एक छोटी सी लव स्टोरी
.
राज भाटिय़ा
.
चुटकले
यह लव स्टोरी बहुत प्यारी सी है ,
जिस मै दोनो अपने अपने दिल का दर्द कुछ इस तरह से अदा करते है..
**********लडका******** तुम से बिछडॆ तो यह एहसास हुआ. यह इश्क ना हम को रास हुआ. मेरे दिल का सत्यानाश हुआ, हमारा एड्मिशन तो एक साथ हुआ, पर गजब कया तेरे साथ हुआ, तु हुस्न की देवी फ़ेल हुयी, मै दर्द का मारा पास हुआ |
---|
ओर जब यह पत्र लडकी को मिलता है तो...लडकी का जबाब
************लडकी******** मै कलास मे तुम को देखती थी दिन रात मै तेरे को सोचती थी किताब को जब मै उठाती थी. तेरी यादो मै खो जाती थी. पर तुझको ना एहसास हुआ, मै प्यार की प्यासी फ़ेल हुयी, तु झुठा आशिक पास हुआ |
---|
Post a Comment
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
टिप्पणी में परेशानी है तो यहां क्लिक करें..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
2 July 2009 at 8:59 pm
दोनों पढते पास होते..
अगली कक्षा में
साथ साथ आँख लडाते..
2 July 2009 at 9:34 pm
ये तो उल्टी गंगा बह रही है।
3 July 2009 at 1:27 am
कौन पास ...कौन फेल... भ्रम की स्थिति है !
3 July 2009 at 1:32 am
चलो दोनो का प्रेम तो पास हो गया
3 July 2009 at 1:58 am
चलो भाई पास फैल का कारण तो पता चला।
आभार।
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु तेरापन्थ
3 July 2009 at 2:37 am
एक और नारी प्रताडित हुई...यह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. पुरुष सत्ता की जीत..कभी नहीं कभी नहीं..अभी बताता हूँ नारी मुक्ति वालों को..तब तक आप हेलमेट पहनिये. :)
3 July 2009 at 3:19 am
इसमें उस किताब की फजीहत हुई है। बिचारी पढी भी न गई और बस यूँ ही पडी रह गई।
वैसे ये दोनों किसी कल्लूमल कोयले वाले के यहाँ तो नहीं पढते थे:)
3 July 2009 at 3:44 am
मिस कम्म्युनिकेशन का मामला है देखना पड़ेगा !
3 July 2009 at 4:43 am
ये तो उल्टी जमना जी हिमालय को चढ गई? अरे नही नही गंगा जी हिमालय चढ रही हैं.
रामराम
3 July 2009 at 5:38 am
छोरा के रिया है..छोरी पास हो गयी..छोरी के री है..छोरा..मन्ने तो लागे है राज भाई..यो कनफूजन..जरूर ते जरूर ..मास्साब ने ही लादी होगी..दोनों ट्यूशन न पढ़ते होंगे न..मगर ट्यूशन न पढ़ते थे..तो लव कईं हो गया..चलो इब अगली क्लास में तो ......ओये होए ..
3 July 2009 at 5:44 am
ha ha ha ha ha ha ha ha jo bi hua kuch khas hi hua..
regards
3 July 2009 at 7:14 am
गहन निरीक्षण है
---
विज्ञान । HASH OUT SCIENCE
3 July 2009 at 7:37 am
क्या क्या देखते रहते हैं आप।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
3 July 2009 at 12:03 pm
aaderniy raj ji....
ab ladki nahi milegi to koi bat nahi ladka to hai....
ab to is rishte par court ne bhee muher laga di hai.....
is par ek cartoon banaya hai..jaroor dekhiyega...
apne moolywan vicharo se mujhe avgat karayen.....
3 July 2009 at 3:29 pm
kya khoob hae
3 July 2009 at 3:41 pm
हमेशा से इस मामले में केवल पुरूष ही फेल होता आया है....शायद ये अपवाद होगा..:)
3 July 2009 at 7:42 pm
अरे वाह?
5 July 2009 at 11:14 am
Ulti Ganga.......ladki aur fail ho gayee........ kyaa aashiki hai
Post a Comment