पंगा दिवस,Pangaa Diwas राज भाटिया
आज यानि १५/१२/१० को पंगा दिवस की आप सब को बहुत बहुत बधाई,
अरे बाबा आप सब विदेशियो के हर तरह के त्योहार मनाते हे हर दिवस मनाते हे, फ़िर हमारा दिया यह दिवस क्यो नही मनाते, भारत की छोडॊ, आप खुद ही देख लो इस ब्लांग जगत मे ही कितने पंगे ओर कितनी पंगिया हे, जब तक यह सब हे तब तक कोई भी इस ब्लांग जगत मे बोर नही हो सकता,कोन किस की टांग खीचता हे, कॊन किस की तारीफ़ करता हे, कोन किस से प्यार करता हे, कोन किस से रिश्ता कायम करता हे यह सब खबरे आप को इन पंगे ओर पंगियो से मिल सकती हे, पहले गली मोहल्लो मे एक दो चुगल खोर होते थे, जो छोटी सी बात को लाग लपेट के ओर आग मे घी का काम कर के उसे दुसरो को चुगली के तोर पर किया करते थे, ओर आज हम ने तरक्की कर ली इस लिये, अब हम चुगली भी नेट से ओर इंट्र्नेट से ओर ईंट्रनेशनल स्तर पर करेगे, कोई कितनी भी लानते मार ले,
भाई कही चार अदामी प्यार से बेठे तो इन्हे चुभते हे, कोई किसी को न्योता दे खाने का ओर वो भी बिना मतलब तो इन्हे चुभता हे जी, वेसे तो इन् के बाप का कुछ नही जाता, बस इन्हे खुजली की बिमारी हे, कोई हंस पडा तो इन्हे खुजली, कॊई अपने घर पर खुश तो इन्हे खुजली, कही चार ब्लांगर मिल बेठे तो इन्हे खुजली, ब्लांग मिलन हो तो इन्हे खुजली, मियां बीबी खुश तो इन्हे खुजली, नर नारी को या नारी नर को इज्जत दे तो इन्हे खुजली..... पता नही यह खुजली की बिमारी इन्हे कब से लग गई, इस के लक्षण बढते ही जाते हे, कई लोगो ने इलाज भी किया लेकिन यह खुजली ठीक ही नही होती, वेसे कभी कभार इन की खुजली शांत हो जाती हे.
इस लिये इन की इस खुजली से बचने के लिये आज से हम खुजली दिवस तो नही, हा पंगा/ पंगी दिवस मनाना शुरु करते हे, तो सज्जनो ओर सज्जनी... अरे अरे यह फ़िर पंगा, तो माता बहनो ओर प्यारे भाईयो ओर बच्चो आज से हम हर साल इस दिन १५/१२ को पंगा दिवस को जरुर मनायेगे, ता कि विश्व के सारे पंगा लेने वाले पंगा ओर पंगी हम सब से हमेशा खुश रहे ओर हमे माफ़ करे .
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15 December 2010 at 4:41 pm
बहुत मजेदार प्रस्ताव है। लेकिन एक छोटी सी सलाह देता हूँ। पंगा को पुल्लिंग ही रहने दें। इसे करने वाला पुरुष हो या स्त्री हो; होता तो यह पंगा ही है (पंगी नहीं) और करने वाला और वाली दोनो ‘पंगेबाज’। इस मामले में जेंडर इक्वलिटी कुछ ऐसी ही है। :)
15 December 2010 at 5:10 pm
यस 'चलो पंगा दिवस मना ही लेते हैं. मैंने अपने आपको हमेशा इससे दूर रखा किन्तु कोई सिर पर आ ही पड़े तो..???????
पंगा हो ही जाने दीजिए.'उन'लोगों के जीने का सहारा,आसरा हम कयों छीने.युम हमें जिसने पंगा लेने पर मजबूर किया वो फिर हमारा नाम नही भूल पाया.उसकी वो हालत कर दी मैंने कि शायद वो मुझे सपनों में देख ले तो भी उठ बैठे.पर.....वो हमारे सब्र की अंतिम 'स्टेज' होती है.और ये मेरी आदत सब जानते हैं .कहती भी हूँ 'मैं उतनी अच्छी नही जितना आप लोग मुझे समझ बैठते हैं.'
हा हा हा क्या करूं?
ऐसिच हूँ मैं सचमुच
तो.....पंगा-दिवस जिंदाबाद
15 December 2010 at 6:34 pm
बिल्कुल मनाना चाहिये, चाहे छोटा हो या बड़ा पर पंगा अवश्य होना चाहिये।
16 December 2010 at 6:04 am
स्मरण कराने के लिए-
आपको भी बहुत-बहुत बधाई!
16 December 2010 at 6:15 am
राज भाटिया जी
नमस्कार !
प्रस्ताव बहुत अच्छा है, पूर्ण सहमति है हमारी भी ।
पंगा दिवस की शुभकामनाएं
- राजेन्द्र स्वर्णकार
16 December 2010 at 7:44 am
भाटिया जी ... देरी से ही सही पर पंगा दिवस की बहुत बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ ....
आज से निश्चय करते हैं की हर किसी से पंगा लेंगे .... आमीन ...
16 December 2010 at 2:11 pm
अ गये हम भी पंगेबाज। जरूर मनायेंगे। बधाईयाँ।
16 December 2010 at 3:58 pm
पंगा दिवस :-)
19 December 2010 at 9:22 am
मजेदार पोस्ट है!
नई सोच के लिए धन्यवाद और शुभकामनाएं!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
20 December 2010 at 5:49 pm
जरा देर हो गई.....
फिर भी....
पंगा दिवस की आपको बहुत बहुत बधाई।:))
3 November 2016 at 4:13 am
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