कया हमारे देश के महान नेता भी ऎसा कर सकते है???
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राज भाटिय़ा
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जानकारियां
भत्ता विवाद में फँसे ब्रितानी मंत्री
ब्रिटेन की नई गठबंधन सरकार अपने पहली ही परीक्षा में उस समय पिछड़ गई, जब उसके सहायक वित्तमंत्री को सांसद भत्ते के दुरुपयोग के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी. पुरी खबर के लिये यहां चटका लगाये जी
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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
29 May 2010 at 6:50 pm
वे माफी क्यों मांगेंगे, यहाँ तो दुरुपयोग करना विशेषाधिकार है।
29 May 2010 at 6:52 pm
सादर वन्दे !
इन्हें भारत भेज दीजिये यहाँ कुछ तथाकथित मानवतावादियों को बैठा बिठाया नेता मिल जायेगा और कानून वालों को एक नया उदहारण |
रत्नेश त्रिपाठी
29 May 2010 at 7:51 pm
never
29 May 2010 at 8:01 pm
are in ko akal nahi hai.. yahan bhejiye sab theek ho jaayegaa.....
29 May 2010 at 8:10 pm
मालिक भला किस से और क्यूँ माफी माँगेगा......माफी तो हमेशा नौकरों को ही मांगनी पडती है...
30 May 2010 at 9:09 am
माले मुफ्त दिले बेरहम
30 May 2010 at 12:15 pm
माफी ... वो क्या होता है ... कांगेस में अब जा कर १९८४ दंगों की माफी माँगी है ... फिर इतनी छोटी बात पर हमारे नेता .... ये तो उनकी बेजात्ती खराब करने वाली बात है ...
30 May 2010 at 1:36 pm
...अब क्या कहें !!!
30 May 2010 at 2:45 pm
भारत में माफ़ी !
डेढ़ सौ से ज़्यादा यात्री रेल के साथ उड़ गए...रेलमंत्री अपने ख़िलाफ़ राजनैतिक साजिश बताती घूम रही है...
30 May 2010 at 3:00 pm
काश!! ऐसा कभी अपने यहाँ हो पाये!
1 June 2010 at 5:51 am
आईये, मन की शांति का उपाय धारण करें!
आचार्य जी
1 June 2010 at 6:56 am
हूँ, यही तो अंतर है...
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'पाखी की दुनिया' में ' अंडमान में आया भूकंप'
2 June 2010 at 6:29 pm
चलो तसल्ली हुई कि ब्रिटेन में भी भ्रष्टाचार है. फर्क ये है कि वे स्वीकार कर लेते हैं और हम साफ़ दिखने पर भे इसे बदनाम करने की साजिश करार देते हैं.
4 June 2010 at 12:16 pm
sabki salah me meri bhi salaah shamil hai .
4 June 2010 at 9:04 pm
हम भी कभी उनके गुलाम थे ।
5 June 2010 at 10:01 am
आईये जानें .... मैं कौन हूं!
आचार्य जी
7 June 2010 at 9:40 pm
i never hapeens in india! but the realty is that we chose our ministers in india and because majority of us are corrupt, So they are
Vivj2000.blogspot.com
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