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कया हमारे देश के महान नेता भी ऎसा कर सकते है???

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भत्ता विवाद में फँसे ब्रितानी मंत्री

ब्रिटेन की नई गठबंधन सरकार अपने पहली ही परीक्षा में उस समय पिछड़ गई, जब उसके सहायक वित्तमंत्री को सांसद भत्ते के दुरुपयोग के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी. पुरी खबर के लिये यहां चटका लगाये जी

जो चाहे वो पाये... यह हे ब्लांग जगत

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आप माने या ना माने, यह हिन्दी ब्लांग जगत एक जादू का पिटारा है, हम सब अंजान लोगो के लिये,  ओर  इस से बहुत सा समय पैसा ओर वक्त हम सब का बचता है, ओर काम भी फ़टा फ़ट हो रहा है,
कल मैने एक पोस्ट डाली थी.एक तकनीक मदद चाहिये...ओर उस से पहले परेशान था कि मैने बेटे का कीमती मोबाईल भी ले लिया, लेकिन मेरे काम नही आया, ओर फ़िर अपने परेशानी मैने इस पोस्ट मै डाली, ओर अब मेरे मोबाईल पर हिन्दी की सभी साईडे चल रही है, अगर मै इसे यहां कम्पनी को भेजता तो जरुर बिल बहुत ज्यादा आता, ओर काम नही होता, बहुत से लोगो से पुछा सब ने मना कर दिया.

ओर आज सुबह देखा तो हमारे प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI    जी की यह टिपण्णी आई हुयी थी,
राज जी !
यह टोटके आजमाए !

सबसे पहले यह जान ले कि मोबाइल के डिफाल्ट ब्राउजर में हिन्दी आप चाहकर भी ना पढ़ पायेंगे |

इसके लिए आप ओपेरा मिनी डाउनलोड कर ले |

फिर ओपेरा मिनी को चला कर उसके एड्रेस बार में केवल opera:config टाईप करें |

उसमे कई आप्सन आयेंगे ....फिर उसमे सबसे अंतिम काम्प्लेक्स स्क्रिप्ट बिटमैप फॉण्ट के आप्सन को यस कर दें |

उसके बाद आप हिन्दी पढ़ पायेंगे | जिसे पढकर मन को थोडी तसल्ली हुयी, लेकिन मेरे बेटे अभी सोये हुये थे, जब ऊठे तो उन्होने पांच मिंट मै सब कर दिया,
अब हिन्दी मै  भी सब पढ सकता हुं वीनस केसरी जी,  प्रवीण त्रिवेदी जी आप का दिल से बहुत बहुत धन्यवाद

इन के अलावा बहुत  से साथियो की टिपण्णियां आई, सब ने हाथ खडे कर दिये आव्धिया जी ने जो रास्ता बताया उस पर मे दो दिन पहले ही घुम आया था,

डी के शर्मा जी ने हनुमान का पाठ करने को कहा, करने को मै कर लेता लेकिन उन की गदा से डर लगता है, कही उन्हेपता चल जाये कि यह भगत तो मतलबी है पहले कभी याद नही किया, ओर आज मुझे पुकार रह है, ओर मदद की जगह गदा मार दे तो??
फ़िर से वीनस जी का ओर प्रवीण त्रिवेदी जी का धन्यवाद

एक तकनीक मदद चाहिये...

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नमस्कार, मुझे एक तकनीक मदद चाहिये, ओर ब्लांग जगत मे एक से बढ कर एक् तकनीकी जान कार मोजूद है,पिछले महीने मेरे बेटे ने एक मोबाईल फ़ोन खरीदा था "sony ericsson w995 " जिस मे प्रिपेड कार्ड मै डलवा देता था, ओर जिसे बच्चे काफ़ी दिन चला लेते थे, लेकिन पिछले दिनो दोनो बच्चो को एक बहुत ही अच्छी ओफ़र मिली जिस मै टाप का मोबाईल ओर हर महीने १०० मिंट फ़्रि, १५० SMS भी फ़्रि है, तो दोनो बेटो ने उस आफ़र से नये मोबाईल ले लिये, अब जो मोबाईल पिछले महीने खरीदा, उसे अगर बेचे तो आधे पेसे मिलते है, उसे मैने रख लिया.

उस मोबाईल मै इंटर्नेट भी चल सकता है, मैने जब कोशिश की तो मजे से इंटर्नेट मै पहुच गया, लेकिन सत्यनाश हो इन का, क्योकि मै उस मै हिन्दी तो पढ ही नही सकता, तो आप मै से कोई महान तकनीकी मुझे मार्ग दर्शन देगा कि मै केसे हिन्दी का फ़ंट अपने मोबाईल पर इंस्टाल कर लू, ओर कोन सा जिस से मै अपने इस नये मोबाईल पर अपने चिट्टॆ आप सब के चिट्टॆ भी पढ सकू.

जब मै मेल पढने के लिये गया तो हिन्दी की जगह चकोर सी डिब्बियां ही आती है, कोई इलाज हो तो बताये, आप का धन्यवादी होऊंगा

गाऊ माता????

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भारत मै अगर कोई गाय को मार दे तो धर्म के ठेके दार आसमान सर मै ऊठा लेते है, लेकिन पुरी दुनिया मै सब से ज्यादा दुर्दशा गाय की भारत मै ही होती है, वेसे भी अब लोग जब अपने मां बाप को ही घर से निकाल देते है धक्के मार कर तो यह गाऊ माता कोन है???

