आईये मिले हमारे मेहमानो से
नमस्कार,
काफ़ी दिनो बाद आज यह एक छोटा सा लेख आप लोगो की नजर कर रहा हुं, आज कल भारत से एक ब्लांगर मेहमान हमारे जर्मनी मै अपनी बेटी के पास आई हुयी है, जिन का नाम अरुणा कपूर है, इन के दो ब्लांग है, मेरी माला, मेरे मोती ओर दुसरा बात का बतंगड बहुत ही सुंदर लिखती है, यह यहां २ मई को आई थी , फ़िर हमारे यहां भी आई, ओर हम सब ने मिल कर काफ़ी जगह यहां सेर की,बस आप को वहां की कुछ फ़ोटो दिखा रहा हुं, फ़ोटो देख कर बताये केसा लगा हमारा जर्मन. सभी चित्रो के संग थोडा थोडा वर्णन भी किया है. आप किसी भी चित्र को बडा कर के भी देख सकते है
यह चित्र हमारे घर से करीब २०० किमी दुर चेको की सीमा के पास का है यहां हम ओर अरुणा जी का परिवार एक गेस्ट हाउस मै तीन दिन ठहरे थे, आस पास बहुत सुंदर दर्शय थे, यह शाम का समय है, बिलकुल सामने अरुणा जी साथ मै हमारी पत्नि बेठी है.
यह चित्र पसाऊ का है, पसाऊ बबेरिया का एक पुराना शहर है, यहां गलियां भी है, ओर यहां पर तीन नदियो का संगम भी होता है, इस चित्र मै अरुणा जी मेरा छोटा बेटा ओर मै खुद खडा हुं, वेसे पसाऊ नया शहर भी है, लेकिन हम पुराने शहर मै ही घुमे.
यह चित्र उस जगह का है जहां तीनो नदियो का संगम होता है, यहां सिप भी चलते है, इस चित्र मै हमारी वीवी ओर अरुणा जी, एंवम उन की बेटी मोनिका
यह चित्र वापसी के समय का है , मोसम बहुत सुंदर था, ओर चारो ओर का नजारा बहुत ही सुंदर था, इस मै मेरा परिवार ओर अरूणा जी का परिवार है।यह चित्र हाऊसएन बर्ग का है जो पसाऊ से करीब २३ किमी की दुरी पर है.
यहां भी लोग अलग अलग ग्रुपो मे अपना संगीत बजते है, खुब वीयर पीते है। इस चित्र मै अरुणा जी, हमारी धर्म पत्नि ओर हम
यह चित्र हमारे घर से करीब ६५,७० किमी दुर का है, जिसे किमजे परिन के नाम से जाना जाता है, इस झील के बीच मे एक महल है, जो यहां के राजा लुडबिग २ ने बनबाया था. इस चित्र मे मोनिका, हमारी थानेदारनी , अरुणा जी, मेरा बडा बेटा, फ़िर मेरा छोटा बेटा, मोनिका के पति देव, ओर उन का बडा लडका, मै केमरे के पीछे.
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27 May 2009 at 7:36 pm
adbhut...avismarneey...rochak....ek yaadgaar post....
27 May 2009 at 8:42 pm
बड़ा अच्छा लगा अरुणा जी का आपसे मिलना और चित्रों में आप, आपके परिवार, अरुणा जी के परिवार एवं जर्मनी को देखना. आभार.
27 May 2009 at 8:44 pm
जर्मनी बहुत सुंदर है। समझ नहीं आता कि आर्य जर्मनी छोड़ भारत की ओर क्यों दौड़े। शायद तब भारत जर्मनी से अधिक सुंदर था।
28 May 2009 at 3:33 am
भाटिया जी स्वागत ! यह ब्लॉगर मिलन तो इन्द्रधनुषी रहा !
28 May 2009 at 4:05 am
बहुत ही सुंदर लगा .
28 May 2009 at 4:31 am
अरे वाह ! तस्वीरोँ मेँ ही जर्मनी देखने का आनँद आया - सभी तस्वीरेँ सुँदर आयी हैँ -
आपका घूमना चल रहा है -ये अच्छा है -
आपकी पत्नी से नमस्ते+ हेलो कहियेगा
- लावण्या
28 May 2009 at 4:31 am
वाह आनन्द आगया आप सबसे मिलकर.
रामराम.
28 May 2009 at 6:38 am
ब्लागर परिवार के 'अनदेखे अपनों' से जब साक्षात्कार होता है तो कितनी सुखद अनुभूति होती है, इसका कुछ-कुछ अंदाज आपके भेजे चित्रों से हुआ।
28 May 2009 at 6:52 am
बहुत सुन्दर तस्विरें.. अच्छा लगा आपकी पोस्ट पढ़कर एक लम्बे अन्तराल के बाद..
28 May 2009 at 7:04 am
भाटिया जी, आप वापस आ गये, चिट्ठाजगत में जान आ गई. आज ही सारथी पर आपकी अनुपस्थिति के बारे में एक पूरा का पूरा आलेख छपा है
सस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
28 May 2009 at 8:12 am
बहुत ही सुन्दर और प्यारी तस्वीरें हैं, वाकई जर्मनी बहुत ही सुन्दर है।
लगता है वहां भी गर्मी का मौसम है??????
आप सबको नमस्कार
28 May 2009 at 9:03 am
भाटिया जी, एक लम्बे अन्तराल के बाद आज ब्लागजगत में आपका पुनर्रागमन बहुत अच्छा लगा. और आते ही बहुत सुन्दर चित्रमयी पोस्ट के माध्यम से जर्मनी दर्शन का अवसर मिला. धन्यवाद
28 May 2009 at 11:18 am
ऐसा भी होता है....कभी कभी।
बोल उठती तस्वीरें भी...कभी कभी।
ब्लॉग की दुनिया से बाहर निकल कर,
ब्लॉगर्स भी महफिल सजातें है....कभी कभी।
....चाहती हूं कि ऐसी ही तस्वीरों का नजारा किसी अन्य ब्लॉग में भी हो।
28 May 2009 at 2:12 pm
सुन्दर इन्द्रधनुषी, रंग बिरंगे चित्रों की साथ .........आपके और अरुण जी के परिवार से मिलना अच्छा लगा
28 May 2009 at 3:07 pm
bahut ghumayi ki hai bhai waah
29 May 2009 at 12:15 am
Germany है ही बहुत sundar!
क्या manoram chitr हैं !
वाह!
आप के mehmano को और घर में सभी को मेरा yathayogy abhivadan kahiyega.
abhaar sahit-
29 May 2009 at 12:18 am
naya template bahut achcha hai..
aap ki blog jagat mein abscence ko sabhi ne note kiya.
aap ki vacations se wapasi ka swagat hai.
29 May 2009 at 7:15 pm
चित्रों के माध्यम से आपके मेहमानों से मिलना एक सुखद अनुभूति रही. उससे भी सुखद ब्लॉग में लम्बे अन्तराल के बाद आपकी उपस्थिति है.
29 May 2009 at 8:30 pm
... बेहद खूबसूरत प्रस्तुति !!!!
30 May 2009 at 3:34 am
बहुत ही खूबसूरत दृशय !!
30 May 2009 at 6:55 pm
बहुत बढ़िया यात्रा विवरण और फोटो भी बेहद अच्छे लगे. आभार.
1 June 2009 at 5:36 am
Sir Ji...aap to bade smart lagte hai :)
3 June 2009 at 9:02 pm
अहा....भाटिया साब की वापसी और वो भी ब्लौग के बदले कलेवर के साथ। खूब जँच रहा है, सर।
बेहद प्यारी तस्वीरें हैं
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