पंगे ही पंगे जो हम लेते है.......
एक छोटी सी पोस्ट....
हम सब ने अपने अपने ब्लांग पर बहुत सारे विजेट लगा रखे है, मेने भी जिन का कोई भी लाभ नही... बल्कि हम इन विजेट से खुद भी ओर दुसरो को भी कठिनाई मै डालते है, यानि बस ब्लांग को सुंदर बनाने के लिये हम खुब दिल खोल कर पंगे लेते है, ओर नुकसान भी हमे ही होता है....... ओर कई बार इन विजेट मै छीपे कोड भी होते है....... जो हमारी बहुत सी जानकारियां ई मेल पते वगेरा वगेरा दुसरे को भेजते है, मै जब भी किसी के ब्लांग पर जाता हुं बस लेख कविता पढी, टिपण्णी दी ओर राम राम कभी भी पुरा ब्लांग नही देखा, मेरी तरह सभी यही करते होगे..... मै अपने ब्लांग से अब यह सब हटा रहा हुं, अगर अब भी मेरे किसी ब्लांग पर आप किसी को कोई दिक्कत आये तो जरुर बताये.
बस कुछ जरुरी विजेट ही रहेगे, बाकी सब साफ़....... आप लोगो का विचार है ?
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10 November 2009 at 12:03 am
पंगे तो फिर भी लेने ही पडेंगे आखिर
उलझ्न मे उलझे बिना उलझन नही सुलझती
10 November 2009 at 12:03 am
ये बहुत भला काम किया और अच्छी समझाईश दी.
10 November 2009 at 2:23 am
जितने ज्यादा विजेट उतनी ही ब्लॉग खुलने में समस्या !
10 November 2009 at 2:24 am
आपने जो कदम उठाया है वह अनुकरणीय है
10 November 2009 at 2:24 am
EK AADH PANGA AB BHI MAHSUS HO RAHA HAE
10 November 2009 at 3:14 am
बहुत भला काम किया
10 November 2009 at 3:15 am
पर अब भी कई ऐसे हैं जिन्हें आप हटा सकते हैं !
10 November 2009 at 3:54 am
हमें तो कभी कोई परेशानी महसूस ही नहीं हुई ...क्योंकि पते नहीं है विजेट उजेट के बारे में ...जब होगी तब जरूरे कहेंगे ..अभी तो सब बराबर है जी
10 November 2009 at 4:20 am
बढ़िया है, पहला कदम आपका।
10 November 2009 at 4:22 am
आप ने बहुत सही काम किया है। आप का ब्लाग खुलने में बहुत समय लगता था। अब तुंरत खुलने लगेगा।
10 November 2009 at 4:51 am
आभार इस महत्पूर्ण जानकारी के लिए
regards
10 November 2009 at 5:05 am
आपने बहुत अच्छा किया। ब्लॉग को बहुत अधिक सजाने सवाँरने के चक्कर में सबसे बड़ी तकलीफ तो यह होती है कि ब्लोग खुलने में ही बहुत अधिक समय लेता है।
10 November 2009 at 5:51 am
लो जी ये अच्छी बात बताई. बिना पण्गे के जिंदगी कुछ सूनी सूनी सी नही लगती क्या?:)
रामराम.
10 November 2009 at 6:30 am
राज जी.
पंजाबियों की आदत होती है खामख्वाह xxxx पंगा लेने की...आप पंजाबी है ये xxxx का मतलब समझ ही गए होंगे...
जय हिंद...
10 November 2009 at 6:34 am
वैसे अच्छा लगेगा अगर बी एस पाबला जी भी इस xxxx पंगे पर थोड़ी रौशनी डालें तो...आप कहां हैं पाबला जी...
जय हिंद...
10 November 2009 at 9:28 am
हम भी छंटनी अभियान शुरू करते हैं :)
10 November 2009 at 9:42 am
आपका kahna सच है ......... न सिर्फ e मेल address bataate हैं ......... ब्लॉग khulne में भी बहुत देरी होती है inse ........
10 November 2009 at 10:13 am
hataao ji hataao.
hamne to is tarah se pareshan hokar bahut pahle hi ye sab hata liya tha. aakhir kisko time hai.
10 November 2009 at 1:44 pm
हाँ, हम भी छाँटेंगे कुछ ।
10 November 2009 at 2:07 pm
सही बात
10 November 2009 at 3:06 pm
बहुत सही ... इस पर मै भी मै भी अमल करूँगा .आभार ..
10 November 2009 at 8:25 pm
अच्छी जानकारी। अमल तो करना ही पड़ेगा। ब्लॉग के अग्रजों की बातो पर चलना तो पड़ेगा ही। पर मेरे लिए तो सर मुड़ाते ही ओले पड़ने लगे। अभी तो मैंने ये सब लगाना शुरु ही किया था।
11 November 2009 at 5:05 am
ाज तो आपका ब्लाग एक कलिक मे ही खुल गया । आपका मशवरा बहुत काम का है । कुछ दिन की अनुपस्थिती के लिये क्षमा चाहती हूँ। शुभकामनायें
11 November 2009 at 5:20 am
आज तो एक कलिक मे आपका ब्लाग खुल गया। आपका मश्विरा बहुत अच्छा है। कुछ दिन की अनुपस्थिती के लिये क्षमा चाहती हूँ। शुभकामनायें
11 November 2009 at 6:30 pm
आप ने याद दिलाया तो हमने सोचा चलो आपके विजेट देख ले .. आप के लेखन के आगे हम कुछ देखते कहाँ थे ?
13 November 2009 at 6:57 am
आपकी बात से एकदम सहमत.. विजेट वही लगाने चाहिए जो ब्लॉग के लिए ज़रूरी हों।
मैं इन्हें तीन श्रेणियों में बांटता हूं
1. पाठक की सुविधा के लिए - ऐसे विजेट पेज को आकर्षक तो बनाते ही हैं, साथ में ही पाठक को दी जाने वाली सूचना को आसान बनाते हैं, जैसे फीड की जानकारी।
2. लेखक की सुविधा के लिए - कुछ विजेट ऐसे होते हैं, जो लेखक को यह बताते हैं कि उसका ब्लॉग कौन पढ़ रहा है, सबसे ज्यादा टिप्पणियां कौन कर रहा है या पाठक के साथ संवाद स्थापित कैसे करना है। जैसे ब्लॉग रोल व लाइव ट्रेफिक फीड।
3. ट्रेफिक विस्तारक- ऐसे विजेट ट्रेफिक में इजाफा करते हैं, जैसे रिलेटेड पोस्ट आदि।
इनमें से जो भी अनिवार्य हों, केवल वे विजेट ही ब्लॉग पर होने चाहिए।
हैपी ब्लॉगिंग
13 November 2009 at 5:56 pm
आपका कहना सही है बिना जरूरत के सिर्फ़ पाठकों को दिखलाने के लिये विजिट लगाना ठीक नहीं--
पूनम
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