जो चाहे वो पाये... यह हे ब्लांग जगत
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राज भाटिय़ा
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जानकारियां
आप माने या ना माने, यह हिन्दी ब्लांग जगत एक जादू का पिटारा है, हम सब अंजान लोगो के लिये, ओर इस से बहुत सा समय पैसा ओर वक्त हम सब का बचता है, ओर काम भी फ़टा फ़ट हो रहा है,
कल मैने एक पोस्ट डाली थी.एक तकनीक मदद चाहिये...ओर उस से पहले परेशान था कि मैने बेटे का कीमती मोबाईल भी ले लिया, लेकिन मेरे काम नही आया, ओर फ़िर अपने परेशानी मैने इस पोस्ट मै डाली, ओर अब मेरे मोबाईल पर हिन्दी की सभी साईडे चल रही है, अगर मै इसे यहां कम्पनी को भेजता तो जरुर बिल बहुत ज्यादा आता, ओर काम नही होता, बहुत से लोगो से पुछा सब ने मना कर दिया.
ओर आज सुबह देखा तो हमारे प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI जी की यह टिपण्णी आई हुयी थी,
राज जी !
यह टोटके आजमाए !
सबसे पहले यह जान ले कि मोबाइल के डिफाल्ट ब्राउजर में हिन्दी आप चाहकर भी ना पढ़ पायेंगे |
इसके लिए आप ओपेरा मिनी डाउनलोड कर ले |
फिर ओपेरा मिनी को चला कर उसके एड्रेस बार में केवल opera:config टाईप करें |
उसमे कई आप्सन आयेंगे ....फिर उसमे सबसे अंतिम काम्प्लेक्स स्क्रिप्ट बिटमैप फॉण्ट के आप्सन को यस कर दें |
उसके बाद आप हिन्दी पढ़ पायेंगे | जिसे पढकर मन को थोडी तसल्ली हुयी, लेकिन मेरे बेटे अभी सोये हुये थे, जब ऊठे तो उन्होने पांच मिंट मै सब कर दिया,
अब हिन्दी मै भी सब पढ सकता हुं वीनस केसरी जी, प्रवीण त्रिवेदी जी आप का दिल से बहुत बहुत धन्यवाद
इन के अलावा बहुत से साथियो की टिपण्णियां आई, सब ने हाथ खडे कर दिये आव्धिया जी ने जो रास्ता बताया उस पर मे दो दिन पहले ही घुम आया था,
डी के शर्मा जी ने हनुमान का पाठ करने को कहा, करने को मै कर लेता लेकिन उन की गदा से डर लगता है, कही उन्हेपता चल जाये कि यह भगत तो मतलबी है पहले कभी याद नही किया, ओर आज मुझे पुकार रह है, ओर मदद की जगह गदा मार दे तो??
फ़िर से वीनस जी का ओर प्रवीण त्रिवेदी जी का धन्यवाद
कल मैने एक पोस्ट डाली थी.एक तकनीक मदद चाहिये...ओर उस से पहले परेशान था कि मैने बेटे का कीमती मोबाईल भी ले लिया, लेकिन मेरे काम नही आया, ओर फ़िर अपने परेशानी मैने इस पोस्ट मै डाली, ओर अब मेरे मोबाईल पर हिन्दी की सभी साईडे चल रही है, अगर मै इसे यहां कम्पनी को भेजता तो जरुर बिल बहुत ज्यादा आता, ओर काम नही होता, बहुत से लोगो से पुछा सब ने मना कर दिया.
ओर आज सुबह देखा तो हमारे प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI जी की यह टिपण्णी आई हुयी थी,
राज जी !
यह टोटके आजमाए !
सबसे पहले यह जान ले कि मोबाइल के डिफाल्ट ब्राउजर में हिन्दी आप चाहकर भी ना पढ़ पायेंगे |
इसके लिए आप ओपेरा मिनी डाउनलोड कर ले |
फिर ओपेरा मिनी को चला कर उसके एड्रेस बार में केवल opera:config टाईप करें |
उसमे कई आप्सन आयेंगे ....फिर उसमे सबसे अंतिम काम्प्लेक्स स्क्रिप्ट बिटमैप फॉण्ट के आप्सन को यस कर दें |
उसके बाद आप हिन्दी पढ़ पायेंगे | जिसे पढकर मन को थोडी तसल्ली हुयी, लेकिन मेरे बेटे अभी सोये हुये थे, जब ऊठे तो उन्होने पांच मिंट मै सब कर दिया,
अब हिन्दी मै भी सब पढ सकता हुं वीनस केसरी जी, प्रवीण त्रिवेदी जी आप का दिल से बहुत बहुत धन्यवाद
इन के अलावा बहुत से साथियो की टिपण्णियां आई, सब ने हाथ खडे कर दिये आव्धिया जी ने जो रास्ता बताया उस पर मे दो दिन पहले ही घुम आया था,
डी के शर्मा जी ने हनुमान का पाठ करने को कहा, करने को मै कर लेता लेकिन उन की गदा से डर लगता है, कही उन्हेपता चल जाये कि यह भगत तो मतलबी है पहले कभी याद नही किया, ओर आज मुझे पुकार रह है, ओर मदद की जगह गदा मार दे तो??
