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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
26 February 2009 at 6:55 am
प्रणाम
इस बालक ने ये कुर्सी गले में पहनी कैसे . लगता है बड़ा शरारती बच्चा है दूसरो को परेशान करने में उसे आनंद आता है .
26 February 2009 at 7:05 am
बच्चे बच्चे ही होते हैं...किसी भी देश के हों...शरारतें भी सब बच्चों की एक सी होती हैं.....लेकिन ये बच्चा तो सबका गुरु निकला...
नीरज
26 February 2009 at 7:07 am
क्या बताऐं?अपना भी बचपम मे कुछ-कुछ ऐसा ही हाल था।
26 February 2009 at 7:07 am
बाप रे..
26 February 2009 at 7:19 am
बड़ा शरारती बच्चा है।
26 February 2009 at 7:21 am
कमाल का बच्चा है!
26 February 2009 at 7:38 am
अरे इसने खुद पहनी है या ये लोग पहना रहे हैं.. इसकी जांच करवाई जाये..
जी एक और बात.. आपका पेज बडी देर से लोड होता है.. कुछ तामझाम कम करने की जरूरत है
26 February 2009 at 7:45 am
ये तो बच्चा नही खुद ही ताऊघंटाल है. :)
रामराम.
26 February 2009 at 7:46 am
पढें : ताऊ घंटाल = गुरु घंटाल :)
26 February 2009 at 8:56 am
BHATIAJI
BHAI .YEH KUDSI CHIZ HI AISI HAI..ACHE-ACHO KO AAFAT MAIN DALDETI HAI.. :D
NOTE-::"KISKA KUTTA CROREPATI" PADHNE KE LIYE "HEY PRABHU"
KE GHAR PADHAARE ..
[हे प्रभु यह तेरापन्थ, के समर्थक बनिये और टिपणी देकर हिन्दि ब्लोग जगत मे योगदान दे]
26 February 2009 at 9:15 am
क्या कहने इस बच्चे के.........पूत के पाँव तो पालने में ही दिख जाते हैं, यहाँ तो गर्दन ही...........
आगे आगे देखिये क्या गुल खिलायेगा
26 February 2009 at 9:26 am
bada natkhat bachha lagta hai:)
26 February 2009 at 9:57 am
Child is father of a man.
26 February 2009 at 12:06 pm
बच्चे तो बच्चे होते हैं कंही के भी हो . हाँ बच्चे को थोडा ध्यान देकर और समझाइश देकर ऐसी घटनाओं को कम करने की कोशिश की जा सकते है .
26 February 2009 at 12:29 pm
बच्चों के कारनामें हम रोज़ देखते हैं। ः)
26 February 2009 at 1:59 pm
भाटिया जी,मुझे तो ये आपके बचपन की तस्वीर लग रही है.....सच बताईए है कि नहीं?
26 February 2009 at 2:53 pm
बाप रे..
26 February 2009 at 10:10 pm
अब आगे से ऐसा नहीँ करेगा ना ?
- लावण्या
27 February 2009 at 10:17 am
" aaj to accha sabak mila is payre shrarti bacche ko...'
Regards
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