वो सुबह कभी तो आयेगी.........
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राज भाटिय़ा
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चल चित्र
आज बस... यही...... इस शुभ दिन के अवसर पर........
आओ मिल कर जगाये इस सरकार को हम इतने भी बेबस नही,सरकार हम से है हम सरकार से नही, अगर इसे चुना है तो अपनी सुरक्षा के लिये अपने लाभ के लिये, तो आप जाग्रुक हो ओर बाकी जनता को जागरुक करे, हम आजाद है.... ओर आजाद रहेगे, आप मिल कर कदम बढाये ओर इन घटोलेवाजो को देश के दुशमनो को इन की ओकात दिखाये...... जय हिन्द
आप सब को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं।
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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
15 August 2010 at 6:29 am
उम्मीद पर दुनिया कायम है . उम्मीद के कारण ही तो आज़ादी जश्न मना रहे है .
15 August 2010 at 7:05 am
फिर से नयी सुबह जरूर आयेगी। स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं। अच्छी प्रस्तुति के लिये बधाई। जय हिन्द
15 August 2010 at 10:31 am
सुन्दर गीत. आभार.
स्वाधीनता दिवस की अनन्त शुभकामनाएं.
15 August 2010 at 12:08 pm
Bahut sunder geet hain sir ji,
JAI HIND
15 August 2010 at 12:12 pm
स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
रामराम.
15 August 2010 at 1:42 pm
इसी उम्मीद में कल फिर निकलेगा सूरज और डूह जायेगा फिर से नाकामी का आलम देखकर।
15 August 2010 at 1:44 pm
*डूब जायेगा
15 August 2010 at 3:04 pm
लाजवाब गीत है यह ...
आपको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ....
15 August 2010 at 5:17 pm
स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई....
16 August 2010 at 5:51 am
आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ :)
16 August 2010 at 12:06 pm
bahut arthpoorn aur madhur geet hai ,haardik badhai sweekaare aazaadi ke shubh avasar par .
22 August 2010 at 1:02 pm
इस सुन्दर और सामयिक गीत को सुनवाने के लिए धन्यवाद.
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