फ़िर से वीनस जी का ओर प्रवीण त्रिवेदी जी का धन्यवाद
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नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
22 May 2010 at 12:51 pm
जानकर खुशी हुई कि अब आप अपने मोबाइल में भी हिन्दी पढ सकते हैं।
22 May 2010 at 1:10 pm
चलिए भाटिया साहब आपकी समस्या तो सोल्व हुई!
22 May 2010 at 1:21 pm
जानकर खुशी हुई कि अब आप अपने मोबाइल में भी हिन्दी पढ सकते हैं।
22 May 2010 at 1:25 pm
समस्या का जल्दी समाधान हो गया..
भला हो ब्लॉगजगत का
22 May 2010 at 1:28 pm
ब्लागजगत एक बहुत बड़ा परिवार है यहाँ हर समस्याओ का समाधान है कुछ (????) समस्याओं को छोड़कर
22 May 2010 at 1:42 pm
दिल्ली के ब्लागर इंटरनेशनल मिलन समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचने वाले सभी ब्लागर साथियों को कुमार जलजला का नमस्कार. मित्रों यह सम्मेलन हर हाल में यादगार रहे इस बात की कोशिश जरूर करिएगा। यह तभी संभव है जब आप सभी इस सम्मेलन में विनाशकारी ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए शपथ लें। जलजला भी आप सभी का शुभचिन्तक है और हिन्दी ब्लागिंग को तथाकथित मठाधीशों से मुक्त कराने के एकल प्रयास में जुटा हुआ है. पिछले दिनों एक प्रतियोगिता की बात मैंने सिर्फ इसलिए की थी ताकि लोगों का ध्यान दूसरी तरफ भी जा सकें. झगड़ों को खत्म करने के लिए मुझे यही जरूरी लगा. मेरे इस कृत्य से जिन्हे दुख पहुंचा हो उनसे मैं पहले ही क्षमायाचना कर चुका हूं. हां एक बात और बताना चाहता हूं कि थोड़े से खर्च में प्रतियोगिता के लिए आप सभी हामी भर देते तो भी आयोजन करके इस बात की खुशी होती कि चलो झगड़े खत्म हुए. मैं कल के ब्लागर सम्मेलन में हर हाल में मौजूद रहूंगा लेकिन यह मेरा दावा है कि कोई मुझे पहचान नहीं पाएगा.
आप सभी एक दूसरे का परिचय प्राप्त कर लेंगे फिर भी मेरा परिचय प्राप्त नहीं कर पाएंगे. यह तय है कि मैं मौजूद रहूंगा. आपकी सुविधा के लिए बताना चाहता हूं कि मैं लाल रंग की टी शर्ट पहनकर आऊंगा..( बाकी आप ताड़ते रहिएगा.. सब कुछ अभी बता दूंगा तो मजा किरकिरा हो जाएगा .बाकी अविनाशजी मुझे पहचानते हैं लेकिन मैंने उनसे निवेदन किया है कि जब तक सब न पहचान ले तब तक मेरी पहचान को सार्वजनिक मत करिएगा.
आप सभी को शुभकामनाएं. अग्रिम बधाई.
22 May 2010 at 1:58 pm
आपका काम बन गया, जानकर खुशी हुई.
22 May 2010 at 2:05 pm
चलिए भाटिया साहब आपकी समस्या तो सोल्व हुई!
