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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
20 January 2009 at 2:11 am
हा हा!! यह तो परमाणु बम देने के पहले सोचना था कि किसे थमाया है. जिसे थमाया, अब वो खुद अपनी पीठ पर लाद कर घूम रहा है. :)
20 January 2009 at 2:17 am
वाह, वाह! समीर जी की टिप्पणी से अच्छा क्या कहूं?
मजा आया.
20 January 2009 at 3:07 am
हा हा इसे गधा ही ढोयेगा और गधे ही चलाएंगे !
20 January 2009 at 3:29 am
in teen gadhon ki kripa rahi to aadmi to nahi bachenge duniya mein, bas gadhon ke bhai bandhu rah jayenge..
20 January 2009 at 3:29 am
तीन गधे और एक मिसाइल ....अल्लहा जाने क्या होगा आगे
20 January 2009 at 3:38 am
गधे कैसे कैसे इस दुनिया में!
वाह मजा आ गया!
यदि आप ढूंढेंगे तो इनसे भी बड़े गधे मिल जायेंगे। बस ढूंढते समय मेरी तरफ ध्यान मत देना वरना मेरा फोटो भी आपको अपने ब्लोग में लगाना पड़ेगा।
20 January 2009 at 3:47 am
ये मनमोहन का है कि जरदारी का ?
20 January 2009 at 3:47 am
"पेट्रोल बचाओ, क्यूँकि बेचकर अगला बम ख़रीदना है"
---आपका हार्दिक स्वागत है
चाँद, बादल और शाम
20 January 2009 at 5:12 am
यह नहीं चलने वाले बम को चलाने का असफल प्रयत्न है। और गधा ही काम आया।
20 January 2009 at 5:25 am
वाकई फोटो तो अच्छा है और बहुत कुछ कह भी रहा है। जो मै नही कहूँगा।
20 January 2009 at 5:47 am
गधो का भी कोई ट्रेनिंग कैंप होता होगा शायद...??
Regards
20 January 2009 at 6:57 am
mast sir..maza aa gaya....
20 January 2009 at 7:39 am
बुद्धिमान तो मुझे गधा ही दिख रहा है|
20 January 2009 at 7:57 am
बस मज़ा आ गया. कहने के लिए किसी ने कुछ नहीं छोड़ा. आभार.
20 January 2009 at 9:04 am
गधे पे परमाणु बम वाह राज जी गजब हो गया . मतलब ये है कि अब गधो की वेल्यू बढ़ गई है हा हा
20 January 2009 at 11:00 am
Ha Ha Ha .....sachmuch lajawaab..
ek photo itni badi kahani bol gayi.Bahut badhiya.
20 January 2009 at 12:51 pm
ab dekhna yah hai ki 'most valuable 'and dangerous kaun ???
20 January 2009 at 1:49 pm
एक बात तो है, इंसान कभी भी परिस्थितियों से हार नहीं मानता।
अपने देश में राजस्थान में 'स्टेट बैंक' ऊंटों पर चढ घर-घर पहुंचता है।
20 January 2009 at 2:13 pm
इब समझ म्ह आया कि ये रामदयाल की गधेडी को आप पकड लाये हैं और परमाणु बम ढोने वालों को किराये पर दे दिया है. :)
रामराम.
20 January 2009 at 4:08 pm
haa haa!! maza aa gaya.
20 January 2009 at 5:06 pm
अब तो अल्लाह ही मालिक है !!:)
- लावण्या
20 January 2009 at 5:14 pm
हम तो चुप अवाक हैं....
20 January 2009 at 7:32 pm
कहां कहां से लाते हैं आप ये चित्र.
चेहरे से और टोपी से लगता है,कि पाकिस्तानी है! और कौन हो सकते है.
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