feedburner

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

पत्नि के लिये चाहिये ? या कोई अच्छा सा दिखाऊ ??

.

आईये थोडा मुस्कुरा ले भाई , आप की मुस्कुराहट ही तो चाहिये हमे:)
*****************************************************
पत्नि.... मैने ना आप के जन्म दिन पर इतनी महंगी चीज ली है ना ! बस आप देखते रह जाओगे ?
पति... शुक्र तुम्हे मेरा भी ख्याल आया, अच्छा ! दिखाओ ?
पत्नि... थोडी देर ठहरो मै पहन कर आई.
**********************************************************
एक पंजाबी के घर मै डाकू घुस आये, ओर पिस्तोल कनपटी पर रख कर बोले, ओये... बता सोना कहा है ?
पंजाबी... अजी बहुत बडा घर है... जहां चाहो सो जाओ.
*************************************************************
अभी अलबेला जी लखनऊ गये तो ताऊ ने कहां कि अलबेला जी आप एक सुंदर सा आईना फ़रेम वाला मेरे लिये लाना जिस मै मै अपनी मुंछो वाली शकल देख सकूं, अब अलबेला जी ने चार दिन दिन के बाद ताऊ जी को फ़ोन किया कि ताऊ यहां मेने बहुत से आईने देखे, सभी मे मुझे अपनी ही शकल दिखती है, जिस मे आप की शकल दिखे ऎसा एक भी आईना नही मिला
***********************************************
एक सरदार जी सोचते रहे सोचते रहे.... ओर सोचते सोचते बुढे हो गये कि यार मेरे दो भाई है.... ओर मेरी बहिन के तीन भाई केसे हुये....... ओर एक दिन मर गये
********************************************************
स्कुल मै अग्रेजी के मास्टर जी ने कहा कि आप किसी भी शव्द को जब दस बार बोलो गे तो वो हमेशा के लिये तुम्हारा हो जायेगा.
अनिता नाम की लडकी ने झट कहना शुरु कर दिया.... आकाश आकाश....
*********************************************************
एक आदमी रेडीमेट कपडो की दुकान पर गया !!
ग्राहक मुझे एक लेडिज सुट खरीदना है..?
दुकान दार.....
*
*
*
*
*
पत्नि के लिये चाहिये ? या कोई अच्छा सा दिखाऊ ??

16 टिपण्णी:
gravatar
श्यामल सुमन said...
12 July 2009 at 4:53 am  

आनन्दम् राज भाई।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

gravatar
विनोद कुमार पांडेय said...
12 July 2009 at 5:22 am  

वाह,
खूब हँसाया,
आप जिन्हे छोटी छोटी बातों का नाम दिया है.
वो लोगो को बड़ी बड़ी मुस्कुराहट दे जाती है.

बधाई हो!!!

gravatar
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...
12 July 2009 at 6:40 am  

बहुत धीर-गम्भीर लतीफे हैं भाई!
हँसे बिना न रह सके।

gravatar
Anonymous said...
12 July 2009 at 7:37 am  

मज़ा आ गया :)

gravatar
सागर नाहर said...
12 July 2009 at 7:45 am  

बढ़िया चुटकुले.. सुबह सुबह मन में गुदगुदि कर गये।
धन्यवाद।
:)

gravatar
Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...
12 July 2009 at 9:22 am  

पत्नि के लिये चाहिये! या कोई अच्छा सा दिखाऊ ?? :)
भई मान गए भाटिया जी, कहाँ-कहाँ से ढूंढकर लाते हैं ये चुटकुले!!!!!!!

gravatar
दिगम्बर नासवा said...
12 July 2009 at 9:45 am  

पत्नि के लिये चाहिये ? या कोई अच्छा सा दिखाऊ ......

He...he...he... Bhatiya ji.... pitwaane ka poora intezaam hai......

gravatar
समय चक्र said...
12 July 2009 at 10:12 am  

बढ़िया चुटकुले.. धन्यवाद

gravatar
Udan Tashtari said...
12 July 2009 at 11:51 am  

इसी पर कल रात टिप्पणी नहीं जा रही थी. :) अब ठीक है.

gravatar
डॉ. मनोज मिश्र said...
12 July 2009 at 4:31 pm  

VAH-VAH MZA AA GYA.

gravatar
mehek said...
12 July 2009 at 5:10 pm  

bahut hi lajawab,mazedar:)

gravatar
प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...
13 July 2009 at 4:40 am  

ha..ha.. ha. ..

gravatar
विधुल्लता said...
13 July 2009 at 7:41 am  

हँसी आ गई .भाटिया जी बस ऐसे ही हंसाते रहिये ....अच्छे लतीफे...

gravatar
Urmi said...
13 July 2009 at 8:31 am  

वाह वाह क्या बात है राज जी! मज़ा आ गया ! एक से बढकर एक लाजवाब चुट्कुल्ले !

gravatar
Murari Pareek said...
13 July 2009 at 2:09 pm  

anand aa gayaa !!

gravatar
www.dakbabu.blogspot.com said...
13 July 2009 at 3:05 pm  

Bahut din bad khul kar hansa..maja aa gaya.Ab to ata rahunga.Kabhi ap bhi padharen.

Post a Comment

Post a Comment

नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये

टिप्पणी में परेशानी है तो यहां क्लिक करें..
मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय