आईये हम अपने ब्लाग मित्र के बारे कुछ सुध ले...
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राज भाटिय़ा
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दिल की बातें
दो चार दिनो से मन मे विचार ऊठ रहे थे कि हमारे ब्लांगर मित्र श्री ज्ञानदत्त पाण्डेय जी के बारे मै जानने के लिये मेरे पास ना तो उन का कोई फ़ोन ना० ही है, ओर ना ही ई मेल ,
भगवान से यही प्राथना करता हुं वो जल्द ठीक हो कर फ़िर से हमारे बीच आये, अगर किसी के पास उन का मोबाईल ना०, फ़ोन ना० हो या ई मेल तो मुझे ई मेल से जरुर डाले.
अन्त मे मै उन की सेहत के बारे भगवान से यही प्राथना करता हु जल्द से जल्द स्वस्थ्य हो ओर फ़िर से वापिस आ कर हमे राम राम करे, नमस्ते कहे, आप इस समय जहां भी है मेरी ओर पुरे ब्लांग जगत की नमस्ते स्वीकार करे.
भगवान से यही प्राथना करता हुं वो जल्द ठीक हो कर फ़िर से हमारे बीच आये, अगर किसी के पास उन का मोबाईल ना०, फ़ोन ना० हो या ई मेल तो मुझे ई मेल से जरुर डाले.
अन्त मे मै उन की सेहत के बारे भगवान से यही प्राथना करता हु जल्द से जल्द स्वस्थ्य हो ओर फ़िर से वापिस आ कर हमे राम राम करे, नमस्ते कहे, आप इस समय जहां भी है मेरी ओर पुरे ब्लांग जगत की नमस्ते स्वीकार करे.
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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
5 June 2010 at 9:21 pm
are gyandutt ji ko kya huaa
5 June 2010 at 9:33 pm
10-15 जून से वापस लौटने से की सँभावना है ।
मोबाइल नहीं मिलता, नम्बर देने से कोई लाभ नहीं !
5 June 2010 at 11:28 pm
शुभकामनाएँ और जल्द ब्लॉग पर देखने के कामना!!
6 June 2010 at 12:48 am
शुभकामनाएँ!
6 June 2010 at 1:22 am
ज्ञान जी के स्वास्थ्य लाभ की शुभकामना
6 June 2010 at 1:23 am
ज्ञानदत्त जी, शीघ्र स्वास्थ्य लाभ कर अंतर्जाल पर लौटें, यही कामना है।
6 June 2010 at 2:00 am
nice
6 June 2010 at 2:48 am
ज्ञानदत्त पाण्डेय जी के स्वास्थ्य लाभ हेतु शुभकामना करता हूँ!
6 June 2010 at 2:52 am
ज्ञानदत्त जी, शीघ्र स्वास्थ्य लाभ कर अंतर्जाल पर लौटें, यही कामना है...
6 June 2010 at 2:59 am
वे स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं जल्दी हमारे बीच आयें -यही हम सभी की कामना है !
6 June 2010 at 4:08 am
वे जल्दी वापस लौंटे - यही कामना।
6 June 2010 at 4:08 am
शीघ्र स्वास्थ्य लाभ कर ज्ञानदत्त जी, अंतर्जाल पर लौटें, यही हमारी कामना है,ज्ञानदत्त जी अच्छा लिखते है और अच्छा सोचते हैं और उनके सोच से देश और समाज का कुछ न कुछ भला ही होगा | उनके लेखन की प्रतीक्षा है |
6 June 2010 at 5:35 am
ज्ञानजी चकाचक हैं। जल्द ही फ़िर अवतार लेंगे। आपकी पोस्ट अच्छी लगी।
6 June 2010 at 5:56 am
हम भी यहीं कामना करते है जल्द स्वास्थ लाभ हो..और हमें एक बढ़िया पोस्ट पढ़ने को मिले..
6 June 2010 at 6:07 am
मेरे पास फोन नं तो नहीं है .. halchal@gyandutt.com इसी पते से तो टिप्पणियां आई करती थी .. ज्ञानदत्त जी के स्वास्थ्य लाभ के लिए शुभकामनाएं !!
6 June 2010 at 6:50 am
ज्ञान जी तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं . शुभकामनाएँ
6 June 2010 at 10:39 am
gyaan ji jald hi swasth hokar blogjagat me lautein, yahi shubhkamna hai...
6 June 2010 at 11:59 am
ज्ञानजी इलाहाबाद में अपने घर में परिजनों के बीच स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। डॉक्टर ने कहा है कि काम बहुत हो लिया। ऑफिस की झंझट भूलकर थोड़े दिन घर पर रहकर आराम कर लें। तबियत एक दम दुरुस्त है लेकिन घर वाले नजर गड़ाए घेरे बैठे हैं कि कम्प्यूटर नहीं छूना है। बेचारे...
6 June 2010 at 12:00 pm
पुनश्च....
आपने यह धाँसू फोटुआ कहाँ से जुगाड़ किया?
:)
7 June 2010 at 8:59 am
सत्यार्थ मित्र जी के पास श्री ज्ञानदत्त जी का मोबाईल नम्बर जरूर होगा जी
वैसे आज उनकी पोस्ट भी आई है और ज्ञान जी अब ठीक हैं।
प्रणाम
7 June 2010 at 10:21 am
ज्ञानदत्त जी के शीघ्र स्वास्थ्य की कामना है ....
7 June 2010 at 10:54 am
शुभकामनाएँ और जल्द ब्लॉग पर देखने के कामना!!
7 June 2010 at 8:07 pm
वीर या बीर मैने आप की टिपण्णी को हटा दिया है , जिस के लिये माफ़ी चाहुंगा, क्यो कि जिन का प्रोफ़ाईल ना खुले, या जिन का परिचाय साफ़ नही होता मै उन की टिपण्णियां हटा देता हुं, मेरे किसी भी ब्लांग को लडाई का आखाडा ना बनाये, आप का धन्यवाद
8 June 2010 at 9:49 am
8 June 2010 at 9:50 am
वे जल्दी वापस लौंटे - यही कामना
8 June 2010 at 2:16 pm
ओ जी भाटिया जी साब जी आप का ब्लाग है चाहे टिप्पणी मिटाओ या रखो जी, तुहाड्डी मर्जी जी. रही बात अखाडा बनाने की तो साब जी जब आप ऐसे विवादास्पद लोगों के बारे मे लिखोगे तो हम जैसे लोग सही बात कहने से तो नही चूकेंगे. अब आपने भी तो उन लोगों के कहने से ही ये पोस्ट लगाई होगी जी?
आप कलेजे पे हाथ रख कर दस्सो कि ज्ञानदत्तजी ने जो पोस्ट लिखी थी वो जायज थी क्या? इस ब्लागजगत की ऐसी तैसी करने मे इन्ही दो लोगों का सबसे बडा योगदान है जी साब जी.
8 June 2010 at 5:36 pm
वीर जी नमस्कार, मै किसी के इशारो पर ना तो कोई पोस्ट लगता हुं, ओर ना ही लिखता हुं, बाकी आप सब मेरे लिये एक समान है, मै आप की इज्जत भी उतनी ही करता हुं जितनी ज्ञानदत्तजी जी की, भाई मै ठहरा परदेशी, ओर ओर प्रदेश् मै रह कर भी दुशमनी क्यो करुं, जब मुझे किसी की पोस्ट विवाद परस्त लगती है, नजायज लगती है तो मै कोई टिपण्णी नही देता, ओर अगर किसी नये या शरीफ़ आदमी को कोई दबाये तो मै हमेशा उस का सहयोग भी करता हुं, लेकिन दुसमनी किसी से नही... मेरे लिये आप सब प्रिय है... आप की टिपण्णी हटाते समय मु्झे दुख हुआ था, उस के लिये फ़िर से माफ़ी चाहुंगा ..... मेरे लिये सब एक समान है.
8 June 2010 at 6:53 pm
ओ जी भाटिया जी साब जी मैं तुहाड्डी गल्ल तो इतफ़ाक रखता हूं जी. मेनु ई करके ऐसा लग्या कि आपने उनके कहने पे ये पोस्ट लगायी होगी कि ज्ञानदत्तजी का ये वाला फ़ोटो उन्होने ही आपको भेज्या होयेगा. कारण कि ये वाला फ़ोटो पहले कभी वेख्या नही जी. पहलां तौं उनादा इंजन चल्या करता था होर बाद मे गाल ते हाथ रख्या हुया फ़ोटो ही वेख्या था जी.
होर जी आपकी बात बिल्कुल सही हैगी जी. आपने टिप्पणी हटाई तो उसका सानु कोई मलाल नही जी.
8 June 2010 at 7:13 pm
जनाब मै ऎथो लित्ता सी ऎह फ़ोटो...यहां से
9 June 2010 at 1:28 pm
भाटिया साहब,
आपने एक ब्लॉगर मित्र के लिये शुभकामनायें क्या भेजीं, अखाडा ही बन गया। मेरे विचार से आपको वीर की सभी टिप्पणियां मिटा देनी चाहिये। नहीं तो इससे दूसरे विरोधियों को मौका मिलेगा।
10 June 2010 at 6:49 am
ईश्वर उन्हें जल्दी स्वस्थता प्रदान करें....
10 June 2010 at 1:55 pm
काश ऎसा शीघ्र हो।
12 June 2010 at 11:41 am
भाटिया जी क्या हुया ग्यानदुत्त्जी को?????? ज्ञानदत्त पाण्डेय जी के स्वास्थ्य लाभ हेतु शुभकामनायें ।शायद उन्हें मेरे देश छोड कर चले जाने का दुख था अरे भाई ग्यान जी मैं वापिस आ गयी हूँ । आप भी जल्दी से ब्लाग जगत से रूबरू हो जायें । धन्यवाद और शुभकामनायें
14 June 2010 at 9:51 pm
aapki kamna poori ho yahi kamna hai ,sundar post .
20 June 2010 at 12:56 pm
wah wah behetarien...
log on http://doctornaresh.blogspot.com/
m sure u will like it !!!
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