अब बात करते है इस चित्र की, बचपन मै हम देखते थे कि गर्मियो मै जगह जगह प्याऊ होते थे, ओर उस के साथ ही जानवरो के पीने के लिये पानी की व्यवस्था होती थी, यानि जो पानी नीचे गिरता था वो सीधा टब मे जाता ओर  वहां प्यासे जानवर भी आ कर पानी पी लेते  थे, लेकिन जेसे जेसे हम आधुनिकता की ओर बढते गये, हम मै इंसानियत मरती गई, अब हम अपनी पानी की बोतल तो साथ रखते है, लेकिन इन मासूम ओर निर्दोष जानवरो का ख्याल बिलकुल नही करते, मुझे आज भी याद है कि कई बार भरी दोपहरी मै हमारे गेट पर गाय या कोई अन्य जानबर आ कर सींग मार कर बुलाते थे, ओर मै मां के कहने पर उन्हे बाल्टी भर कर पानी पिलाता था, ओर मां कहती थी बेटा यह पुन्य का काम है.... तो अब गर्मियां शुरु हो गई है अगर आप भी रोजाना एक जानवर को भर पेट पानी पिला दे तो आप को भी पुन्य जरुर मिलेगा, जरुरी नही वो गाय ही हो बंदर कुता, गधा, भेंस या कोई भी जानवर देखे जो प्यासा हो उसे एक बार पानी पिला कर देखे आप को कितनी शांति मिलती है, इन जानवरो को भी तो हमारी तरह से ही प्यास लगती है ना..... बस यह बोल नही सकते.

बसंती इस ???? के सामने मत नाचना

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नमस्कार जी, आप सभी ने शोले फ़िल्म तो जरुर देखी होगी, जब यह फ़िल्म नयी नयी रिलीज हुयी तो, इस के डायलाग, अजी खास कर गब्बर सिंह के डायलाग तो बच्चो बच्चो की जुवान पर रहते थे, जेसे सारा देश ही गब्बर सिंह बन गया हो, हमारे पडोसी ताऊ फ़तू भी एक दिन अपने छोरे के संग फ़िल्म देखने चले गये...... ओर फ़िल्म देख कर बाप बेटे का जो दिमाग घुमा.... उस के बारे अब हम क्या बताये अप खुद ही देख ले.

यार छोड मेरे वाली को,चल पहले तेरी ढूढते है.

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एक आदमी की बीबी मेले मै खो गई..... ओर वो बेचारा उसे हर तरफ़ पागलो की तरह से ढूढ रहा था, कभी इस से पुछे तो कभी उस से, तभी उसे एक दुसरा आदमी मिला, उस की बीबी भी मेले मै खो गई थी, अब दोनो ने मिल कर बीबियां ढूढनी शुरु कि.... चलते चलते पहले से दुसरे से पूछा भाई तेरी बीबी देखने मै केसी है? ताकि उसे पहचान तो जाऊ...दुसरा आदमी बोला, मेरी बीबी ५ फ़ुट ५ इंच है देखने मै बहुत सुंदर, गोरा रंग, पतली कमर, मोटी मॊटी आंखे, काले काले बाल, गुलाबी होंठ.... वगेरा वगेरा, अब तु बता तेरी बीबी देखने मै केसी है? पहला आदमी यार छोड मेरे वाली को,चल पहले  तेरी ढूढते है........
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एक जाट का कोई मुकद्दमा फ़ंस गया कचहरी मै, अब जाट ठहर मस्त, तो उस ने सोचा मै क्यो वकील को पेसे दूं, अपना मुकद्दमा मै अपे लडूंगा..
दुसरे दिन उस की पेशी हुयी, जज था दिल्ली का उसे हरियाणवी नही आती थी,
अब जज से जो बात पूछे जाट भाई उस का जबाब ठेठ हरियाणवी मै दे...
तो जज बोला कि देखिये आप कोई वकील कर ले , मुझे आप की कोई बात समझ मै नही आती.
जात बोला जी मै क्यू वकील करूं ? बात आप की समझ मै नही आती तो आप करो ना....
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एक लडके की शादी हो गई, अब तीन महीने के बाद लडके की बीबी अपने मायके गई..... एक सप्ताह बाद लडका अपनी बीबी को लेने आ गया, तो सास बोली की बेटा  हम तो एक हफ़्ते के बाद भेजे गे, तो लडका चला गया ओर अगले  हफ़्ते फ़िर आ गया, सास फ़िर बोली बेटा हम तो बेटी को एक हफ़्ते बाद भेजे गे.... लडका फ़िर चला गया, एक हफ़्ते बाद फ़िर आया...तो सास बोली बेटा हम तो १५ दिन बाद भेजेगे अपनी लाडली बेटी को...
लडका बोला ठीक है मै भी बार बार आ कर जाता हुं तंग हो गया हुं, मै भी अब १५ दिन यही रहूंगा......... अब सास ने सोचा अगर जमाई घर रहा तो खर्चा बहुत होगा.... तो सास बोली बेटा ऎसा नही हो सकता, लडका बोला क्यो? तो सास बोली लोग क्या कहेगे? लडका बोला तुम्हारी बेटी हमारे घर ३ महीने रुकी तो लोगो ने कुछ कहा? सास बोली बेटा हमारी बेटी तो व्याही गई है, तो लडका बोला मै कोन सा ठोका गया हुं
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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय