी इच्छा जो मां ने कभी बताई हो, लेकिन भाई हर बात को टाल जाता, दवा के बारे पूछता तो कभी कोई जबाब तो कभी कोई जबाब, फ़िर मेने डा के पास लेजाना चाहा तो हमारे मित्र डा जी ने साफ़ मना कर दिया कि इन्हे लेजाना बेकार है, अब इन्हे आराम से यही रहने दे, मै सारा दिन मां के सिरहाने बेठा रहता, ओर हार आने जाने वाले से मां की एक एक बात जानना चाहता, भगवान से यही कहता है भगवान एक बार सिर्फ़ एक बार मां मेरे से कोई भी बात कर ले बस एक बार.......मेरी मां मुझ से बात कर ले, मै मां से उस की आखरी इच्छा ही पुछ लुं....

मै मां के पास बेठा रहता था, ओर मां का हाथ थोडी थोडी देर बाद पकड लेता, ओर आज की रात मां का हाथ थोडा ठंडा लगा, लेकिन सभी कहे नही गर्म है, लेकिन बार बार जब भी मां के हाथ पांव छुता तो मुझे थोडे ठंडे लगे..मेने सब को कह दिया कि आज की रात कुछ होने वाला है, रात बारी बारी से जागने की सलाह बनी... लेकिन आज फ़िर रात का एक बज गया, फ़िर सभी लोग धीरे धीरे अपने घर चलेगे,युही कब रात के तीन बज गये पता ही नही चला, हम सब भी थोडी देर के लिये लेटे तो पता नही कब आंख लग गई ( नींद आ गई ) लेकिन पिछले दिनो की तरह से ही थोडी सी आहट पर भी मै झट से उठ बेठता, कब रात गुजर गई पता ही ना चला...

घर मै पहला दिन.....

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मां के चरणॊ मै
सुबह करीब ३,३० बजे मै दिल्ली पहुच गया, ओर आधे घंटे मै एयरपोर्ट से बाहर आ गया, वहा से सीधे टेक्सी पकड कर, रोहतक घर पर सुबह ६,३० पर घर पहुच गया था,अभी सभी सोये हुये थे, अन्दर जा कर देखा तो मां निठाल सी हड्डियो के पिंजर के रुप मे अपने बिस्तर पर पडी थी, जीवन की अंतिम सांसे गिनती हुयी, मेने पाव छुये... पता नही मां को मेरे आने का पता चला या नही, फ़िर मै काफ़ी देर मां के पास बेठा रहा,सारा समय जहाज मै भी नही सोचा ओर अब मुझे २४ घंटे हो गये थे, लेकिन नींद का नाम भी नही था आंखॊ मै,बस मां को देख कर दिल रो ही रहा था कि कहा तो मां मुझे लेने के लिये एयरपोर्ट आती थी..... ओर अब उठ कर प्यार भरा हाथ भी सर पर ना रख सकती है, क्या करुं मां जिस से तु फ़िर से ठीक हो जाये ? अरे मै तो तेरा पासपोर्ट भी बना चुका हुं, सोचा था थोडी ठीक होगी तो साथ ले जाऊगां, ओर फ़िर वहा कानून से खुद ही लड कर तुझे अपने पास ही रखूगां... लेकिन तु तो कही ओर जाने को तेयार बेठी है. जब भी मां के होठ हिलते तो ध्यान से देखता कही कुछ समझ मै आ जाये ?? लेकिन वहा सिर्फ़ कराह ही सुनाई देती, हि भगवान क्यो दुख दे रहा है तु मां को ? तेरे सारे वर्त, पुजा यही तो करती रही है, क्या यही फ़ल दे रहा है.....

दोपहर को ड्रा साहब आये, उन्होने बस मां का ध्यान रखने को ही कहा कि किसी भी समय कुछ भी हो सकता है, मां के शरीर पर मांस नाम मात्र ही बचा था,ओर शाम होते होते मां के हाथ पांव ठंडे होने शुरु हो गये, पडोस मे एक स्यानी (बुजुर्ग ) ओरत थी उन्होने मां को देख कर कहा की अब इन्हे नीचे उतार लो ... बस कुछ समय की ही मेहमान है, भाई ओर उस की वीवी ने सारी तेयारी कर ली, फ़िर ड्रा जी आये ओर उन्होने भी कहा कि बस कुछ ही घंटो की मेहमान है, आप सब ध्यान रखे, धीरे धीरे हाथ पांव ठंडे होने लगे तो हमारी छोटी भाभी बोली भईया अब नीचे उतार लो.... जब मै मां को उठाने लगा तो मेरा मन नही माना.... जो मां हमारे लिये आज तक खुद गीले मै सोती रही उसे नीचे फ़र्श पर केसे लिटा दुं, फ़िर पता नही क्यो मुझे लगा कि मां इतनी जलदी नही जाने वाली, ओर मेने सब को मना कर दिया कि मां की सांसे जब तक है, मै हर पल मां के सिरहाने बेठा हुं, ओर जब समय आयेगा तभी नीचे उतारेगे.

Maa.mp3


उस दिन सारा समय मै मां के पास बेठा मां का हाथ पकडे रहा, सोचने लगा कि अब भगवान से क्या मांगू ? मां जिस अवस्था मै है ओर तडप रही है.... क्या अब मां की लम्बी उम्र मांग कर मां को दुखी तो नही कर रहा ? बस यही इंसान लाचार हो जाता है, जिस मां की एक आवाज ,एक बात इस घर मै हुकम होती थी, जो रानी की तरह रहती थी आज ....... दिल अंदर ही अंदर रॊ रहा था, है भगवान यह केसा समय ले आया तु मेरी जिन्दगी मै, जो अपनी ही मां की मोत चाहता है, अब केसे तुझ से प्राथना करुं कि ले ले मेरी मां के प्राण, उसे ज्यादा मत सता.....बस पता नही कब रात हो गई, मै मां के सिरहाने बेठा पता नही कितने युगो पिछे यादो मे खो गया, फ़िर मां को बुलाता, लेकिन मां की तो कराहने की आवाज ही आती, हाय... हाय करती.... ओर उस रात हम सब जागते रहे, ओर सुबह तक मां का शरीर फ़िर से गर्म हो गया, ओर कब मेरी आंख लग गई पता नही चला.

मेरी अकस्मात भारत यात्रा....

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मेरी अकस्मात भारत यात्रा....
आज १८ जुलाई का दिन , मै घर पर ही था कि सुबह सुबह फ़ोन बजा, इतनी सुबह फ़ोन हमारे यहां कभी नही आते, देखा तो भारत से था, एक मिस काल, मेने झट से वापिस फ़ोन किया, तो भाई कि बीबी बोली मेने ज्यादा ध्यान नही दिया, ओर सुबह सात बजे ओफ़िस चला गया, लेकिन आज कुछ अच्छा नही लगा, तो मै तीन बजे ही घर आ गया ओर दोवारा घर फ़ोन किया इस बार भाई से बात हुयी, काफ़ी देर तक बात हुयी, फ़िर फ़ोन रख दिया, फ़िर थोडी देर बाद फ़ोन मिलाया, फ़िर काफ़ी पूछता रहा, मां के बारे, एक एक बात पुछी, फ़िर फ़ोन काटा, ओर फ़िर अपने परिवारिक ड्रा से सलाह मांगी ( यहां ड्रा से ऎसी सलाह मांगनी मना है ओर ड्रा लोग बताते भी नही) लेकिन हमारा ड्रा तीस साल से एक ही है, ओर अच्छी जान पहचान है, उस से बात कर के तस्सली नही हुयी, फ़िर भाई को बार बार फ़ोन किया,इतना परेशान तो मै कभी नही हुया,

फ़िर सोचने लगा कि किसे फ़ोन करुं... यहां तो सभी मेरे जेसे ही अंजान है, फ़िर मुझे ताऊ ( राम पुरिया जी ) की याद आई, मेने झट से उन्हे फ़ोन मिलाया, लेकिन उन का मोबाईल बन्द, दुसरे ना० पर मिलाया वो भी बन्द, फ़िर मन ही मन बुदबुदाया अरे ताऊ कहा मर गया, आज तो मुझे तेरी सख्त जरुरत है, फ़िर समय देखा, ओर ताऊ के घर का ना० मिलाया सोचा ताई उठायेगी तो पहले तो माफ़ी मांगुगां, फ़िर ताऊ के बारे पुछूंगा, लेकिन ताई को पुकारुगां किस सम्बोधंन से?? ओर मेने ताऊ के घर का न० मिलाया, अरे बिना घंटी बजे ही उधर से ताऊ की आवाज आई, तो मेने ताऊ से सारी बात चीत की ,ओर उन्हे सारी बात बताई, फ़िर भाई को फ़ोन लगाया, फ़िर ताऊ को , फ़िर भाई को फ़िर ताऊ को.... फ़िर ताऊ से मांफ़ी मांगी की आज आप को तंग कर रहा हुं, फ़िर ताऊ राम पुरिया जी ने सलाह दी कि भाटिया जी अब देर मत करो , मत सोचो.... बस जल्द से जल्द घर पहुचो....

मेने ताऊ जी को बताया कि मै तो दोपहर से सीट ढुंढ रहा हुं, लेकिन छुट्टियो कि वजह से मुझे किसी भी हवाई जहाज मै जगह नही मिल रही, ओर अगर मिलती है तो हद से ज्यादा मंहगी, लेकिन मेने अपने भाई को बोल दिया कि मै कल या परसो सुबह तक हर हालात मै पहुच जाऊगां, मेने सभी एयर लाईन ओफ़िस को फ़ोन लगाया, इन्टर्नेट मै खुब ढुंढा.... लेकिन सब ओर से निराशा, ओर अगर टिकट मिलती है तो एयर ईंडिया कि ओर वो भी हद से मंहगी.... करुं तो क्या करूं ? फ़िर थक गया, रात के करीब दस बज गये,
सब सोने चले गये, मुझे नींद नही आ रही थी, फ़िर उठा... ओर इस बार फ़िर से सब जगह गया तो एक सीट मुझे Fin Air मै मिली, दाम तो ठीक ठाक था, ओर समय भी अन्य एयर लाईन से कम लग रहा था, दुसरी सीट मिली अरब अमीरात की, लेकिन इस एयर लाईन मै मै जाना नही चाहता था, फ़िर मेने फ़िन एयर की सीट चेक कि, समय चेक किया, सब जगह अच्छी तरह से देखा, ओर टिकट बुक कर दी, साथ मै होम बेंकिग से पेसे भी दे दिये, करीब ३,४ मिंन्ट बाद ही मुझे सीट मिल गई.


२० तारेख को जाना निश्च्य हुआ, ओर २१ की सुबह ३ ओर ४ के बीच भारत पहुचना था, सोम बार सुबह बच्चे मुझे एयर पोर्ट छोड आये, कहां तो सीधी फ़लाईट ७ घंटॆ मै भारत पहुच जाता हुं, ओर कहा इस बार १८ घंटे.. चलिये पहले हम फ़िन लेंड गये हवाई जहाज से, फ़िर कुछ समय फ़िन लेंड मै बिता कर( इस बीच मै शहर घुम आया) फ़िर वहा से मास्को होते हुये भारत पहुये,हमे जहाज मै ही इस बार एक फ़ार्म एक्स्ट्रा मिला, जो स्वाईन फ़लू का था, मेने क्या सब ने उसे भर, जब हम एयर पोर्ट पर उतरे ओर देख कर हेरान रह गये कि चारो ओर लोग मास्क लग कर घुम रहे है, ओर खुब पुछ ताछ हो रही है, मुझे यह सब पाखंड लगा, ओर है भी, क्योकि यह सब सिर्फ़ भारत मै ही है, एयर पोर्ट से बाहर निकते ही गंदगी के ढेर चारो ओर स्वागत करते है,अगर सरकार इस ओर ध्यान दे तो...., पीने का पानी गंदा, बोतल का पानी नकली, हर चीज मे मिलाबट, फ़िर एयर पोर्ट पर यह पाखंड नही तो क्या,दुध की बनी चाय पीते डर लगता है, पता नही कही हम जहर तो नही पी रहे, साफ़ पानी पीते डर लगता है, बोतल का पानी बदबू मार रहा होता है, लेकिन स्वाई फ़लू के डर दिखा कर करोडो रुपया खर्च कर के दिखावा जरुर करेगे, जिस का कोई लाभ नही, हम लोगो ने इसे एक बहुत बडा होवा बना दिया,जब कि वापसी मै किसी भी ऎयर पोर्ट पर ऎसी कोई ढाकोसले बाजी नही दिखी, कोई फ़ार्म नही भरा,कोई मास्क लगा आदमी नही दिखा........
दिल्ली एयर पोर्ट से टेकसी ले कर सीधे ६३० तक रोहतक घर पहुच गये .

क्रमश.....

जब दिल ही दगा दे जाये तो.....

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नमस्कार , मेने जब अपनी पहली पोस्ट( इस महीने की) लिखी ओर वादा किया कि कल से मेरी बाकी पोस्ट छोटी छोटी बातो नाम के ब्लांग पर प्रकाशित करूंगा.... ओर वो कल मेरे से बहुत दुर चला गया था, यनि दुसरे दिन सुबह जल्द उठा, ओर बच्चो को भी छुटिया थी, मुझे भी एक सप्ताह की ओर छुट्टी थी, आज बच्चो का अलग अलग कमरा करना था, थोडा काम कल रात को कर दिया था, बाकी छोटे मोटे काम मेने सुबह सुबह शुरु कर दिये, थोडी देर के लिये टेलीफ़ोन बन्द किया, ओर लाईन दुसरी तरफ़ से बनाई, फ़िर इंट्रनेट का कनॆकशन लगाया ओर चेक किया, एक तार बडॆ लडके के कमरे मै लेजानी थी, सोचा तारो का जाल नही दिखे इस लिये इस तार को भी छुपा कर ले जाये जाये ? बस इसी तार को ले कर उलझण मे था, इतनी देर मै बच्चे भी उठ गये, ओर तार को लगाने की पुरी तेयारी हो गई.

tujh se naraz nahi...

बस तभी मेरे को बहुत गर्मी लगने लगी, ओर थोडा चक्कर भी आया, तो मै अपने बेटे के बेड पर लेट गया, ओर पानी का गिलास गटक गया, लेकिन आराम नही आया, तो नीचे अपने बेड रुम मै आ गया, ओर खिडकी पुरी खोल दी ओर बीबी को बोला की अफ़्रिकन पंखे से मुझे हाथ से खुब हवा करो, लेकिन बेचेंनी बढती गई, इतना पानी पीने के वाबजुद मेरी जुबान सुखती गई, ओर हाथ पेरो की ताकत भी कम होने लगी, दिल घबराने लगा, तभी किसी आशिक कि तरह से हाथ दिल पर गया तो देखा की दिल पागलो की तरह से धडक रहा है, यानि बहुत तेज.... बीबी को आवाज दी... वो भी घवरा गई, थोडी देर तक दिल(छाती ) को हाथो से दबाता रहा.... लेकिन पसीने से तरबतर होता रहा, फ़िर धीरे धीरे लगा कि मेरी ताकत खत्म हो रही है.

फ़िर मेने बडॆ बेटे को आवाज दी कि जल्द से एमबुलेंस को फ़ोन मिला, बेटे ने एमबुलेंस को फ़ोन मिलाया... करीब तीन मिंट मे डा० ओर दो मिंट बाद एमबुलेंस ओर एक डा० ओर आ गया, अब तक मुझे दिखना धुंधला हो गया था, ओर सांस लेने मै काफ़ी कठिनाई हो रही थी, डा० ने सब से पहले चेक किया ओर मेरी हालात देख कर मुझे आक्सीजन लगा दी, जिस से मुझे फ़िर से सांस आनी शुरु हो गई,कुछ पुछते रहे ओर मेरे कई अलग अलग पास मांगते रहे, जिसे मेरे बेटे ने उन्हे दे दिया, फ़िर मुझे उठा कर एम्बुलेंस मै लेजाने लगे, तो मेने कहा कि मै पेदल चल सकता हुं, तो मै पेदल ही दो डा० ओ के सहारे एमबुलेंस तक गया, उस के बाद मेरी आंख खूली तो मै अस्पताल मै लेटा था, ओर बहुत सी मशीने लगी थी, मै करीब एक दिन एमर्जेंसी कमरे मै रहा, मेरे शरीर मै तारे ही तारे लगी थी, फ़िर आक्सीजन, फ़िर आई सी जी पता नही क्या क्या लगा रखा था, मेरी हल्की सी हरकत पर परियो सी सुंदर नर्स झट आ जाती थी, फ़िर शाम को बच्चे ओर बीबी मिलने आये, फ़िर डा आया ओर उस ने सारी बात मेरे बच्चो को समझाई कि कल इन्हे बिजली के झटके दिये जायेगे, ओर पेट मे नाल डाल कर भी चेक अप किया जायेगा, क्योकि दिल सही काम नही कर रहा, फ़िर मुझे समझाया गया किया सारा काम हम आप को बेहोश कर के करेगे, दुसरे दिन सुबह मुझे नाश्ता नही दिया गया, ओर मै इंतजार मै था कब .... लेकिन तभी एक हसीन सी नर्स नाश्ते की ट्रे ले कर आई ओर बोली लिजिये नाश्ता किजिये?? मुझे विशवास नही आया तो मेने उस से पुछा क्या यह नाश्ता मेरे लिये है ? तो बोली जी आप के लिये ही है, मुझे भुख नही थी लेकिन मेने मना नही किया, तभी ड्रा जी आ गये ओर कहा कि दवा से आप का दिल काबू मै आ गया, ओर ऎसा होता बहुत ही कम है, अब आप को ना तो झटके दिये जायेगे, ओर नही, पेट मे नाली डाली जाये गी? तबीयत ठीक हुयी तो मुझे दुसरे कमरे मै लेजाया गया.

आज यह लेख लिख रहा हुं, लेकिन आज इसे पोस्ट नही कर पाऊगां, आज शनि वार है, ओर तबीयत आगे से काफ़ी अच्छी हो गई है, लेकिन अब सारा दिन करे तो क्या करे, बच्चे मिलने आये थे तो उन के हाथ लेप ताप मंगवा लिया, ओर इस कबकत दिल का हाल आप को लिख दिया, असल मे मुझे भारत यात्रा के दोरान भी ऎसा ही एक दो बार हुआ था भारत मै, मेने सोच कि गर्मी है, फ़िर यहां आने के बाद भी हुया, लेकिन आखरी झटके ने हिला दिया, सारी चेकिंग के बाद डा ने कहा कि आप के दिन कि लेफ़्ट वाली दिवार काफ़ी मोटी है, ओर आप का खुन भी काफ़ी गाढा है, दिल कि दिवार मोटी होने की वजह से दिल अपना काम ठीक से नही कर सकता, उपर से खुन बहुत गाढा है, ओर अब सोम या मंगल बार तक मै यहां रहुंगा, ओर मुझे अलग अलग डोस दे कर देख रहे है कि कोन सी डोस सही रहेगी ( Marcumar ) इसे डा लोग अच्छी तरह से जानते है, यानि अभी हार्ड अटेक नही हुया लेकिन हो सकता था.

आज सोम बार की सुबह थी, मै करीब आठ बजे ऊठ गया, ओर नाश्ता वगेरा कर के ड्रा की इंतजार करने लगा, लेकिन आज शाम के चार बज गये ओर हमारे ड्रा जी नही आये, क्योकि मुझे उम्मीद थी की आज या कल मै घर वापिस चला जाऊंगा, तभी नर्स ने बताया कि ड्रा आ रहा है, थोडी देर बाद ही ड्रा ओर सहायक ड्रा दोनो हमारे कमरे मै आये, मेरे कमरे मेरे मेरे सिवा एक जर्मन था, पहले मुझे चेक किया, ओर कहा कि आप के फ़ेफ़डो मै पानी था हम ने उसे दवा से निकालने की कोशिश कि लेकिन अभी भी थोडा है, अगर नही निकला तो हम कल या परसो टोमोग्राफ़ी करेगे, दुसरा आप का खुन भी बहुत गाडा है, इसे भी दवा से पतला करना है, ओर जब तक हम आप की सेहत से बेफ़िक्र नही हो जाते तब तक आप को यहां रहना पडेगां, ओर आप का वजन भी रोजाना कम हो रहा है, फ़िर मै उदास सा फ़िर से बेड पर आ कर लेट गया.............

तभी हमारे मिलने जुलने वाले भी आते रहे, तो एक बुजुर्ग भारतीया ने कहा कि आप घर के लिये जल्दी मत मचाना, ड्रा को अपना सारा काम कर लेने देना, फ़िर मैने अलग अलग दवा खाई ओर रोजाना अलग अलग टेस्ट होते फ़िर अगले रोज ही ड्रा जी आये ओर बोले की आप की तबीयत केसी है ? मेने कहा पहले से अच्छा हुं, तो बोले की अब नाक से पतली पाईप लगाने की जरुरत भी नही दवा से आप के फ़ेफ़डो का पानी भी खत्म हो गया है, कल दोपहर के बाद आप घर जा सकते है, ओर उस के बाद सब बाते समझाई कि दवा खानी जरुर है ओर दिल का चेक अप साल मे कम से कम तीन बार करवाना जरुरी है, .... ड्रा के जाते ही मेने बच्चो को यह खुशखबरी सुनाई.

ओर कल १९/०८/०९ को शाम को घर पर आ गया, लेकिन कमजोरी बहुत हो गई है, ओर अभी दस पंद्रहा दिन घर पर ही आराम करुगा, कल परसो से फ़िर से अपनी पोस्टे पोस्ट करुंगा, आप सब का धन्यवाद जिन्होने मेरी मां के निधन पर मुझे सहारा दिया अपनी टिपण्णियो के सहारे....

आप मेरी मजबुरी समझ गये होगे इस लिये वादे के अनुसार अपनी पोस्ट या आप कि किसी की भी टिपण्णियो का धन्यवाद भी नही कर पाया, लेकिन अब कोशिश रहेगी कि मै अपनी सारी पोस्ट समय पर कर सकूं

अगर मेरे साथ लेडिज ना होती

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अभी अभी टी २० (T 20) का मेच हारने के बाद....
धोनी की मां ने कहा बेटा जा बाजार से मुझे दही ला दे,
धोनी ने सोचा अगर मै ऎसे बाजार गय तो लोग मुझे मारेगे?
ओर धोनी एक बुरका पहन कर दही लेने बाजार चला गया..
अभी धोनी बाजार मै पहुचा ही था कि उसे एक अन्य बुरके वाली ओरत की आवाज आई
तुम धोनी ही हो ना ? धोनी ने डर कर कहा नही तो...
उधर से आवाज आई डरो नही, मै युवराज हुं
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शेतान लोगो को काम बता रहा है...
जेक .. तुम अमेरिका मै जा कर अपना काम करो,
जुली .. तुम जर्मन मे जा कर अपना काम करो.
पीटर .. त्म जा कर भारत मै अपना काम करो..
बीच मे ही जेक शेतान से बोला... लेकिन पाकिस्तान किस को भेजना है ?
शेतान किसी को नही, वहां सरदारी तुम सब का काम बाखुबी कर रहा है.
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अलबेला जी लखनउ के एक बडॆ होटल मे ठहरे, रात को शो कर के आये तो भुख से बुरा हाल था.
नीचे हाल मै गये ओर वेटर को मुर्गे का आर्डर दिया...
वेटर ... सर कोन सा मुर्गा लेगे.. ईटालियन, चाईनीस,फ़्रेंच या फ़िर स्पेनिश ?
अलबेला साहब, अबे कोई सा भी ले आ मेने कोन सा उस से बात करनी है
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बात बहुत पुरानी है.
एक बार ताऊ अपनी बकरी ले कर बस मै चढ गया.
अब लोगो ने काफ़ी समझाया, लेकिन ताऊ नही समझा, तो लोगो ने बहुत पीटा...
ओर ताऊ को नीचे उतार दिया, ताऊ बोला ओए आज बच गये अगर मेरे साथ लेडिज ना होती तो आज तुम सब की खेर नही थी, तो तुम्हे बताता.
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जी यह नींद की गोलिया आप के लिये है

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पति... तुम मेरी जिन्दगी हो !!
पत्नि.... अच्छा ओर क्या ?
पति.... चुप.
पत्नि..... ओर क्या बोलो ना ?
पति......फ़िर भी चुप
पत्नि..... ओर भी जोर से चीखी बोलो ओर क्या ?
पति...... ओर लानत है ऎसी जिन्दगी पर
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एक आदमी अपने आप को ही खत लिख कर पोस्ट किया, दोस्तो ने पुछा कि क्या लिखा है ?
आदमी बोला पता नही अभी मुझे मिला थोडे ही है.
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ताऊ दसवी के पेपर देने गया, ओर पेपर देख कर बहुत परेशान सा दिखा, टीचर ने पुछा बेटा पेपर कठीन लगा कया ? ताऊ बोला नही जी, टिचर ने पुछा फ़िर परेशान क्यू हो बेटा ? ताऊ बोला जी समझ मै नही आ रहा इस सवाल का जबाब कोन सी पर्ची मै है...
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एक आदमी बहुत बिमार पड गया, ओर डाकटर को घर बुलाया गया....
डाकटर ने सारा चेक अप किया, ओर उस आदमी की वीवी से बोला देखिये मेने सब चेक अप कर लिया है आप के पति को सख्त आराम की जरुरत है मेने यह नींद की गोलिया लिख दी है, आप दुकान से मंगवा ले. उस आदमी की वीवी बीच मै ही बोल पडी... लेकिन डाकटर साहब यह गोली देनी केसे है?
डाकटर साहब... जी यह नींद की गोलिया आप के लिये है

पत्नि के लिये चाहिये ? या कोई अच्छा सा दिखाऊ ??

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आईये थोडा मुस्कुरा ले भाई , आप की मुस्कुराहट ही तो चाहिये हमे:)
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पत्नि.... मैने ना आप के जन्म दिन पर इतनी महंगी चीज ली है ना ! बस आप देखते रह जाओगे ?
पति... शुक्र तुम्हे मेरा भी ख्याल आया, अच्छा ! दिखाओ ?
पत्नि... थोडी देर ठहरो मै पहन कर आई.
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एक पंजाबी के घर मै डाकू घुस आये, ओर पिस्तोल कनपटी पर रख कर बोले, ओये... बता सोना कहा है ?
पंजाबी... अजी बहुत बडा घर है... जहां चाहो सो जाओ.
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अभी अलबेला जी लखनऊ गये तो ताऊ ने कहां कि अलबेला जी आप एक सुंदर सा आईना फ़रेम वाला मेरे लिये लाना जिस मै मै अपनी मुंछो वाली शकल देख सकूं, अब अलबेला जी ने चार दिन दिन के बाद ताऊ जी को फ़ोन किया कि ताऊ यहां मेने बहुत से आईने देखे, सभी मे मुझे अपनी ही शकल दिखती है, जिस मे आप की शकल दिखे ऎसा एक भी आईना नही मिला
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एक सरदार जी सोचते रहे सोचते रहे.... ओर सोचते सोचते बुढे हो गये कि यार मेरे दो भाई है.... ओर मेरी बहिन के तीन भाई केसे हुये....... ओर एक दिन मर गये
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स्कुल मै अग्रेजी के मास्टर जी ने कहा कि आप किसी भी शव्द को जब दस बार बोलो गे तो वो हमेशा के लिये तुम्हारा हो जायेगा.
अनिता नाम की लडकी ने झट कहना शुरु कर दिया.... आकाश आकाश....
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एक आदमी रेडीमेट कपडो की दुकान पर गया !!
ग्राहक मुझे एक लेडिज सुट खरीदना है..?
दुकान दार.....
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पत्नि के लिये चाहिये ? या कोई अच्छा सा दिखाऊ ??

दो भाई

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चलिये देखिये दोनो भाईयो कि कुछ शरारते......

सेर द पुत्तर रोंदा नई. ???

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एक सरदार जी का लडका स्कूल जाते समय रो रहा था.
सरदार जी ने बच्चे को समझाया... पुत्तर, सेर द पुत्तर रोंदा नई.
बेटा,, जी भापा जी, पर सेर दा पुत्तर स्कुल भि ते नई जांदा.
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मास्टर ताऊ से टिटानिंक केसे डुबा ?
ताऊ..
जी डुबुक
डुबुक डुबुक डुबुक डुबुकडुबुक
ओर फ़िर बुडुक बुडुक बुडुक बुडुक बुडुक बुडुक बुडुक बुडुक
ओर फ़िर गुलिम गुलुम गुलुम
ओर फ़िर गुलुम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म गुलुम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म
ओर फ़िर पुकिक्क्क्क्क्क पुक
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संता जी एक दिन दुनिया से तंग आ कर आत्महत्या करने रेलवे लाईन पर पहुच गये, साथ मै शराब की बोतल ओर मुरगे भी ले गये,
लोगो ने पुछा भाई संता जी यह सब साथ मै क्यो ?
संता जी बोले भाई अगर रेल लेट आइ तो भुखे तोडे मरना है.

बापू !! यह तेरी गल्तियो का नतिजा है??

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पिता जो पुजनिया होता है... लेकिन यहां मामला कुछ अलग है...यहा आज के बच्चे को अपने पिता से...

चल झुठी

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एक पागल पागल खाने मे...... मै इस दुनिया को मिटा दुंगा,... हां हां मिटा दुंगां...... हां हां हां मिटा दुंगा !!!!
दुसरा पागल......ओये जा ... मै तुझे रबड ही नही दुंगा ?

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पत्नि... आप मुझ से कितना प्यार करते हो ?
पति....शहंजहान जितना !!
पत्नि.... खुश हो कर अच्छा तो तुम मेरे लिये ताज महल भी बनावाओ गे ?
पति.... हां हां, अरे मेने तो प्लाट भी ले कर रखा है , बस देरी तुम्हारी ओर से हो रही है.
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लडका... तुम मुझ से शादी कब करोगी ?
लडकी ... कभी नही..
लडका ... क्यो ?
लडकी ... मेरे घर वाले नही मानेगे ?
लडका... अच्छा घर मै कोन कोन है ?
लडकी... मेरे पति ओर तीन बच्चे......
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ग्राहक... जी नश्बार है ?
दुकान दार... तंग हो कर नही, लेकिन अगली बार पुछा तो गोली मार दुंगा.
अगले दिन ग्राहक... जी पिस्टोल ओर उस की गोली है?
दुकान दार... नही है.
ग्राहक... अच्छा तो नशबार है ??
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पति.... हेप्नोटाईज किसे कहते है ?
पत्नि.... किसी को अपने कट्रोल मे कर के अपनी मर्जी से काम करवाना ,
पति.... चल झुठी, उसे तो शादी कहते है.

एक छोटी सी लव स्टोरी

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यह लव स्टोरी बहुत प्यारी सी है ,
जिस मै दोनो अपने अपने दिल का दर्द कुछ इस तरह से अदा करते है..

**********लडका********
तुम से बिछडॆ तो यह एहसास हुआ.
यह इश्क ना हम को रास हुआ.
मेरे दिल का सत्यानाश हुआ,
हमारा एड्मिशन तो एक साथ हुआ,
पर गजब कया तेरे साथ हुआ,
तु हुस्न की देवी फ़ेल हुयी,
मै दर्द का मारा पास हुआ


ओर जब यह पत्र लडकी को मिलता है तो...लडकी का जबाब


************लडकी********
मै कलास मे तुम को देखती थी
दिन रात मै तेरे को सोचती थी
किताब को जब मै उठाती थी.
तेरी यादो मै खो जाती थी.
पर तुझको ना एहसास हुआ,
मै प्यार की प्यासी फ़ेल हुयी,
तु झुठा आशिक पास हुआ

यह केसा धमका पडोसी के यहां ??

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दिल थाम के देखिये इस अजीज धमाके को, बार बार देखिये, कमजोर दिल पहले अपने पास पानी का गिलास रख ले.
तो हाजिर है यह धमाका.....

हंसने जी खुब हंसो, दिल खोल के हंसो

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एक आदमी पहली बार बम्बई गया, शहर मै घुमने गया तो क्या देखता है कि... एक अर्थी को चार लोग कंधो पर उठाये लिये जा रहे है, एक आदमी के हाथ मै एक कुत्ता था, ओर फ़िर उस के पीछे एक बहुत लम्बी लाईन लगी है, उस आदमी को यह सब बहुत अजीब लगा, ओर उस ने सब से आंतिम वाले आदमी से पूछा कि यह कोन  गुजर गया है, क्या कोई नेता है, या कोई संत महात्मा जो लोग बिना रोये शांति से एक लाईन मै लगे है इस अर्थी के पीछे ?
सब से अन्तिम आदमी ने जबाब दिया पता नही आप आगे वाले से पुछे, फ़िर उस ने आगे वाले पुछा क्या आप का कोई रिशते दार था, उसने कहां नही, फ़िर कोन था? उस ने भी उस आदमी को कहापता नही अगले से पूछो करते करते सब ने उसे अगले से पूछो कर के सब से आगे वाले आदमी के पास पहुच दिया जिस के पास कुत्ता था, तो  आदमी से पूछा यह कोन गुजर गया है, कुत्ते वाले आदमी ने कहा इस सामने वाले की सास गुजर गई है? अच्छा क्या बिमार ही उस पहले आदमी ने फ़िर पुछा, कुत्ते वाले आदमी ने कहा नही , इस कुत्ते ने काटा था इस लिये, तो पहला आदमी बोला एक दिन के लिये यह कुत्ता मुझे दोगे?, कुत्ते वाले आदमी ने कहा पागल हो पहले इस लाईन मै लगो, बम्बई मै सब लोग लाईन मै आते है, यह सब लोग भी इस कुत्ते के लिये लाईन मै लगे है 
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एक लडका दुसरे से... यार वो लडकी बहरी लगती है? मै उसे कुछ कहता हुं वो बोलती कुछ ओर है??
दुसरा लडका  केसे?
पहला यार  मेने उसे कहा मै तुम से प्यार करता हुं, ओर वो बोली मेने सेंडिल आज ही खरीदी है.
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एक आदमी दुसरे से.... यार यह क्या कर रहा है ?
पहला आदमी.... यार मै अपने एक साल के लडके की आवाज रिकार्ड कर रहा हुं, जब यह बडा हो जायेगा तो इस से मतलब पुछूगां
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पति... गुस्से मै आज तुम ने मुझे कुत्ता कहा ?
पत्नि... चुप
पति ... बोलो तुम ने मुझे कुत्ता कहा  ?
पत्नि.... चुप
पति....ओर भी गुस्से से आज तुम ने मुझे कुत्त कहा बोलो  ?
पत्नि... मेने तुम्हे कुत्ता नही कहा, लेकिन अब भॊकंना बन्द करो
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एक आदमी अपनी छींक रोकने की बार बार कोशिश कर रहा है,
 दुसरा आदमी उसे ध्यान से देख रहा है,वह आदमी पास आ कर भाई साहिब जब आप को छींक आ रही है तो आने दिजिये, बार बार रोकने से आप को मुश्किल हो रही है ?
पहला आदमी, हां भाई लेकिन मेरी वीवी ने कहा था कि जब तुमे छींक आये तो समझना मेने तुम्हे याद किया है, ओर तुम सीधे मेरे पास आ जाना,
दुसरा आदमी... तो इस मै बुराई क्या है.
पहला.. भाई मेरी वीवी एक साल पहले मर चुकी है
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एक कंजूस पिता अपने बेटॆ से...बेटा कुछ पढ रहे हो क्या ?
बेटा.... नही पिता जी.
बाप.... कुछ लिख रहे हो क्या ?
बेटा.... नही पिता जी.
बाप... तो उल्लू के पट्ठे अपना चशमा उतार क्यो नही देता, फ़िजुल खर्ची क्यो करते हो ?