22 May 2010 at 2:15 pm
बहुत ख़ुशी हुई जान, आपकी मुश्किल ,मित्रों की मदद से इतनी जल्दी और सरलता से आसान हो गयी
22 May 2010 at 2:22 pm
जिन खोजा, तिन पाईयां,
गहरे पानी पैठ।
22 May 2010 at 2:34 pm
भाटिया साहब हम सब अगर मिल जाये तो इस देश की साडी समस्याओं का समाधान कर इस देश और समाज को खुशहाल बना सकते हैं ,बस जरूरत मन से एकजुट होने की है / कल आपकी कमी खलेगी ब्लोगर के सभा में, आप भी आते तो अच्छा लगता / दिल्ली में कल पूरे देश के ब्लोगरों के सभा का आयोजन किया जा रहा है जो ,नांगलोई मेट्रो स्टेशन के पास जाट धर्मशाला में किया जा रहा है ,आप सबसे आग्रह है की आप लोग इसमें जरूर भाग लें और एकजुट हों / ये शुभ कार्य हम सब के सामूहिक प्रयास से हो रहा है /अविनाश जी के संपर्क में रहिये और उनकी हार्दिक सहायता हर प्रकार से कीजिये / अविनाश जी का मोबाइल नंबर है -09868166586 -एक बार फिर आग्रह आप लोग जरूर आये और एकजुट हों /
अंत में जय ब्लोगिंग मिडिया और जय सत्य व न्याय
आपका अपना -जय कुमार झा ,09810752301
22 May 2010 at 3:09 pm
मैं भी ट्राय मारता हूँ -शुक्रिया
22 May 2010 at 3:11 pm
याहू ...हो गया ..प्रवीण जी को उस्ताद मान लिया !
22 May 2010 at 3:26 pm
ब्लागजगत एक बहुत बड़ा परिवार है यहाँ हर समस्याओ का समाधान है कुछ (????) समस्याओं को छोड़कर
22 May 2010 at 4:29 pm
जर्मनी में रहकर बेटे को भी हिन्दी पढा रहे हैं। धन्य हैं आप।
इधर हिन्दुस्तान में बेटे को अंग्रेज बनाते हैं।
22 May 2010 at 5:21 pm
हनुमान का पाठ करने को कहा, करने को मै कर लेता लेकिन उन की गदा से डर लगता है, कही उन्हेपता चल जाये कि यह भगत तो मतलबी है पहले कभी याद नही किया, ओर आज मुझे पुकार रह है..baat sahi hai
22 May 2010 at 6:11 pm
चलिए परेशानी हल हो गई...चाहे बिना हनुमान चालीसा का पाठ किए ही सही :-)
22 May 2010 at 6:24 pm
वाह जी वाह !
अच्छा लगा........
22 May 2010 at 9:03 pm
अच्छी खबर है यह
23 May 2010 at 3:24 am
nice
23 May 2010 at 3:32 am
दुनिया में हर चीज़ है..बस प्रयास होना चाहिए...बढ़िया प्रस्तुति
23 May 2010 at 5:22 am
जय जुगाड..
23 May 2010 at 5:37 am
:)
23 May 2010 at 7:33 am
...आल इज वेल ...!!!!
23 May 2010 at 8:46 am
समस्या का समाधान हो गया..
23 May 2010 at 9:41 am
मोबाइल फोन में हिन्दी समर्थन बारे विकिपीडिया पर एक लेख विस्तार से लिखा है। आशा है इससे सबको अपने अनुसार सही जानकारी मिलेगी।
23 May 2010 at 12:25 pm
आपकी समस्या का समाधान हो गया. बधाई.इससे मिलती जुलती समस्या फोर्मेटिंग के बाद मेरे पी सी में भी आ गयी है, लेकिन काम चल रहा है.
24 May 2010 at 6:36 pm
sahi hai fayde bahut hai yahan .hanumaan ji wali baate padhkar hansi fut padi .bahut sundar .
25 May 2010 at 8:18 am
Khushi ki baat hai samasya ka niwaaran ho gaya .. jai ho blog jagat ki ...
26 May 2010 at 1:07 pm
हमेँ तो पता था, अब ई-गुरु हैं तो पता ही होगा पर मोबाइल ही नहीं है कि इसे हम भी कर पायें !!!
27 May 2010 at 10:06 am
अच्छी लगी ये पोस्ट चलो घर बैठे काम भी हो गया और अच्छी बात तो ये की उसको करने का तरीका भी इसी बहाने सीख लिया
28 May 2010 at 9:12 pm
प्रवीण जी का तो धन्यवाद है ही साहब। आपका भी धन्यवाद कम नहीं है।
http://udbhavna.blogspot.com/
30 May 2010 at 3:45 pm
आप की समस्या का निदान हो गया ।खुशी हुई ।
3 November 2016 at 4:20 am
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