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नये साल की शुभकामनाये!!!

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आप सभी को नये साल की बहुत बहुत शुभकामनाये, नये साल पर आओ मिल कर प्रण करे की हम देश के प्रति रोजाना एक अच्छा काम करे गे. इस साल ना रिश्वत लेगे ओर ना ही रिश्वत  देंगे पुरे साल. धन्यवाद



आप सब के लिये नये साल का एक उपहार... यहां देखे...
http://blogparivaar.blogspot.com/

ब्लाग परिवार... Blog parivaar

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आप सब को मेरा नमस्कार, सलाम, सतश्री अकाल ओर जो जो वाक्या स्वागत मे कहे जाते हे, वो सब मेरी ओर से जोड ले,बहुत समय से देख रहा हुं कि साथी लोग ऎग्रीगेट्र की बाते कर रहे हे, कोशिश कोई नही कर रहा, कोई पेसो की बात करता हे तो कोई रुठे हुयो को मना रहा हे, लेकिन इतने समय से कुछ खास नही हुआ,अब बेठे बेठे मेरे दिमाग मै एक विचार आया कि क्यो ना मे ही इस काम का बीडा ऊठा लूं, वेसे तो मुझे पता हे कि यह काम मेरे अकेले के बस का नही, लेकिन जब तक हम मे से कोई पहला कदम नही बढायेगा तब तक कुछ नही हो पायेगा.पुरा पढने के लिये यहां आये

नॊट..... कृप्या आप अपना URL  जरुर लिखे, इस से मुझे दिक्कत नही होती

आज तक आप को कुल कितनी टिपण्णियां मिली जानिये?

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अरे हां बाबा यह हिसाब किताब तो हमेशा आप के पास रहता हे, तो देखना चाहेगे कि आप को आज तक कुल कितनी टिपण्णियां मिली, तो जनाब झट पट जाईये अपने डेश बोर्ड पर, या सेटिंग पर या जहां आप नयी पोस्ट लिखते हे, जी हर जगह आप की टिपण्णियो का हिसाब किताब आप के संग चलता हे, तो चलिये डेश बोर्ड से ही पता करते हे आप को आज तक कुल कितनी टिपण्णियां मिली..... जरा ध्यान दे देखे कि कमेंट कहा लिखा हे डेश बोर्ड मे, अब इस पर किल्क करे.... अरे वाह.... खुल गया ना आप की टिपण्णियो का खाता ध्यान से देखे राईट साईड मै इन सब की संख्या भी लिखी हे.
राम राम मिलते हे फ़िर कभी किसी मोड पर

पंगा दिवस,Pangaa Diwas राज भाटिया

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 आज यानि १५/१२/१० को पंगा दिवस की आप सब को बहुत बहुत बधाई,

अरे बाबा आप सब विदेशियो के हर तरह के त्योहार मनाते हे हर दिवस मनाते हे, फ़िर हमारा दिया यह दिवस क्यो नही मनाते, भारत की छोडॊ, आप खुद ही देख  लो इस ब्लांग जगत मे ही कितने पंगे ओर कितनी पंगिया हे, जब तक यह सब हे तब तक कोई भी इस ब्लांग जगत मे बोर नही हो सकता,कोन किस की टांग खीचता हे, कॊन किस की तारीफ़ करता हे, कोन किस से प्यार करता हे, कोन किस से रिश्ता कायम करता हे यह सब खबरे आप को इन पंगे ओर पंगियो से मिल सकती हे, पहले गली मोहल्लो मे एक दो चुगल खोर होते थे, जो छोटी सी बात को लाग लपेट के ओर आग मे घी का काम कर के उसे दुसरो को चुगली के तोर पर किया करते थे, ओर आज  हम ने तरक्की कर ली इस लिये, अब हम चुगली भी नेट से ओर इंट्र्नेट से ओर ईंट्रनेशनल स्तर पर करेगे, कोई कितनी भी लानते मार ले,

भाई कही चार अदामी प्यार से बेठे तो इन्हे चुभते हे, कोई किसी को न्योता दे खाने का ओर वो भी बिना मतलब तो इन्हे चुभता हे जी, वेसे तो इन् के बाप का कुछ नही जाता, बस इन्हे खुजली की बिमारी हे, कोई हंस पडा तो इन्हे खुजली, कॊई अपने घर पर खुश तो इन्हे खुजली, कही चार ब्लांगर मिल बेठे तो इन्हे खुजली, ब्लांग मिलन हो तो इन्हे खुजली, मियां बीबी खुश तो इन्हे खुजली, नर नारी को या नारी नर को इज्जत दे तो इन्हे खुजली..... पता नही यह खुजली की बिमारी इन्हे कब से लग गई, इस के लक्षण बढते ही जाते हे, कई लोगो ने इलाज भी किया लेकिन यह खुजली ठीक ही नही होती, वेसे कभी कभार इन की खुजली शांत हो जाती हे.

इस लिये इन की इस खुजली से बचने के लिये आज से हम खुजली दिवस तो नही, हा पंगा/ पंगी दिवस मनाना शुरु करते हे, तो सज्जनो ओर सज्जनी... अरे अरे यह फ़िर पंगा, तो माता बहनो ओर प्यारे भाईयो ओर बच्चो आज से हम हर साल इस दिन १५/१२ को पंगा दिवस को जरुर मनायेगे, ता कि विश्व के सारे पंगा लेने वाले पंगा ओर पंगी हम सब से हमेशा खुश रहे ओर हमे माफ़ करे .

छोटी सी बात लेकिन असर बहुत ज्यादा

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अभी कुछ दिन पहले मै भारत मे था, किसी रिश्ते दार के संग कार मे दिल्ली की किसी सडक पर जा रहे थे, सडक काफ़ी व्यस्थ थी, कुछ आगे जा कर् रेड लाईट थी, सब लोगो ने आगे निकलने के लिये कारे, स्कुटर, बसे यानि जिस के पास जो था, सटा कर खडे थे, तभी कही से एमबुलेंस के सायरन की आवाज आई. मैने अपने रिश्ते दार से कहा कि जल्द से जल्द जगह दो इसे आगे निकलना हे, लेकिन जगह केसे बने? तो मेरे रिश्तेदार ने कहा कि यहां यह सब आम हे, यह बजती रहे कोई भी इसे जगह नही देगा..... मैने उन से कहा अगर उस जिन्दगी की जगह आप का कोई अपना होता तो क्या आप फ़िर भी इसी तरह से अडे रहते? अब रिश्ते दार की शकल देखने की थी, तो मैने कहा, अब हम सब को इन बातो से सुधरना चाहिये, ओर मैने उन से कहा कि आप अपनी कार पर एक नारा लिख कर लगाये*** कृप्या ऎम्बूलेंस ओर फ़ायर बिर्गेड को जगह दे, शायद आगे आप का कोई अपना भी हो सकता हे, जिसे मदद की सख्त जरुरत हे, आप के हाथ मे हे उन की जिन्दगी,***
ओर उन्होने घर जा कर सब को बताया ओर कसम खाई की आगे से वो चाहे कितना लेट हो जाये , लेकिन जगह जरुर देगे, तो आप भी तेयार हे, मेरे साथ, तो इस नारे को प्रिंट कर के अपनी कार, ट्रक, बस या जहां जगह मिले जरुर लगाये.
धन्यवाद

मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय