तलत महमुद जी भाग ३
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राज भाटिय़ा
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गीत
कुछ ऎसे भुले बिसरे गीत, जिन्हे आप बार बार सुनना चाहेगे,बहुत ही सुंदर गीत, अजी गीत क्या इन्हे तो दिल की आवाज ही कहले, तो सुनिये मेरी अपनी पंसद के गीत, कुछ मेरी नजर के हिट गीत, जिन्हे मै कभी नही भुल सकता....
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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
20 December 2008 at 10:56 am
"शाम-ऐ-गम की कसम , आज गमगीन हैं हम, आ भी जा ...ये मेरा हमेशा से पसंदीदा रहा है, इन भूले हुए गीतों को यहाँ सुनाने का बहुत आभार..."
20 December 2008 at 11:50 am
बेमिसाल तोहफ़ा है जी !
रामराम !
20 December 2008 at 2:09 pm
बहुत बहुत धन्यवाद इन्हें सुनाने के लिए बहुत ही अनमोल धरोहर हैं ये गीत
20 December 2008 at 2:58 pm
भाटिया जी, इन गीतों ने तो बीते हुए दिन याद दिला दिए, शुक्रिया!
21 December 2008 at 6:03 am
wah wah BHATIYA jee
चाला पाड़ राख्या सै.....
21 December 2008 at 9:19 am
अनमोल संग्रह...
22 December 2008 at 2:04 am
खूबसूरत संग्रह !!
3 November 2016 at 6:26 am
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