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संगत का असर

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कहते है आदमी क्या सभी पर संगत का असर जरुर पडता है , सुना तो बहुत था , देखा आज ही है।
आप के क्या आप के क्या विचार है???

13 टिपण्णी:
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Vinay said...
16 January 2009 at 3:11 am  

बहुत अच्छा,

---मेरा पृष्ठ
चाँद, बादल और शाम

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dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...
16 January 2009 at 3:12 am  

bilkul theek dikhaya

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ताऊ रामपुरिया said...
16 January 2009 at 4:22 am  

बहुत लाजवाब जी.

रामराम.

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seema gupta said...
16 January 2009 at 4:56 am  

" हा हा हा आश्चर्यजनक मगर ये नही समझ आ रहा कौन किसको follow कर रहा है.."
Regards

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विधुल्लता said...
16 January 2009 at 5:00 am  

सही कहा और सही बताया आपने ...इस पोस्ट का नाम हंसना मना है कर दीजिये..वाकई ठहाके वाली बात,....आपकी पोस्ट खुल नही रही थी...उम्मीद है अब तबियत ठीक होगी...हमारी शुभकामना

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दीपक "तिवारी साहब" said...
16 January 2009 at 5:23 am  

वाह साहब भाटिया जी, ब्लागीवुड के दो परम मित्रों के फोटो दिख रहे हैं मुझे तो ये| :)

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सुशील छौक्कर said...
16 January 2009 at 6:16 am  

हा हा हा। बहुत खूब।

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Unknown said...
16 January 2009 at 6:34 am  

sahi men sangat ka asar dikh raha hai..

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संगीता पुरी said...
16 January 2009 at 6:37 am  

सुना तो बहुत था , देखा आज ही है।
खासकर बच्‍चे , बंदर की तरह ही नकलची होते हैं।

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ilesh said...
16 January 2009 at 12:34 pm  

bahot khub....

regards

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मोहन वशिष्‍ठ said...
16 January 2009 at 1:14 pm  

भाटिया जी ये लग रहा है कि दोनों जार्ज डब्‍ल्‍यू वुश की नकल कर रहे हैं वो महाशय भी ऐसे ही करते रहते हैं बाकी एक कहावत है ना कि खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है वो यहां पर सटीक है

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दिनेशराय द्विवेदी said...
16 January 2009 at 6:33 pm  

गीता और डार्विन दोनों कहते हैं कि मनुष्य योनि सारी योनियाँ भोगने के बाद ही जीव को मिलती है।

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गौतम राजऋषि said...
16 January 2009 at 7:20 pm  

कबीरा संगत साधु की..

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