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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
27 December 2008 at 3:54 am
हँसी तो नही आ रही अचम्भित जरुर हो रहा हूँ !
27 December 2008 at 4:53 am
फोटोग्राफी कमाल है!! हंस नहीं रहा.. मना किया न!
27 December 2008 at 5:12 am
भाई लोग कृपया शीर्षक देखें . हंसाना मना है . हँसना नहीं . अत: खुलकर हँसें . जुर्माना तो भाटिया जी को भरना पडेगा जो हँसा रहे हैं . हा हा हा ...
27 December 2008 at 5:20 am
चौंका दिया भाटिया जी आपने।
27 December 2008 at 5:28 am
badhiya hai ji.. :)
e-mail me dekh chuke hain ab phir se dekh liye.. :)
27 December 2008 at 5:38 am
यह तो कमाल है जी...!
27 December 2008 at 8:39 am
हँसा तो नही पर दंग रह गया। कमाल की फोटो। और हाँ जी किसी पोस्ट में आपने नीबू चाय की बात की थी क्या उसमें चाय नही डलेगी क्या। समय हो तो बताना जी जरुर।
27 December 2008 at 9:01 am
कमाल की फ़ोटू हैं जी ये तो !
रामराम !
27 December 2008 at 10:07 am
सुशील कुमार छौक्कर जी उस मे चाय या ओर कुछ नही डालना, बस नींबू ही डालना है, चीनी, शहद भी डाल सकते है.
धन्यवाद
27 December 2008 at 11:20 am
" my god its amezing........."
regards
27 December 2008 at 1:00 pm
............................. nahi hasunga aapne kaha hai isliye
27 December 2008 at 3:27 pm
आपने हंसना मना लिखा है या चौंकना ?
27 December 2008 at 5:08 pm
एक तो आप ऐसी फोटो दिखाते हैं और फ़िर कहते हैं की हंसो मत....ये तो ददैरी है भाई...अब इनको देख कर कोई हँसे बिना कैसे रह सकता है...हंसने दो ना प्लीज ...हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा अह अह आहा हा
नीरज
27 December 2008 at 5:27 pm
हंसा तो नही पर चौक गया हूँ जी . बहुत बढ़िया चित्र राज जी अच्छा कलेक्शन है वह साब
27 December 2008 at 8:46 pm
bahut hi badhiya hai.
27 December 2008 at 9:16 pm
photography kamaal ki kala ho gayee hai ab to...har jagah innovation chal raha hai :)
मिर्ज़ा गालिब को उनके 212वीं जयंती पर बधायी दे:
http://pyasasajal.blogspot.com/2008/12/blog-post_27.html
28 December 2008 at 9:14 am
कहां से लाते हो राज साब ये अजूबी तस्वीरें?
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