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प्यार से कहो तो अपनी जान भी दे दुं

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एक आदमी डाकटर से.. ड्रा साहब आप मुझे कह रहे थे कि रोज सुबह सबेरे कोई गेम खेलने से सेहत ठीक रहती है? लेकिन मुझे ६ महीने हो गये गेम खेलते... लेकिन कोई फ़र्क नही पडा ?
ड्रा.. उस आदमी से... अच्छा आप कोन सी गेम खेलते है ?
आदमी...जी मै रोजाना अपने लेपटाप पर बहुत सी अलग अलग गेम खेलता हुं.
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मच्छर का बच्चा जब पहली बार उड कर वापिस मां के पास आया तो...
मां ने पुछा बेटा केसा लगा तुम्हे उड कर ?
बच्चा बोला... मां मां बहुत अच्छा लगा, ओर सारे आदमी मुझे देख कर तालियां बजा रहे थे.
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एक आदमी दुसरे से.... यार मै बचपन मै बहुत ताकतवर था ?
दुसरा आदमी... वो केसे ?
पहला आदमी... यार मेरी मां कहती है जब मै रोता था ना तो सारा घर सर पै उठा लेता था
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रामप्यारी एक बार राम दुलारे चुहे को पकड रही थी, ओर राम दुलारा भाग रहा था, बचने के लिये.
जब दोनो भागते भागते थक गये , ओर अब राम दुलारे से भागने की हिम्मत नही थी, तो राम दुलारा
चुहा बडे स्टाईल से खडा हो गया ओर बोला..
हाय बिल्लो रानी... प्यार से कहो तो अपनी जान भी दे दुं
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ताऊ का लाडला छोरा..
याहू......
पेपर की सारी तेयारी होगी बापू,
ताऊ बहुत खुश. अच्छा बेटा कुछ रह तो नही गया एक बार देख ले फ़िर से ?
छोरा..
पेंसिल
फ़ुटा
रबर
प्रकार
पेन
स्याही
सब तेयारी है बापू.
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पढना बाकी है
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एक बेवकुफ़ दुसरे से यार यह हबाई जहाज इतना बडा होता है, इसे रंग केसे करते होगे?
दुसरा वेबकुफ़... यार तु सच मै बहुत बडा वेबकुफ़ है, जब जहाज उपर जाता है ना तो बहुत छोटा हो जाता है, बस तब इस पर रंग कर देते है
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दो सरदार (भाई) बच्चे एक ही कलास मै पढते थे, एक दिन टिचर ने उन से पेपर के लिये फ़ार्म भरवाये, ओर फ़ीस जमा करवाई, फ़ार्म देख कर टीचर को बहुत गुस्सा आया ओर दोनो को बुला कर पुछा ? ओये दोनो ने पिता का नाम अलग अलग क्यो भरा है? तो एक बच्चा बोला टिचर टिचर फ़िर आप मारे गे की हम ने एक दुसरे की नकल की है.

15 टिपण्णी:
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aarya said...
15 September 2009 at 5:25 pm  

राज जी
सादर वन्दे
ताऊ वाला बड़ा ही मजेदार था, हँसाने का बहुत बहुत सुक्रिया.
रत्नेश त्रिपाठी

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Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...
15 September 2009 at 5:37 pm  

हा हा हा.....डाक्टर वाला चुटकुला तो बहुत ही मजेदार रहा!!!!

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M VERMA said...
15 September 2009 at 6:10 pm  

ताऊ के छोरे ने बहुत मेहनत किया.

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गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...
15 September 2009 at 6:32 pm  

सभी लाजवाब।
मच्छर के बच्चे वाला खासकर।

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Udan Tashtari said...
15 September 2009 at 6:46 pm  

हा हा मजेदार सारे...!!

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Anonymous said...
15 September 2009 at 7:47 pm  

मजेदार :-)

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Anil Pusadkar said...
15 September 2009 at 9:17 pm  

आनंद आ गया भाटिया जी।

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Alpana Verma said...
15 September 2009 at 9:24 pm  

ha ha ha! mazedaar!

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संगीता पुरी said...
16 September 2009 at 2:10 am  

हा हा हा !!

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ताऊ रामपुरिया said...
16 September 2009 at 4:46 am  

बहुत लाजवाब रहा जी हंसने हंसाने का यह कार्यक्रम.

रामराम.

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Murari Pareek said...
16 September 2009 at 5:10 am  

हा हां मजेदार चुटकुले है कुछ ले भी रहा हूँ !

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Unknown said...
16 September 2009 at 5:26 am  

वाह भाटिया जी, एक से बढ़ कर एक और सभी मजेदार! मजा आ गया!!

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सर्वत एम० said...
16 September 2009 at 7:28 am  

चुटकुले नये थे, अच्छे लगे, आपके कलेक्शन पर बधाई.
बहुत दिनों से आपका ज़िक्र सुन रहा हूँ, ब्लॉग जगत में आप एक ह्स्त्ती की हैसियत रखते हैं. मुझे देर से यह इल्म हुआ कि आप बीमार थे. मैं क्षमा प्रार्थी हूँ कि देर से आपकी खैरियत दरयाफ्त कर रहा हूँ, तबीयत अब कैसी है, यदि अवसर हो तो एक लाइन का जवाब. मैं ७-८ माह से ब्लॉग पर हूँ, गजल का विद्यार्थी हूँ, समय हो कभी और गजल से लगाव हो तो प्रार्थी के ब्लॉग पर भी एक नजर, एक कमेन्ट. आपका आगमन शायद मुझ हकीर के लिए एक शानदार सर्टिफिकेट साबित हो.

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दिगम्बर नासवा said...
16 September 2009 at 9:16 pm  

HA ... HA.. MAZAA AA GAYA BHATIYA JI .... AAPKE CHUTKULE KAMAAL HAIN ...

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शरद कोकास said...
19 September 2009 at 8:10 pm  

इन्हे पढ-कर सारी उदासी दूर हो जाती है

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