कभी कभी दिल खोल के हंसो यार

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एक जमींदार दुसरे जमींदार से... यार अगर अपनी कार से सारा दिन घुमू तो भी मै अपनी आधी जमीन ही देख पाऊगां.

दुसरा जमींदार... हा भाई पहले हमरे पास भी ऎसी ही कार थी.

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पत्नि.... अगर मै कही खॊ जाऊ तो तुम क्या करोगे ?

पति..... जान मै बहुत सारे अखबारो मे इस्तेहार दुंगा ?

पत्नि...... अच्छा क्या लिखवाओ गे उन मे ?

पति...... जहां भी रहो खुश रहो....

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एक बनिया, केले वाले से.... भईया केला केसे दिया ?

केले वाला... साहब जी एक रुपये का एक.

बनिया... ६० पेसे का देना है?

केले वाला.... सेठ जी ६० पेसे मे तो केले का छिलका भी नही आता ?

बनिया.... जेब से पेसे निकाल कर यह लो ४० पेसे, छिलका तुम रख लो, बाकी केला मुझे दे दो

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एक जर्मन को एक भारतिया ने अपना खुन दे कर बचाया,

जर्मन ने खुश हो कर उसे मर्सिडिज तोहफ़े मै दे दी.

एक साल बाद फ़िर उस जर्मन को खुन की जरुरत पडी,

भारतीया पडोसी ने फ़िर से उसे अपना खुन दिया.

इस बार जर्मन ने उसे मोती चुर लड्डूओ का डिब्बा दिया,

भारतिया को थोडा गुस्सा आया, ओर बोला इस बार मर्सिडिज क्यो नही दी ?

जर्मन बोला..... बच्चू अब हमारे अन्दर भी भारतिया खुन है.....

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मास्टर... अरे ताऊ के बच्चे तु बता रेडियो ओर अखबार मै क्या फ़र्क है??

ताऊ का छोरा.... कुछ सोच के मास्टर जी मास्टर जी अखबार मै तो रोटिया लपेट सकते है, ओर रेडियो मै नही.

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ताऊ... नोकर से... रामू तुमने इस साल बहुत मेहनत कि है यह लो ५०००रुप्ये का चेक,

ओर सुनो अगले साल भी इसी तरह से मेहनत करोगे तो इस चेक पर साईन कर दुगां.

कर्मो की सजा ????

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सलहा बुरी नही.....

ताऊ ओर जुसवाला

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ताऊ, जुस वाले से... अबे जल्दी जुस ला ! लडाई होने वाली है,
एक गिलास पीने के बाद, अबे जल्दी से दुसरा गिलास जुस का ले कर आ !! लडाई होने वाली है.
दो गिलास पीने के बाद...अबे जल्दी से तीसरा गिलास जुस का ले कर आ !! लडाई होने वाली है...
जुस वाला, लेकिन ताऊ लडाई कब होगी ?
ताऊ... अबे जब तु मुझ से जुस के पेसे मांगेगा!!!!
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दो बच्चो की मां तीसरी बार शादी कर रही थी....
फ़ेरो के वक्त छोटा बेटा रोने लगा,
मां बोली चुप कर वरना अगली बार साथ नही लाऊगी.
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संता ने बंता से पुछा ?? यार तेरी अभी तक शादी क्यो नही हुयी ?
बंता जोर से बोला....जा को राखे साईयां मार ना साके कोये

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एक सायनी मां अपने बच्चो को बोली... जो बच्चा रात को खाना नही खायेगा, उसे पांच पांच रुपये मिले गे.
बच्चो ने पांच पांच रुपये ले लिये.
सुबह मां बोली जो बच्चा पांच रुपये देगा उसे नास्ता मिलेगा ?
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लडके .... बस ओर लडकी एक जाती है तो दुसरी आ जाती है.
लडकी..... रिक्क्षा ओर लडके एक से होते है , एक को बुलाओ तो लाईन लग जाती है.
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एक आदमी को एक ट्रक ने टक्कर मार दी, लेकिन वो आदमी बच गया.
उस के दोस्त ने कहा, यार जो हुआ बुरा हुआ, भगवान की दया से तु बच गया, लेकिन अब तु डरा क्यो है.
आदमी ... यार उस ट्रक के पीछे लिखा था अच्छा बिछडते है फ़िर मिलेगे

गोल गप्पे ओर वो भी चटपटे करारे.

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एक बार बंते से उस की होने वाली बंती ने पुछा जी...
जब हमारी मंगनी हो जायेगी तो तुम मुझे एक रिंग दो गे ना..
बंता खुशी से बोला.. हां हां एक क्यो नही,दो दो जी, एक घर के फ़ोन पे, ओर एक मोबाइल पे.
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एक पहलवान से दुसरे पहलवान ने पूछा..
अगले जन्म मे तुम क्या बनाना चाहोगे ?
पहला पहलवान ... कंक्रोच ?
दुसरा अरे कंक्रोच क्यो ?
यार मेरी वीवी सिर्फ़ कंक्रोच से ही डरती है
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ताऊ जब स्कूल मे जाता तो सारा दिन सोया रहता.
एक दिन हिन्दी की टीचर पढा रही थी, कि दिल्ली मे कुतबमिनार है.
जब उस ने ताऊ को देखा तो उसे बहुत गुस्सा आया कि यह तो आधा सोया है,
झट से ताऊ को खडा किया ओर पूछा बताओ मेने अभी क्या कहा था ?
ताऊ ने आधी बात सुनी थी, झट से बोला जी दिल्ली मे कुत्ता बिमार है.
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संता अपने बेटे से.... ओऎ फ़िकर ना कर तू शेर दा पुत्तर (बेटा) है.
बेटा झट से, हां पापा जी मेरी टीचर भी कहती है तु तो किसी जानवर की ही ओलाद है.
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एक कातिल वकील से... सर कोशिश करना उम्र केद हो जाये, फ़ांसी ना हो.
वकील, फ़िकर ना करो मै समभांल लूगां.
फ़ेसले के बाद, कातिल... वकील साहब क्या हुया,
वकील बडी मुस्किल से उम्र केद हुयी है, जज तो बरी कर रहा था.

कुछ चटपटा तो कुछ कुरमरा

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सोम, मगंल, बुद्ध , वीर,शुक्र ,शनि ओर इतवार सात दिनो मे हंसाना चाहिये कम से कम सात सॊ बार.....
तो चलिये थोडा हंस भी ले.... लेकिन आप इस बाल कविता को भी पढना ना भुले ? चटका लगाये    अरे पहले चुट्कलो का मजा तो ले लै.

सन २००५ की बात है हमारा ताऊ इंदोर से चला दिल्ली, रेलगाडी मै फ़स्ट्र काल्स की सीट बुक थी, जब ताऊ बेठा गाडी मै तो देखा वहां पर पहले से ही तीन आदमी बेठे थे,
स्टेशन से ट्रेन चली, धीरे धीरे सभी मै थोडी बहुत बात शुरु हुयी, ओर सभी ने अपने अपने बारे मै बताना शुरु किया,
पहला आदमी बोला जी नमस्कार मेरा नाम राम सिंह है ओर मै फ़ोज मै ब्रिगेर्डियर हुं,शादी शूदा हुं, मेरे तीन बेटे है ओर तीनो ड्रा० है.
दुसरा आदमी बोला जी नमस्कार, मेरा नाम उदय सिंह है ओर मै भी फ़ोज मे ब्रिगेडियर हुं, शादी शुदा भी हुं, ओर मेरे भी तीन बेटे है ओर तीनो ही इंजिंयर है.
अब तीसरे ने कहा, भाईयो नमस्ते, मेरा नाम ओम वीर है, ओर मै भी फ़ोज मै ब्रिगेडियर हूं, ओर मेरे भी तीन ही बेटे है, ओर तीनो ही वकील है.
अब आया ताऊ का ना०, तो ताऊ बोला, भईयो राम राम जी की, मै ना तो ब्रिगेडियर हुं, ओर ना ही शादी शुदा हुं, लेकिन मेरे भी तीन बेटे है.... ओर तीनो ही ब्रिगेडियर है.!!!!
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पति... पत्नि से..... देखो मै तंग आ गया हुं , तुम्हारी इस मेरी मेरी से... कभी कहती हो मेरा घर, कभी मेरी कार, मेरी मां जब देखो मैरा मेरा करती रहती हो, कभी हमारा हमारा भी कहा करो..... अब इस अलमारी मै से क्या ढुढु रही हो ?
पत्नि ... जी हमारा दुपाट्टा
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आज कल के समय मै....
बच्चो को घर से बाहर भेजते हुये, ओर
मिस काल मारते हुये,
बस एक ही डर लगता है....
कोई उठा ना ले
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हमारे नये पडोसी आये, ओर उन के घर से रोजाना शाम को हंसने की ओर जोर जोर से हंसने की आवाजे आती, अब सभी पडोसी, एक दुसरे से पुछे कि क्या माजरा है ? एक दिन हमे सब ने मिल कर भेजा कि पता तो करो , इन के पास क्या मंत्र है जो रोजाना खुब जोर जोर से हंसते है, अगर यह मंत्र हमे पता चल जाये तो हमारी जिन्दगी भी युही हंसते हुये निकले. भईया हम फ़ुलो का एक गुलदस्ता ले कर उन के घर गये, ओर पुछा भाई आप लोगो के घर से रोजाना खुब जोर जोर से हंसने की आवाज आती है, इस खुशहाली का राज हमे भी बता दो.

तो जनाब पति मोहदय बोले जी राज की बात यह है कि मेरी वीवी मुझे शाम को रोजाना दुर से जुते फ़ेंक कर मारती है, लग जाये तो वो हंसती है, बच जाये तो हम हंसते है जोर जोर से....
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जब टिटानिक डुब रहा था तो उस जहाज मै एक गुजराती भी था, ओर जोर जोर से हंस रह था, लोग डर रहे थे, इधर उधर भाग रहे थे, तभी केप्टन ने उस गुजराती से पुछा, भाई इस मुसिबत की घडी मै भी तुम हंस रहे हो, क्या तुम सोचते हो कि तुम्हारा भगवान तुम्हे बचा लेगा...
गुजराती बोला नही ऎसी कोई बात नही, मै तो इस बात से खुश हुं कि मेने रिट्रन टिकट नही लिया,

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एक टिचर ने स्कुल मै अपने होनहार शिष्य से पुछा, कि अमेरिका मै कंफ़ुजिन दिन कोन सा होता है ?
बच्चे ने झट से जबाब दिया ..... Father´s Day

मिलते है ब्रेक के बाद

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हम कुछ नही बोलेगे आप खुद ही देख ले...

मूर्ख कोन ? लडकी या फ़िर लडका

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यह सुंदर सा विडियो मुझे ओर्कुट मै मिला,इसे कई बार देखा, वीवी ओर बच्चो को भी दिखाया, मुझे तो बहुत सुंदर लगा, ओर बीते जमाने को याद दिलाता यह विडियो .....बस आप भी इसे देखे, ओर फ़िर बताये मुर्ख कोन ? यानि सीधी साधी लडकियां, या फ़िर दिल फ़ेंक लडके....

मजाक मजाक मै

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एक बच्चे ने एक मुर्गी पाल रखी थी, एक दिन वो मुर्गी मर गई, ओर बच्चा जोर जोर से रोने लगा, सब ने बहुत चुप करवाया, लेकिन बच्चा चुप नही हुया, तो उस बच्चे के बाप ने कहा अब चुप कर बेवकुफ़ जब तुमहारी दादी मरी तब तो रोये नही........ बच्चा बोला दादी कोई मुर्गी की तरह से अंडे देती थी क्या, जो रोता.
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एक पुलिस वाले का लडका फ़ेल हो गया, अब जब पुलिसिया घर आया तो उसे पता चला, ओर अपने लडके को बुला कर बहुत गुस्सा हुआ, ओर बोला तुम सारा दिन खेलते हो, टि वी देखते हो इसी लिये फ़ेल हो गये हो..... आज से तुम्हारा खेलना बन्द, टी वी बन्द !!!!! लडका बाप के पास आया जेब से एक सॊ का नोट निकाल कर बाप की जेब मै रख कर, बोला चलो अब इस बात को यही रफ़ा दफ़ा करो, अब खुश हो जाओ.
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एक डाकू एक शरीफ़ आदमी से .... एक निकालो अपनी जेब से सारे पेसे !!!!!
शरीफ़ आदमी, तुम्हे पता है मै कोन हुं, मै फ़ंला फ़ंला नेता हुं, पहले मुख्यमंत्री था,
डाकू अच्छा तो फ़िर निकालो हमारे पेसे.
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एक पुलिस इंस्पेकट्र के घर चोरी हो रही थी... वीवी ने देखा तो झट से पति को जगाने लगी... उठो उठो घर मै चोरी हो रही है..... इस्पेकट्र सोने दो तंग मत करो अभी मै डयूटी पर नही हुं.
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चलिये अब चुटकले बहुत हो गये, अब एक सवाल ...
पाकिस्तान मै कोन सा शहर है जहां कोई भी लडकी बिन मियां के नही है????
हिंट वो लडकी चाहे एक दिन की हो, या फ़िर वो बुडिया ... लेकिन बिन मियां की नही...
जबाब नही मालूम ???? कोई बात नही....
जबाब देखने के लिये...
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अजी उस शहर का नाम है.
मियां वाली

ऎऎऎऎऎऎऎऎ हंसा.

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एक आदमी एक तोते को अपने कंधे पर बिठा कर कही ले जा रहा था, तो रास्ते मै किसी राह गीर ने पुछा? भाई साहब यह जानवर कहा से ला रहे हो, उस आदमी से पहले, उस का तोता बोला पटना से.
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एक डाकटर ओर एक सरदार जी को एक ही लडकी से प्यार हो गया, दोनो रोज लडकी को मिले, जब यह बात सरदार को पता चली तो...... तो उस दिन के बाद वो सरदार जी रोजाना उस लडकी को एक सेब भेंट करने लगे, कई रोज बाद उस लडकी ने पुछा कि आप रोजाना मुझे एक सेब क्यो भेंट करते है, सरदार जी ने कहा कि रोजाना एक सेब लेने से डाकटर दुर रहता है.
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बच्चा... ममी जी इस बार हम पटाखे इस दुकान से लेगे,
ममी... लेकिन बेटा यह तो गर्ल्स होस्टल है हेरान हो कर ?
बच्चा... लेकिन ममी पापा तो कहते है पटाखे, ओर फ़ुल्झडियां सभी यही है.
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मियां वीवी घर से खरीदारी के लिये निकले, बाहर गेट पर एक फ़कीर मिला... फ़कीर ने कहा ऎ शहजादी!!! भगवान की कृप्या से पांच रुपये देदो, इस अंधे फ़कीर कॊ,
पति बोले, यह तुम्हे शहजादी बोल रहा है, सच मै अंधा है, इसे पांच रुपये देदो.
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ताऊ ओर तिवारी सहाब जी जब इकट्टॆ रहते थे, तब की बात है, ताऊ रोजाना रसोई घर मे जाये चीनी का डिब्बा उठाये ,ढक्कन खोले , चीनी को देखे, ढक्कन बन्द कर के डिब्बा वापिस रख दे, ओर यह रोजाना दिन मै कई बार होता, तिवारी सहाब जी तंग होगये, एक दिन तिवारी सहाब जी ने पुछा, ओये ताऊ तु रोजाना यह चीनी क्यो देखे है ? ताऊ जी बोले भाई ड्रा अनुराग जी ने कहा है कि मै रोजाना अपनी शुगर चेक किया करूं.
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एक ढाबे पर एक आदमी ठण्डी ठण्डी लस्सी मंगवाता है, जब लस्सी पीने लगा तो उसे उस मै से एक मक्खी दिखाई दी, उस ने आवाज दे कर कहा, ओए सरदार जी, इस लस्सी मै तो मक्खी है, सरदार जी बोले सोनेये दिल बडा करो यह बेचारी मक्खी कितनी लस्सी पी लेगी ?

हंसी रोक सको तो माने??

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नमस्कार, अगर आप के यहां यह फ़िल्म चल सके तो जरुर देखे,

शुद्ध हंसी के ठाहके... अजी आप भी हँसलॊ थोडा बहुत.

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एक बार एक जाट ओर जाटनी का तलाक का केस आदलत मै गया, ओर जज भी एक महिला ही थी, जो बहुत ही अच्छी थी, सुनवाई शुरु हुयी तो जज साहिब ने उस जाट से पुछा कि तुम इस से तलाक क्यो चाहते हो ?? जाट बेचारा सीधा साधा था, बोला जी मै तो नही चाहता, मै तो इसे घर मै रखना चाहता हुं, फ़िर जज साहिब ने जाटनी से पुछा, आप क्यो नही रहना चाहती इन के संग, तो जाटनी जो पहले ही गुस्से मै थी बोली एक हफ़्ता इस के संग रह के देख ले.
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रवि ने अपने पक्के दोस्त को अस्पताल मै मरहम पट्टी करते देख कर पुछा, अरे यह कया हुआ ? आज सुबह ही तो मेने तुम्हे उस घुंघाराले बालो वाली सुंदरी के संग देखा था, दोस्त!! हां यार तुम ने अकेले नही मेरी सास ने भी देखा था.
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जज, जेबकतरे से..... वादा करो आगे से कभी जेब नही काटोगे,
जेबकतरा-जज से.......जी मै वादा करता हुं मै आगे से कभी भी जेब नही काटूंगा, बल्कि साईड से ही जेब काटूंगा.
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संता... यार बंता मै अपनी नयी कार से जा रहा था कि अचानक डाकू आ गये, फ़िर मेरी कार रोक कर, मेरा बटुवा छीन लिया, फ़िर मेरी घडी भी, यार फ़िर मेरी कार भी छीन ली.
बंता... लेकिन तुम्हारे पास तो पिस्तोल थी. हां यार भगवान का शुकर उन की नजर मेरी पिस्तोल पर नही पडी.
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तीन ताऊ गांव मै एक ही खाट (चारपाई) पर सो रहे थे, चार पाई छोटी थी,ओर तीनो तंग हो रहे थे, तो एक ताऊ चारपाई से नीचे कपडा बिछा कर लेट गया, अब ऊपर से एक ताऊ की आवाज आई भाई ऊपर आ जा अब जगह हो गई है.
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एक पठान की मंगनी हो गई, अब बाद मै पठान को पता चला कि उस की होने वाली वीवी का चक्कर किसी से नही था, तो पठान से झट से मंगनी तोड दी...
कारण ? पठान का कहना था जब किसी ओर की नही हुयी तो मेरी क्या खाक होगी.
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वीवी... सुनो जी आप को मेरी कोन सी बात बहुत अच्छी लगती है,मेरी सुंदरता या फ़िर मेरी अकल ??
पति.... मुझे तो तेरी यह मजाक करने की आदत सब से अच्छी लगती है

हंसे अरे खुल कर हंसे

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एक ताऊ ने भगवान का बहुत नाम लिया, तपस्या की ब्लांग जगत मै बहुत टिपण्णियां दान मै दी इन सब बातो से भगवान शिव बहुत खुश हुये, ओर वरदान देने ताऊ के पास पहुच गये, अब शिव जी को देख कर ताऊ बहुत खुश हुआ.
शिव जी बोले बई ताऊ तेरे नेक कामो से मै बहुत खुश हुआ, मांगो जो भी वरदान मंगना हो, अब ताऊ के कहा, हे भगवान अब इस उम्र मै क्या मांगु जाने दो, शिव बोले नही बेटा जो भी चाहो मांगो, ताऊ बोला, तो अच्छा अगर वरदन देने का इअतना ही शोक है तो बताओ मे केसे मरूंगा!!! शिव बोले ताऊ जी थोडे दिनो मे तुम्हे बुखार चढे गा, तब यमराज जी तुम्हारे सिरहाने खडे हो कर तुमहारे प्राण हर ले गे, फ़िर शिव भगवान चलेगये.
दो महीने बाद ताऊ को ताप चढ गया, तो ताऊ ने देखा कि अरे यमराज जी भी आ कर सिरहाने खडे हो गये है, तो ताऊ को शिव जी की बात याद आ गई, ओर झट से ताऊ ने अपनी साईड बदल ली, यमराज जी फ़िर दुसरी तरफ़ चलेगये, ताऊ ने फ़िर से अपनी साईट बदल ली, यमराज जी फ़िर दुसरी तरफ़ चलेगये, ओर यह खेल काफ़ी देर तक चलता रहा, अब घर वालो ने देखा तो सब ने सोचा बुढे को कोई भूत चढ गया है जो बार बार इधर उधर घुम रहा है अपनी चारपाई पर, सब ने मिल कर ताऊ को बांध दिया, यमराज जी ने अपना काम किया ओर चल पडे, रास्ते मे ताऊ से बोले अरे ताऊ बड सयाना बनाता था, आखिर पकड लिया ना,
ताऊ बोला अरे यमराज मै तेरे हाथ कभी ना आता वो तो मेरे घर वालो ने ऎसी तेशी कर दी मेरी, अब चुप चाप चल, वरना एक बार छोड के देख!!!!!
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ताऊ ने तोप का लाईसंस लेने के लिये एक अरजी दी, तो लाईसेंस ओफ़िसर ने उन्हे बुला कर पुछा की आप इस तोप का कय करेगे ??
ताऊ बोला, जी मेने छोरी ( बॆटी) की शादी के वक्त १० बोरी चीनी की अर्जी दी थी बस एक मिली, इस लिये सोचा त्प की अर्जी दुंगा तो पिस्तोल तो मिल ही जायेगी.

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एक आदमी अपने दोस्त के घर आया, उस ने देखा , दोस्त की वीवी आंगंन मै बेठी है, ओर उस के पीछे एक बडा सा सांप खडा है, मेहमान दोस्त वही रूक गया, तो उस का दोस्त बोला अरे डरो मत यह सांप तुम्हे कुछ नही कहेगा, यह तो मेरी वीवी से थोडी जहर लेने आया है.
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एक आदमी ड्रा के पास गया ओर अपने बच्चे की दवा लेने, ड्रा ने देखा कि उस आदमी से तंबाखू की महक आ रही थी, ड्रा ने कहा,देखो तुम पान बीडी मत खाया ओर पीया करो इस से आदमी धीरे धीरे मरता है, उस आदमी ने कहा ड्रा साहब मुझे जल्दी कहां है
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ताऊ शोले फ़िल्म देखने गया, अब धर्मेन्द ने एक सीन मै कहा बसंती इन कुत्तो के सामने मत नाचना !!! ताऊ को बहुत गुस्सा आया, बोला ओए जबान समभाल कर बोल, ओर इस नचनिया को अपने पास रख , अगली बर गाली दी तो सर फ़ोड दुंगा, ओर टिकट फ़ेक कर घर आ गया.
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एक बार तिवारी सहाब जी एक पेट्रोल पम्प पर गये ओर बोले ओय एक रुपये का पेट्रोल डाल दो, अब पेट्रोल पम्प वाले को मजाक सूझा, ओर बोला तिवारी सहाब इतना सारा पेट्रोल डलवा कर कहा जाओगे, तिवारी सहाब जी बोले अरे हम तो युही खुला खर्च करते है.
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बहुत दिन से हंसे नही, आओ थोडा हंसले

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रोजाना जब ताऊ का पडोसी वहा से गुजरे तो ताऊ का तोता उसे कहता,!! ओये भिखारी फ़िर आ गया तु!!
पडोसी बहुत तंग हो कर एक दिन ताऊ के पास शिकायत करने आया.
तो ताऊ ने अपने तोते को बहुत डांटा.....
अगले दिन जब पडोसी वहां से गुजरा तो तोता कुछ नही बोला...... थोडा आगे जा कर पडोसी ने मुड कर देखा तोते की ओर,
तो तोता बोला समझ तो गये ना....:)
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एक भिखारी ने होटल ताज मै फ़ोन किया,
हेलॊ दुसरी तरफ़ से आवाज आई ताज होटल !
भिखारी बोला, हेलॊ जल्दी से एक पिज्जा, एक पलेट बिरयानी, ओर रसमालई भेज दो.
ताज होटल से.. किस नाम से भेजू सर !!
अरे भगवान के नाम से भेज दो
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एक कार से चिडिया टकरा गई, ओर बेहोश हो गई,
कार मालिक रहम दिल का था, उस ने चिडिया को उठाया ओर घर ला कर पिंजरे मै रख दिया,सोचा जब ठीक हो जायेगी तो ऊडा दुंगा.
जब चिडिया को होश आया तो बोली .... लगता है ड्राईवर मर गया, है भगवान !! तभी तो मुझे उम्र केद हो गई.
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एक हवाई जहाज के पास से एक राकेट गुजरा..............
अब जहाज को अपने ऊपर बहुत मान था कि मै बहुत तेज चलता हुं, ओर राकेट को देख कर हेरान रह गया, तो जहाज ने पुछा, भाई तुम इतना तेज केसे भाग लेते हो....
राकेट ने जबाब दिया, जब तुम्हारे पीछे आग लगे गी ना तुम भी तेज भागोगे.
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आज से कई साल पहले की बात है जब नथू नया नया कालेज से फ़ेल हो कर निकला.
नथू की शादी नही हो रही थी कही भी, मां बाप बहुत परेशान थे, फ़िर नथू के मां बाप नथू को संग ले कर एक मंदिर मै गये मन्नत मांगने.
वहां भीड बडी थी, ओर नथू की मां उस भीड मै बिछड गई, अब नथू को बहुत गुस्सा आया, ओर वो गुस्से मै भगवान से बोला अरे यह केसी कुदरत मेरी मिली नही, बापू की भी गई

आईये मिले हमारे मेहमानो से

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नमस्कार,
काफ़ी दिनो बाद आज यह एक छोटा सा लेख आप लोगो की नजर कर रहा हुं, आज कल भारत से एक ब्लांगर मेहमान हमारे जर्मनी मै अपनी बेटी के पास आई हुयी है, जिन का नाम अरुणा कपूर है, इन के दो ब्लांग है, मेरी माला, मेरे मोती ओर दुसरा बात का बतंगड बहुत ही सुंदर लिखती है, यह यहां २ मई को आई थी , फ़िर हमारे यहां भी आई, ओर हम सब ने मिल कर काफ़ी जगह यहां सेर की,बस आप को वहां की कुछ फ़ोटो दिखा रहा हुं, फ़ोटो देख कर बताये केसा लगा हमारा जर्मन. सभी चित्रो के संग थोडा थोडा वर्णन भी किया है. आप किसी भी चित्र को बडा कर के भी देख सकते है

यह चित्र हमारे घर से करीब २०० किमी दुर चेको की सीमा के पास का है यहां हम ओर अरुणा जी का परिवार एक गेस्ट हाउस मै तीन दिन ठहरे थे, आस पास बहुत सुंदर दर्शय थे, यह शाम का समय है, बिलकुल सामने अरुणा जी साथ मै हमारी पत्नि बेठी है.

यह चित्र है "हरे रामा हरे कृष्णा" मन्दिर जो गोरो ने बनाया है,
यह चित्र पसाऊ का है, पसाऊ बबेरिया का एक पुराना शहर है, यहां गलियां भी है, ओर यहां पर तीन नदियो का संगम भी होता है, इस चित्र मै अरुणा जी मेरा छोटा बेटा ओर मै खुद खडा हुं, वेसे पसाऊ नया शहर भी है, लेकिन हम पुराने शहर मै ही घुमे.

यह चित्र उस जगह का है जहां तीनो नदियो का संगम होता है, यहां सिप भी चलते है, इस चित्र मै हमारी वीवी ओर अरुणा जी, एंवम उन की बेटी मोनिका



यह चित्र वापसी के समय का है , मोसम बहुत सुंदर था, ओर चारो ओर का नजारा बहुत ही सुंदर था, इस मै मेरा परिवार ओर अरूणा जी का परिवार है।यह चित्र हाऊसएन बर्ग का है जो पसाऊ से करीब २३ किमी की दुरी पर है.



यह चित्र भी हाउअसेन वर्ग का ही है, यहां पर जमीन के नीचे से पत्थर, सिक्का, ओर किमती पत्थर निकाले जाते है.






यहां भी लोग अलग अलग ग्रुपो मे अपना संगीत बजते है, खुब वीयर पीते है। इस चित्र मै अरुणा जी, हमारी धर्म पत्नि ओर हम






यह चित्र हमारे घर से करीब ६५,७० किमी दुर का है, जिसे किमजे परिन के नाम से जाना जाता है, इस झील के बीच मे एक महल है, जो यहां के राजा लुडबिग २ ने बनबाया था. इस चित्र मे मोनिका, हमारी थानेदारनी , अरुणा जी, मेरा बडा बेटा, फ़िर मेरा छोटा बेटा, मोनिका के पति देव, ओर उन का बडा लडका, मै केमरे के पीछे.


यह चित्र महल के सामने का है, यहां चारो ओर बहुत ही सुंदर नाजारा है, हम तो यहां कई बार आ चुके है.






यह चित्र सलियर सी का है, लेकिन हम यहां एक पहाडी पर है, आप नीचे झील देख रहे है, उस मै हम ने वोट भी चलाई




ऊपर पहाडी से हम फ़िसल कर आये थे, जाती बार तो कोंडल से ऊपर चलेगये थे, लेकिन वापसी मै मोनिका, अरूणा जी, ओर हमारी वीवी ही कोंडल से आये बाकी सभी फ़िसल कर आये

मां

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मां क्या है , इस बारे सभी का अलग अलग अपना अपना ख्याल है, चलिये कुछ लोगो के ख्याल आप को बताये, शायद आप को पसंद आये, आप इन ख्यालो को पढ कर फ़िर अपने ख्याल भी लिखे ...


बाग के माली ने कहा...... मां एक बहुत ही खुब सुरत फ़ुल है, जो पुरे बाग को खुशवु देती है.
आकाश ने कहा ......मां अरे मां तो एक ऎसा इन्द्र्धनुष है, जिस मै सभी रंग समाये हुये है.
कवि ने कहा....... मां एक ऎसी सुन्दर कविता है, जिस मै सब भाव समाये हुये है.
बच्चो ने कहा................मां ममता का गहरा सागर है जिस मे बस प्यार ही प्यार लहरे मार रहा है.
वाल्मीकी जी ने कहा.......मां ओर मात्र भुमि तो स्वर्ग से भी सुन्दर ओर पबित्र है.
वेद व्यास जी ने कहा.....मां से बडा कोई गुरु इस दुनिया मै नही.
पैगम्बर मोहम्मद साहब ने कहा.... मां वो हस्ती है इस दुनिया की जिस के कदमो के नीचे जन्नत है.

टी वी प्रोग्राम ओर हम

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आप सभी को नमस्कार,
अगर आप के यहां स्टार पल्स/वन नाम का कोई चेनल आता हो, तो आज करीव सात से आठ के बीच एक प्रोगराम आये गा, जिस मै विदेशी भारतीयो के बारे बताया जाये गा, आज हमारे जर्मन के बारे मै कि भारतीया लोग किस तरह से अपने त्योहार मनाते है विदेशो मै, ओर इस मै खास बात यह कि यह हमारे शहर के पास वाले शहर की फ़िलम होगी, जिस मै हमारा परिवार भी होगा,
देखना ना भुले.
फ़िर बताये केसी लगी हमारी दिपावली, ओर क्या हमे पहचाना.

आईये इस गणित की बारिकियां समझे

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देखिये इस गणित की बदमाशी...

उलटी गिनती शुरु...

1 x 8 + 1 = 9,

12 x 8 + 2 = 98,

123 x 8 + 3 = 987,

1234 x 8 + 4 = 9876,

12345 x 8 + 5 = 98765,

123456 x 8 + 6 = 987654,

1234567 x 8 + 7 = 9876543,

12345678 x 8 + 8 = 98765432,

123456789 x 8 + 9 = 987654321.

******************************************

हम सब एक है जी....

1 x 9 + 2 = 11,

12 x 9 + 3 = 111,

123 x 9 + 4 = 1111,

1234 x 9 + 5 = 11111,

12345 x 9 + 6 = 111111,

123456 x 9 + 7 = 1111111,

1234567 x 9 + 8 = 11111111,

12345678 x 9 + 9 = 111111111,

123456789 x 9 +10= 1111111111,

**************************************

अरे यहां तो सारे आठ आ रहे है.....

9 x 9 + 7 = 88,

98 x 9 + 6 = 888,

987 x 9 + 5 = 8888,

9876 x 9 + 4 = 88888,

98765 x 9 + 3 = 888888,

987654 x 9 + 2 = 8888888,

9876543 x 9 + 1 = 88888888,

98765432 x 9 + 0 = 888888888,

***************************************

सीधी-उलटी- गिनती शुरु.....

1 x 1 = 1,

11 x 11 = 121,

111 x 111 = 12321,

1111 x 1111 = 1234321,

11111 x 11111 = 123454321,

111111 x 111111 = 12345654321,

1111111 x 1111111 = 1234567654321,

11111111 x 11111111 = 123456787654321,

111111111 x 111111111 = 12345678987654321,

आज मै काफ़ी लॆट आऊंगा

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पठान अपने दोस्त को... यार मेने अपनी बीबी को किस गेर मर्द के संग फ़िलम मै जाते देखा.
दोस्त... तुम दोनो के पीछे पीछे फ़िल्म नही गये ?
ओये यार मेने वो फ़िल्म देखी हुयी थी ना.
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एक आदमी काफ़ी रात गये अपने घर फ़ोन करता है( यह बताने के लिये कि आज ओफ़िस से काफ़ी लेट आयेगा)
बीबी फ़ोन उठाती है, तो आदमी बोलता है... जान आज क्या सब्जी बनाई है, बीबी कुछ नकचडी ओर गुस्से मै होती है, ओर गुस्से से कहती है जहर,
आदमी... अच्छा जान तुम खा कर सो जाओ, आज मै काफ़ी लॆट आऊंगा.
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मै उस का हुं

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Rang Dalo Pheko Gu...

चलिये थोडा कल की सुस्ती उतार ले...

मै उस का हुं, यह राज तो वो जान गई है,
वो किस की है? यह सवाल मुझे सोने नही देता.

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डा० बच्चो को पानी पिलाने से पहले उबाल लेना चाहिये,
संता. लेकिन बच्चो को उबालने से तो बच्चे जल जायेगे

मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय