मां तो ऎसी ही होती है.
.
राज भाटिय़ा
.
चित्र
अब हम क्या लिखे , यह चित्र खुद ही बोलते है, मां चाहे इंसान की हो, या फ़िर जानवर की, लेकिन मां तो मां ही होती है...
Post a Comment
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
टिप्पणी में परेशानी है तो यहां क्लिक करें..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
22 February 2009 at 7:14 am
हां वाकई सब कुछ तस्वीरे ही कह रही है।
22 February 2009 at 7:25 am
बिल्कुल सही ! माँ तो माँ ही होती है ! तस्वीरों ने भी सब कुछ साफ कर दिया !
22 February 2009 at 7:37 am
सच माँ तो माँ ही होती है। एक बार डिस्कवरी देख रहा था जिसमें एक बार शेरनी शिकार करते वक्त एक हिरण का बच्चा जो भाग नही पाता है किसी वजह से पर शेरनी उसे नही खाती है और बल्कि उसकी देखभाल करती है। उसको चलने में मदद करती है पानी पीलाने ले जाती है। पर एक दिन वह बस चंद पल के लिए दूर होती तो कोई शेर उसका शिकार कर जाता है और दुखी हो जाती है। सच उस वक्त आँखे भर आई थी। खैर ये जिदंगी है चलती रहती है।
22 February 2009 at 8:00 am
सच में माएं ऐसी ही होती हैं।
22 February 2009 at 8:11 am
बहुत बढ़िया चित्र हैं।
घुघूती बासूती
22 February 2009 at 8:20 am
dil ko chhu liya in tasweeron ne.
22 February 2009 at 8:33 am
भाटिया जी ,आप की पोस्ट की तस्वीर बोलती है ...अद्भुत् चित्र कहाँ से सहेजते हैं आप ...मां तो बस मां होती है बच्चे को संकट मैं नही छोड़ सकती...दुनिया मैं इसीलिए भगवान् केपहले मां का दर्जा है ......जीव जंतुओं के प्रति संवेदन शीलता आप मैं हैं तभी तो आप सब कुछ हम लोगों से बाँट पातें हैं ...मेरे पास एक लेबराडॉग है ...हमारे प्रति उसका प्रेम इतना असीम है ...कई छोटे किस्से हैं कभी लिखूंगी इस पोस्ट के लिए ...अनंत शुभ कामना
22 February 2009 at 9:06 am
सही कहा आपने मां की ममता तो सभी जीवों मे ऐसी ही होती है.
रामराम.
22 February 2009 at 9:16 am
वाकई, तस्वीरें बोल उठी-माँ तो माँ ही होती है.
22 February 2009 at 9:21 am
अद्भुत तस्वीरें राज साब....उफ़्फ़!!!!
कहा~म से लाते हैं आप ये नायाब तस्वीरें सर?
22 February 2009 at 9:26 am
अद्भुत. हमारे पास एक बहुत पुराणी विडियो क्लिप है जिसमे एक तेंदुआ बंदरिया को मार देता है लेकिन बन्दर के बच्चे के प्रति उसकी ममता देखने लायक है. आभार.
22 February 2009 at 9:28 am
माँ की ममता से लबरेज बढ़िया फोटो है माँ तो आखिर माँ होती है . अच्छा लगा .
22 February 2009 at 10:57 am
सच में मां ऐसी ही होती है।
22 February 2009 at 12:06 pm
सचमुच तस्वीरें ख़ुद बयान कर रही है !
22 February 2009 at 12:42 pm
बहुत ही सुन्दर चित्र हैं। आपने सच कहा माँ ऐसी ही होती है।
22 February 2009 at 12:45 pm
वाह्!बहुत ही अद्भुत चित्र.सचमुच मां की तुलना किसी से नहीं की जा सकती.......
22 February 2009 at 1:43 pm
अद्बुत!
22 February 2009 at 2:01 pm
मुआफ करिएगा, सेहत से तो यह बाप लग रहा है।
22 February 2009 at 4:24 pm
प्रकृति ने माँ को विलक्षण भाव देकर भेजा है। अद्भुत।
22 February 2009 at 7:24 pm
अतुल जी हो सकता है आप की बात भी सही हो
अजी अगर बाप भी हुआ तो बाप भी तो अपने बच्चे को उतना ही प्यार करता है, जितना मां, बल्कि बाप की जिम्मेदारी कुछ ज्यादा ही होती है, लेकिन बच्चा, फ़िर भी ज्यादा मां के पास रहता है इस लिये बच्चे को मां से ज्यादा मोह होता है
23 February 2009 at 3:35 am
आप चित्रों के माध्यम से सचमुच कमाल कर रहे हैं, प्रसंशनीय व न भूलने वाली अभिव्यक्ति है।
शुभकामनाएँ।
23 February 2009 at 4:06 am
" भावुक हो गया मन ये तस्वीरे देख कर .....माँ सच में माँ ही होती है ......अतुलनीय
Regards
23 February 2009 at 10:20 pm
maa.........
24 February 2009 at 4:14 pm
तस्वीरें ख़ुद ही बयां कर रहीं हैं...........
माँ तो माँ ही होती है, इंसान और जानवर, माँ का एहसास तो सब की माँओं में होता है
अपनी माँ की भी याद आ गयी, अपने वतन की याद आ गयी
Post a Comment