feedburner

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

पांच सॊ का नोट ?

.

इस विडियो को देखने से पहले आप से एक सवाल है,अगर आप को कही से एक पांच सॊ का नोट मिल जाये तो आप उस नोट का कया करेगे? अब आप इस विडियो को देख कर अलग अलग लोगो के विचार जानिये

10 टिपण्णी:
gravatar
P.N. Subramanian said...
15 December 2008 at 4:30 am  

.वीडियो के अंत में कहा गया है - थिंक बिफोर यू स्पेंड.

gravatar
seema gupta said...
15 December 2008 at 4:54 am  

"poverty forces 70% of school going children in india to drop out of school before they reach the secondry level..."

"विचारणीय तथ्य "

Regards

gravatar
डॉ .अनुराग said...
15 December 2008 at 8:02 am  

आंकडो के मुताबिक इस देश की बड़ी आबादी २० रुपयों से कम में दिहाडी पर जी रही है दूसरा आंकडा मैंने अपनी पोस्ट में दिया है

gravatar
Anonymous said...
15 December 2008 at 8:16 am  

भाटीया जी,

जो english में बोले वो क्या और जो हिन्दी में बोले वो क्या..

देखें कपडे़.. और जबाब..
्सही कहा.
५०० रू...
किसी का hair cut और किसी के स्कूल की फी़स..

gravatar
गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...
15 December 2008 at 1:45 pm  

आज के माहौल को देखते हुए पहले तो उसके असली होने की पहचान करनी पड़ेगी।

gravatar
dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...
15 December 2008 at 5:59 pm  

५०० रु. आज भी बहुत से लोगो को बहुत बड़ी अहमियत रखते है . अगर मुझे भी मिले तो अपनों पर ही खर्च करूंगा यह सच है . कहने को कह सकता हूँ दान करूंगा लेकिन ........

gravatar
Smart Indian said...
16 December 2008 at 1:45 am  

इतना सच्चा विडियो दिखाने का शुक्रिया भाटिया जी. हम सब अगर थोड़ी-थोड़ी बूँदें भी मिला देन तो सारी दुनिया गीली हो सकती है.

gravatar
admin said...
16 December 2008 at 12:04 pm  

भई, कहने को तो कुछ भी कहा जा सकता है कि मैं ये करूंगा, वो करूंगा, पर अगर मिल जाए, तो पहले तो एक बढिया सी पिक्‍चर के बारे में सोचूंगा। आपको चलना हो तो बोलिए, आपके लिए इतना तो किया ही जा सकता है।

gravatar
गौतम राजऋषि said...
16 December 2008 at 2:42 pm  

क्या बात है राज साब...विडियो ने अंदर तक झकझोर दिया.."मैं छुपाकर रख लूंगा" वाले जुमले ने खास कर

gravatar
Amit K Sagar said...
18 December 2008 at 11:42 am  

ये छोटी-छोटी बातें भी नाँ! जारी रहें.

Post a Comment

Post a Comment

नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये

टिप्पणी में परेशानी है तो यहां क्लिक करें..
मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय