नेनॊं महंगी या रिक्क्षा ? आप खुद देख ले...
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राज भाटिय़ा
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जानकारियां
आज मै Ebay.de पर युही घुमता घुमता एक जगह पहुचां तो देखा भी भारतिया रिक्क्षा भी बिकता है जर्मनी मै, तो मुझे एक रिक्क्षा बहुत पसंद आया, मैने उसे लेने की सोची...... लेकिन भारतिया खुन फ़िर से अड गया, मेरी बीबी ओर बच्चो ने मुझे मना कर दिया कि रिक्क्षा अगर लाये तो ..... आप को घर से बाहर कर देगे.......वेसे हम ने इंटर्लाकेन( स्विट्रजर्लेंड मै पुरा एक घंटा रिक्क्षा चलाई...चित्र आप ने देख ही लिया ऊपर, मेरे साथ पुना के आई आई टी इनंजिन्यर भी बेठे है, सभी के पेरो मै पेडल थे, ओर बारी बारी से हम सब ने इसे चलाया, किराया ना पुछे, एक घंटे के ७०€ यानि ४२०० रुपये, लेकिन जो मजा आया उस के सामने यह कुछ नही लगे.
तो अब आईये आप को दिखाये की हमारी नेनॊ से मंहगी मिलती है यहां रिक्क्षा जिसे सिर्फ़ शोक के लिये ही चलाया जाता है, कुछ खास जगह पर ही, चलाओ भी खुद, यहां Ebay.de मे मैने आज एक रिक्क्षा देखी ७,५५५,०० € की, यानि भारतिया मुद्रा मै उस की किमत होगी ४,५३३००,०० रुपये पुरे चार लाख ५३ हजार तीन सॊ..अगर आप देखना चाहे तो यहां देखे या फ़िर Ebay मै जा कर यह ना० दे....Artikelnummer:140370668859, ओर देखे नेनॊ से मंहगी रिक्क्षा...
तो अब आईये आप को दिखाये की हमारी नेनॊ से मंहगी मिलती है यहां रिक्क्षा जिसे सिर्फ़ शोक के लिये ही चलाया जाता है, कुछ खास जगह पर ही, चलाओ भी खुद, यहां Ebay.de मे मैने आज एक रिक्क्षा देखी ७,५५५,०० € की, यानि भारतिया मुद्रा मै उस की किमत होगी ४,५३३००,०० रुपये पुरे चार लाख ५३ हजार तीन सॊ..अगर आप देखना चाहे तो यहां देखे या फ़िर Ebay मै जा कर यह ना० दे....Artikelnummer:140370668859, ओर देखे नेनॊ से मंहगी रिक्क्षा...
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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
22 August 2010 at 6:28 pm
ले लो जी यह रिक्शा . बिना पेट्रोल के चलेगा .
22 August 2010 at 6:40 pm
ये तो बहुत सही जानकारी दी आपने. इस तरह के प्रयास थोडे बडे स्तर पर हों तो पर्यावरण को बचाने में काफ़ी हद तक मदद मिल सकती है.
रामराम
22 August 2010 at 7:50 pm
बताइये, यहाँ के रिक्शे भी इतने में बिके तो रिक्शे वाले बेच कर निकल लें।
23 August 2010 at 4:58 am
स्विफ्ट लेलो.. जी.. छोडो रिक्से को..
23 August 2010 at 8:25 am
इस रिक्शा का नाम होना चाहिये, भारत
कोई आगे पैडल मारेगा तो कोई ब्रेक लगा देगा
कोई स्टीयरिंग दायें घुमायेगा तो कोई बायें
प्रणाम जी
23 August 2010 at 8:27 am
जो पीछे सुरक्षित ऊंची सीट पर बैठे हैं, उन के पास छत भी है और जो बेचारा छोटा है, आगे है, उसे धूप-बारिश से बचाव के लिये छत भी नहीं और ना उसके पास पैडल है ना स्टीयरिंग
है ना भारत की प्रतिमूर्ति ये रिक्शा?
23 August 2010 at 12:04 pm
बड़ा जोरदार है ये नेनो रिक्शा ....
23 August 2010 at 3:00 pm
क्या बात है .... एक्सपोर्ट का धन्दा चालू कर देना चाहिए भाटिया जी ....
मजेदार .....
23 August 2010 at 5:09 pm
सुंदर रिक्शा है , ले लीजिए घर से निकाले जाने पर काम आएगा :)
25 August 2010 at 4:27 pm
rakshabandhan ki badhai ,naam rikasha kimat gaadi ki ye bhi ajeeb aur anokhi si baat lagi magar sundar jaankaari rahi .
26 August 2010 at 6:04 am
यह चार पहियों वाली रिक्शा पहली बार चित्र में देखी.धन्यवाद.
26 August 2010 at 8:44 am
यह रिक्शा तो बड़ा अच्छा है
29 August 2010 at 7:42 pm
vaah mazaa aa gaya rikshe ki savaree ke baare mey parh kar.. aap badaa kaam kar rahe hai, ki ham logon ko vahaan kee khas-khas jankariyaan dete rahate hai mai ise bhi desh sevaa manata hoo.
30 August 2010 at 8:40 pm
राज जी,
ऐसे बहुत सी चीजे है जिनका विज्ञानं आजतक जवाब नहीं ढूंड पाया है, इसलिए आप शायद सहमत न हो लेकिन यदि आप चाहे तो मेंरे कुछ सवालो के जवाब आप दे दीजिये विज्ञानं की द्रष्टि से .... आपके जवाब का इंतजार रहेगा
1 September 2010 at 3:45 am
कहाँ कहाँ से आप भी खजाना खोज के लाते हैं :) किराया काफी महंगा था जनाब ....
1 September 2010 at 7:43 pm
raj saheb
aapki post smesha gyan vrdhak hoti hai thanks .
8 September 2010 at 5:21 am
सुंदर नेनो रिक्शा है
चले बिना पेट्रोल के .....
क्या बात है ....
8 September 2010 at 6:18 am
Raj ji! vahaan chalaya to chalaya kintu Bhaarat aakar riksha chalaane ka aanand na len varna bechare garib rikshe walo ke man roji-roti ka sankat mandraane lagega...
8 September 2010 at 6:01 pm
Adarneey Raj sir,
Apne soochna achchhee dee----aur use prastut karne ka dhang bhee bahut sundar hai.
hardik shubhkamnayen.
Poonam
9 September 2010 at 8:11 am
raj gee aapne bahut hee mahatavpurn jankari dee...jo kisi ko bhee sochne par majboor kar sakti hai...shandar parstuti ke liye badhai
10 September 2010 at 4:07 pm
हमारे यहाँ तो रिक्शा वाला कभी ज़िन्दगी भर इतने पैसे नही कमायेगा। अच्छी जानकारी है। शुभकामनायें
17 October 2010 at 7:31 pm
वाह, गज़ब का वाहन है!
3 November 2016 at 4:15 am
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