ताऊ के गोल गप्पे
ताऊ... कॊई दो चीजो के नाम बताऒ जो हम नाशते मै नही खा सकते.
तिवारी साहब जी..वेरी सिम्पल यार....लंच ओर डिनर कॊ हम नाश्ते मै नही खा सकते.
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तिवारी साहब जी... अरे ताऊ सुबह सुबह क्या कर रहै हो??
ताऊ... तिवारी साहब जी मे डिनर कर रहा हूं ??
तिवारी सहाब जी... अरे ताऊ सुबह के खाने को नाशता कहते है.
ताऊ... हां हां मुझे मालुम है, लेकिन मै तो कल रात का बचा खाना खा रहा हू.
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ताऊ... आओ आओ तिवारी साहब जी अरे आप भाभी को साथ नही लाये ???
तिवारी साहब.. ताऊ भाई आप की भाभी तो आने को तेयार थी, लेकिन मेट्रो मे विस्फ़ोटक चीजे साथ लाना मना जो है??
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एक जगह शराब के बिरोध मै भाषण चल रहा था, तो भाषण देने वाला बोला..अब आप बाताये की अगर मै यहां एक बालटी पानी की ओर एक बाल्टी देसी शराब की मंगावाऊ, ओर एक गधे को पीने के लिये दी जाये तो वो गधा किस चीज को पीयेगा, एक आदमी ने कहा कि पानी, तो उस भाषाण देने वाले ने पुछा कि क्यो, तो उस आदमी ने कहा गधा जो ठहरा.
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29 December 2008 at 1:24 am
बहुत जोरदार रहे जी ताऊ और तिवारी साहब का संवाद ! वैसे तिवारी साहब चुनाव के बाद से ही घुमने फ़िरने गये हैं ! अभी दो सप्ताह बाद प्रगट होंगे शायद ! कल ही बात हुई थी उनसे !
रामराम !
29 December 2008 at 2:00 am
मजेदार !
29 December 2008 at 4:44 am
ताऊ... आओ आओ तिवारी साहब जी अरे आप भाभी को साथ नही लाये ???
तिवारी साहब.. ताऊ भाई आप की भाभी तो आने को तेयार थी, लेकिन मेट्रो मे विस्फ़ोटक चीजे साथ लाना मना जो है??
'ताऊ के गोल गप्पे खट्टे मिट्ठे और तीखे भई वाह "
Regards
29 December 2008 at 5:04 am
आज का ब्रेकफास्ट लजीज रहा. आभार.
29 December 2008 at 8:09 am
जोरदार राज साब....सुबह-सुबह इस थोक में हँसी देने का शुक्रिया
29 December 2008 at 10:12 am
भाटिया जी, गधा गधा ही होता है और आदमी आदमी। अल्कोहल का स्वाद कभी चखा नहीं न चखने की मंशा है। चुटुकले जोरदार हैं।
29 December 2008 at 1:58 pm
Uncle Ji Baalti Bhar Kar Desi DaaRoo Ke Bajaaye SCOTCH KE KEWaL DO Glass RAKHTE To Gadhaa Bhi MANaa Nahin KAR PAATaA .{ MAAFI}
29 December 2008 at 1:59 pm
सभी चुट्कुलें एक से बढ़ कर एक है!... संकलन बहुत बढिया है, धन्यवाद!
29 December 2008 at 2:05 pm
Gharaati
oye jhalleyaa Akele hi Mooh Uthaaye Aa GAYaA .Bhabhi Ji Ko Saath Nahin Layaa.
JHALLA
Shah Ji Jab AAp Ke Ghar Main Meri Bhabhi Ji MOUJOOD Hain To AAp JI KI BHABHI Ko KAShT DENA UCHIT NAHI THaA {MAAFi}
30 December 2008 at 1:27 pm
mazedaar chutkule hain..aapka blog kaafi interesting hai...
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