कुछ चटपटा तो कुछ कुरमरा
सोम, मगंल, बुद्ध , वीर,शुक्र ,शनि ओर इतवार सात दिनो मे हंसाना चाहिये कम से कम सात सॊ बार.....
तो चलिये थोडा हंस भी ले.... लेकिन आप इस बाल कविता को भी पढना ना भुले ? चटका लगाये अरे पहले चुट्कलो का मजा तो ले लै.
सन २००५ की बात है हमारा ताऊ इंदोर से चला दिल्ली, रेलगाडी मै फ़स्ट्र काल्स की सीट बुक थी, जब ताऊ बेठा गाडी मै तो देखा वहां पर पहले से ही तीन आदमी बेठे थे,
स्टेशन से ट्रेन चली, धीरे धीरे सभी मै थोडी बहुत बात शुरु हुयी, ओर सभी ने अपने अपने बारे मै बताना शुरु किया,
पहला आदमी बोला जी नमस्कार मेरा नाम राम सिंह है ओर मै फ़ोज मै ब्रिगेर्डियर हुं,शादी शूदा हुं, मेरे तीन बेटे है ओर तीनो ड्रा० है.
दुसरा आदमी बोला जी नमस्कार, मेरा नाम उदय सिंह है ओर मै भी फ़ोज मे ब्रिगेडियर हुं, शादी शुदा भी हुं, ओर मेरे भी तीन बेटे है ओर तीनो ही इंजिंयर है.
अब तीसरे ने कहा, भाईयो नमस्ते, मेरा नाम ओम वीर है, ओर मै भी फ़ोज मै ब्रिगेडियर हूं, ओर मेरे भी तीन ही बेटे है, ओर तीनो ही वकील है.
अब आया ताऊ का ना०, तो ताऊ बोला, भईयो राम राम जी की, मै ना तो ब्रिगेडियर हुं, ओर ना ही शादी शुदा हुं, लेकिन मेरे भी तीन बेटे है.... ओर तीनो ही ब्रिगेडियर है.!!!!
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पति... पत्नि से..... देखो मै तंग आ गया हुं , तुम्हारी इस मेरी मेरी से... कभी कहती हो मेरा घर, कभी मेरी कार, मेरी मां जब देखो मैरा मेरा करती रहती हो, कभी हमारा हमारा भी कहा करो..... अब इस अलमारी मै से क्या ढुढु रही हो ?
पत्नि ... जी हमारा दुपाट्टा
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आज कल के समय मै....
बच्चो को घर से बाहर भेजते हुये, ओर
मिस काल मारते हुये,
बस एक ही डर लगता है....
कोई उठा ना ले
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हमारे नये पडोसी आये, ओर उन के घर से रोजाना शाम को हंसने की ओर जोर जोर से हंसने की आवाजे आती, अब सभी पडोसी, एक दुसरे से पुछे कि क्या माजरा है ? एक दिन हमे सब ने मिल कर भेजा कि पता तो करो , इन के पास क्या मंत्र है जो रोजाना खुब जोर जोर से हंसते है, अगर यह मंत्र हमे पता चल जाये तो हमारी जिन्दगी भी युही हंसते हुये निकले. भईया हम फ़ुलो का एक गुलदस्ता ले कर उन के घर गये, ओर पुछा भाई आप लोगो के घर से रोजाना खुब जोर जोर से हंसने की आवाज आती है, इस खुशहाली का राज हमे भी बता दो.
तो जनाब पति मोहदय बोले जी राज की बात यह है कि मेरी वीवी मुझे शाम को रोजाना दुर से जुते फ़ेंक कर मारती है, लग जाये तो वो हंसती है, बच जाये तो हम हंसते है जोर जोर से....
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जब टिटानिक डुब रहा था तो उस जहाज मै एक गुजराती भी था, ओर जोर जोर से हंस रह था, लोग डर रहे थे, इधर उधर भाग रहे थे, तभी केप्टन ने उस गुजराती से पुछा, भाई इस मुसिबत की घडी मै भी तुम हंस रहे हो, क्या तुम सोचते हो कि तुम्हारा भगवान तुम्हे बचा लेगा...
गुजराती बोला नही ऎसी कोई बात नही, मै तो इस बात से खुश हुं कि मेने रिट्रन टिकट नही लिया,
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एक टिचर ने स्कुल मै अपने होनहार शिष्य से पुछा, कि अमेरिका मै कंफ़ुजिन दिन कोन सा होता है ?
बच्चे ने झट से जबाब दिया ..... Father´s Day
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21 June 2009 at 5:24 pm
मजेदार :-)
21 June 2009 at 6:17 pm
वाक़ई बहुत मज़ेदार है
21 June 2009 at 6:25 pm
Maja aa gaya.
21 June 2009 at 6:40 pm
हा हा हा बहुत बडिया
21 June 2009 at 6:57 pm
अरे अब सारे चुटकुले ताऊ जी पर ही चलेंगे ?
21 June 2009 at 6:57 pm
ha ha bahut hi mazedar,ye tau ji wala kissa bahut bhaa gaya:)
21 June 2009 at 7:09 pm
waah amreekanwaa sab ko yadi pata chal gaya ki ham logan ko fathers day ka asleeyat pata chal gaya hai to bechaaraa sab pita diwas ko chhod ke padosi diwas manane lagegaa..sab chutkule majedaar rahe..
21 June 2009 at 8:51 pm
मजेदार..
21 June 2009 at 11:31 pm
हा हा ...हा हा..सात सौ बार!
22 June 2009 at 12:34 am
मजेदार!!
22 June 2009 at 6:57 am
LAMBI LEKIN MAZE DAAR UAR PICHLI POST KA AD BHI BEHTEERIN THA...
22 June 2009 at 11:02 am
मजेदार हैं BHAATIYA जी.............. HANSNE की KHURAAK POORI हो गयी
22 June 2009 at 3:28 pm
हा, हा, हा.हा........................
हा.हा ..........................
मज़ा आ ही गया............
चन्द्र मोहन गुप्त
23 June 2009 at 11:50 am
हा हा हा ... एक से बढकर एक चुट्कुल्ले हैं!
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