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माधुर्य का रस

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आज का विचार.....
जीवन के माधुर्य का रस लेने के लिये हमें बीती बातो को भुला देने की शक्ति अवश्य धारण करनी चाहिये

23 टिपण्णी:
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निर्मला कपिला said...
20 November 2009 at 1:42 pm  

भाटिया जी बहुत सुन्दर संदेश है धन्यवाद और शुभकामनायें

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Udan Tashtari said...
20 November 2009 at 2:05 pm  

सत्य वचन!!

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डॉ महेश सिन्हा said...
20 November 2009 at 2:07 pm  

सच्ची बात

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Unknown said...
20 November 2009 at 2:25 pm  

सही है जी!

बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेय!

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पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...
20 November 2009 at 2:40 pm  

मगर भाटिया साहब क्या यह प्रैक्टिकली संभव हो पाता है ?

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दिगम्बर नासवा said...
20 November 2009 at 2:57 pm  

BAHYT ACHHA SANDESH HAI ......

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राज भाटिय़ा said...
20 November 2009 at 3:29 pm  

@पी.सी.गोदियाल जनाब नही, मै कई ममलो मै ऎसा नही कर पाया,

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गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...
20 November 2009 at 3:29 pm  

सही बात।
बीती ताही बिसार दे, आगे की सुध ले।

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सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...
20 November 2009 at 4:08 pm  

very true

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डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...
20 November 2009 at 4:11 pm  

bahut sunder sandesh....

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aarya said...
20 November 2009 at 4:53 pm  

भाटिया जी
सादर वन्दे!
कुछ घाव भरते नहीं इसीलिए भूलते नहीं!
लेकिन अंत में बात आप की ही सही है !
विचार अच्छा है!
रत्नेश त्रिपाठी

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विनोद कुमार पांडेय said...
20 November 2009 at 5:22 pm  

सत्य वचन..अनुकरणीय..धन्यवाद भाटिया जी

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Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...
20 November 2009 at 8:09 pm  

बहुत ही सुन्दर सन्देश्!!!!!

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मनोज कुमार said...
21 November 2009 at 2:38 am  

जो बीत गई सो बात गई। अच्छा सोदेश।

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ताऊ रामपुरिया said...
21 November 2009 at 11:01 am  

बात तो आपकी सही है पर लोगों की गालियां कानों मे सपने मे भी गुंजती हैं उसका क्या करे?:)

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Alpana Verma said...
22 November 2009 at 9:27 am  

waah!kya baat kahi hai!jo beet gayi so beet gayi...

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BrijmohanShrivastava said...
22 November 2009 at 2:55 pm  

जो बीती यादों के सहारे ही जी रहे हैं उनका क्या होगा
और वैसे भी बहुत कठिन है बीती बातों को भुला देना
और यह भी सही है कि भुला देने पर ही व्यक्ति आनंदित रह सकता है

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पूनम श्रीवास्तव said...
22 November 2009 at 3:38 pm  

Sach kaha hai apane---

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Ashutosh said...
23 November 2009 at 11:32 am  

बहुत ही सुन्दर सन्देश्!
हिन्दीकुंज

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लोकेन्द्र विक्रम सिंह said...
23 November 2009 at 3:40 pm  

तभी जीवन का मजा है.......
सत्य कहा आपने.....

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Murari Pareek said...
24 November 2009 at 7:08 am  

सही है बीती को बिसारिये!!!

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कडुवासच said...
26 November 2009 at 2:46 pm  

... अनुशरण प्रारम्भ !!!!!

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mark rai said...
28 November 2009 at 2:32 pm  

अगर तूफ़ान में जिद है ... वह रुकेगा नही तो मुझे भी रोकने का नशा चढा है ।

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