feedburner

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

तुम आज मेरे संग हंसलो

.

एक बार ताई बाजार मै कुछ खरीदरी करने गई, ताई जब खरीदारी कर रही थी तो लोगो का ध्यान एक बम पर गया, ओर लोग जल्दी से वहा से भाग गये, ताई बेचारी सीधी साधी ना उस ने बम्ब देखा, ओर ना कुछ समझी, दुर खडे कुछ नोजवान चिल्लाऎ !!!! ताई बम्ब है, ताई बम्ब है !!!! ताई यह सुन कर शर्मा गई, ओर बोली हट बेशर्म अब कहां, पहले थी

एक बार ताऊ कही गया,तो वहा एक मुस्लिम लडकी ने ताऊ को आवाज मारी.. भाईजान... ताऊ बोल्या, अरे साली क्यो कन्फ़ुज कर रही है, या भाई बोल या फ़िर जान

ताऊ इंट्रव्यू लेने ( अनुराग जी की ) अमेरिका पिटर्स बर्ग ) गया, वापिस आया तो सभी ने पुछा ताऊ अमेरिका मे नया क्या देखा ??ताऊ बोल्या न्या क्या उडे तो रिक्क्षे आला भी अगरेजी मे बात करे शे.

ताऊ का इंट्रव्यु लेने अखवार वाले आये, ओर बहुत सी बाते करते करते उन्होने पुछा ताऊ अगर अचानक तेरे खेत मै शेर आ जाये ओर बिलकुल तेरे सामने खडा हो तो आप कया करोगे?? ताऊ ने थोडी देर सोचा, ओर बोला भाई अखबार वाले फ़िर मै क्या शेर ही करेगा,, जो भी उस ने करना है..

8 टिपण्णी:
gravatar
seema gupta said...
14 February 2009 at 1:16 pm  

एक बार ताऊ कही गया,तो वहा एक मुस्लिम लडकी ने ताऊ को आवाज मारी.. भाईजान... ताऊ बोल्या, अरे साली क्यो कन्फ़ुज कर रही है, या भाई बोल या फ़िर जान
" हा हा हा हा हा हा हा ह आहा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा एक से बढ़ कर एक हा हा हा "

Regards

gravatar
Gyan Darpan said...
14 February 2009 at 1:51 pm  

ताऊ भी ताऊ है ! ताऊ के किस्से कभी कम नही हो सकते !

gravatar
P.N. Subramanian said...
14 February 2009 at 2:59 pm  

बहुत मजा आया भाई जान.

gravatar
Unknown said...
14 February 2009 at 4:15 pm  

bahut mast likha hai....

gravatar
योगेन्द्र मौदगिल said...
14 February 2009 at 4:20 pm  

ताऊ-पुराण का संक्षिप्त अध्याय प्रकाशनार्थ बधाई स्वीकारें श्रीमंत भाटिया सर........!!!!!

gravatar
Anonymous said...
14 February 2009 at 5:29 pm  

waah maza aagaya :)

gravatar
सुशील छौक्कर said...
15 February 2009 at 3:52 pm  

हा हा हा :-)

gravatar
आलोक सिंह said...
16 February 2009 at 6:34 am  

प्रणाम
ताऊ जी के किस्से वाकई बहुत रोचक है . ताऊ की ऐसी गतिविधियों का मुझे इंतजार रहता है .
धन्वाद

Post a Comment

Post a Comment

नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये

टिप्पणी में परेशानी है तो यहां क्लिक करें..
मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय