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हेरान ना होये.....Game

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अजी डरे नही, एक बार पंगा ले कर तो देखे



अजी डरे नही, एक बार पंगा ले कर तो देखे

25 टिपण्णी:
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नीरज मुसाफ़िर said...
10 October 2010 at 5:00 am  

एक घण्टा हो गया पंगा लेते हुए,
साला खत्म ही नहीं हो रहा।
तौबा तौबा, अब नो पंगा।

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समय चक्र said...
10 October 2010 at 7:30 am  

बड्डे पंगा लेते लेते थक गया हूँ ... कुछ खुलता नै है जी. ...

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समय चक्र said...
10 October 2010 at 7:31 am  

बड्डे पंगा लेते लेते थक गया हूँ ... कुछ खुलता नै है जी. ...

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गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...
10 October 2010 at 8:31 am  

ऐसे कोई नहीं छूता पर लिख 'दीजिए पेंट गीला है हाथ ना लगाएं' तो सभी छू कर देखते हैं।

अब जब कह ही दिया गया है कि ना दबाऐं तो फिर :-)

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दिगम्बर नासवा said...
10 October 2010 at 11:47 am  

किधर चले गये ... भाटिया जी ...
पहले पंगा लेने को कहते तो फिर गायब हो जाते हो ... हा हा ... बहुत खूब ...

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निर्मला कपिला said...
10 October 2010 at 2:49 pm  

इस से पंगा लेने वाले तो हर जगह हैं देखिये कितने जनों ने पंगा ले लिया मगर हाथ क्या आया? कुछ नही। हम ने तो छोद दिया। आभार , शुभकामनायें।

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प्रवीण पाण्डेय said...
10 October 2010 at 4:00 pm  

छोड़ दिया।

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शरद कोकास said...
10 October 2010 at 8:52 pm  

हाहाहा ...

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एक बेहद साधारण पाठक said...
12 October 2010 at 4:13 am  

बचाओSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSS

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एक बेहद साधारण पाठक said...
12 October 2010 at 4:15 am  

इसके अन्दर भूत है :))

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पूनम श्रीवास्तव said...
12 October 2010 at 8:33 am  

panga lene ko bhi kah rahe hai ,aur chhoone se bhi mana kar rahe hain .kya baat hai;.------
bahut khoob
poonam

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माधव( Madhav) said...
12 October 2010 at 2:58 pm  

ajeeb hai ye

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anshumala said...
12 October 2010 at 7:29 pm  

ऊफ कहा पंगा ले बैठी यहाँ से भगाने में ही भलाई है |

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देवेन्द्र पाण्डेय said...
13 October 2010 at 5:45 pm  

स्टॉप क्लिकिंग तक पंगा लिया..अब कोई रूकने को कहे तो छोड़ देते हैं वरना..

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मनोज कुमार said...
13 October 2010 at 6:53 pm  

मज़ेदार टाइम पास!

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Ashok Pandey said...
14 October 2010 at 7:25 am  

आप कहते हैं तो डर किस बात की :) लेकिन अभी तो कुछ नहीं दिखा रहा, बाद में आकर लेते हैं पंगा :)

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BrijmohanShrivastava said...
16 October 2010 at 2:51 pm  

वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में
तुमने और घुमाव ला दिये गलियारे में

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Smart Indian said...
17 October 2010 at 7:32 pm  

विजय दशमी की शुभ कामनाएँ!

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Dr.Bhawna Kunwar said...
18 October 2010 at 3:09 am  

kamal ho gaya ye to...thaka dala

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Manoj K said...
18 October 2010 at 6:48 am  

पूरा एक रौंद कर लिया.. मज़ा आया

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Coral said...
18 October 2010 at 3:28 pm  

अब और कहीं पंगा नहीं लेंगे ... कान पकड़ते हैं ...

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S.M.Masoom said...
23 October 2010 at 8:30 pm  

अब तो ले लिया पंगा , इज्ज़त का सवाल है, पीठ नहीं दिखा सकता....ओह नो चलो भाग चलें , कोई देख नहीं रहा...हा हा हा

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Anonymous said...
26 October 2010 at 6:16 pm  

bor ho gaya ji khatam hi nhi hota
ab nhi panga luga

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Dr Xitija Singh said...
27 October 2010 at 9:03 am  

hahahaaa... where the end to it ... very refreshing ... thanks for sharing

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ZEAL said...
6 November 2010 at 10:20 am  

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मैंने भी पंगा लिया। प्रेस करते ही गुलाम अली की ग़ज़ल बजने लगी।

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