प्यार ने हम को निक्म्मा कर दिया, वर्ना हम भी आदमी थे काम के...
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राज भाटिय़ा
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जानकारियां
अरे नोजवानो समभल जाओ, कही तुम भी आज कल के प्यार मे ऎसी गलती मत कर बेठना, जेसे इस दिवाने ने की हे.... इस से सवक लो, ओर सयाने बनो....
अब सवक लेने के लिये तो यहां किल्क करना पडेगा ना
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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
14 January 2011 at 11:48 am
सुन्दर
कोई शर्त होती नहीं प्यार में
मगर प्यार शर्तों पर तुमने किया
नजर में सितारे जो चमके जरा
बुझाने चली आरती का दिया
ही ही
14 January 2011 at 2:12 pm
वाह, यही है प्यार की शर्त।
14 January 2011 at 3:26 pm
हा-हा-हा.... मज़ेदार!
14 January 2011 at 4:45 pm
मज़ेदार!....
14 January 2011 at 6:29 pm
इसे कहते है प्यार में अँधा होना |
वैसे कुछ सर्ते तो वाजिब है जी |
15 January 2011 at 1:38 pm
ये कैसा प्यार है जो जान ही निकाल दे
15 January 2011 at 4:18 pm
oh god
15 January 2011 at 6:22 pm
शर्त मानने के बाद अब क्या हो सकता है| भगवान बचाए ऐसे मर्दों को...सावधानी की नितांत ज़रूरत है| बढ़िया ज्ञानवर्धक जानकारी....:) .........आभार
16 January 2011 at 4:06 pm
मंदिर , मस्जिद , मज़ार , थान या कुछ और हर चीज़ ज़रूर गिरा दी जाये लेकिन लोग ऐसा कब करने देते हैं ?
हो सकता मुसलमान कट्टर होते हों लेकिन जब भाई मोदी जी ने अपने एरिया में मंदिर ढाने शुरू किये तो हिन्दू भाईयों की सारी समझदारी लुप्त हो गयी और उनकी आस्था जाग गयी .
हिन्दू हो या मुसलमान , आज हरेक को अपनी मान्यताओं और आचरण को लोकहितकारी बनाना होगा वरना लोग उनकी नुक्सानदेह कुश्ती को देखकर नास्तिक बनते चले जायेंगे .
ऐसा कुछ करना चाहिए की लोग अपनी मान्यताओं के साथ जियें लेकिन देश के कानून का भी पालन करना सीखें .
आपकी पोस्ट अच्छी लगी , राज जी से सहमत हूँ और दीगर से भी हूँ लेकिन बाद में .
क्योंकि आज तक कभी मैं राज जी का नाम लेकर सहमति न जता सका .
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/like-cures-like.html
18 January 2011 at 5:33 am
ये आजकल का प्यार है। वर्ना हमेशा तो घर से औरत ही निकाली जाती रही है। मै तो उसे शाबाश दूँगी आखिर एक तो अपवाद मिला समाज मे कि पत्नि भी ऐसा कर सकती है बच के रहना रे बाबा---
18 January 2011 at 7:46 am
नमस्कार भाटिया जी ...
ऐसे प्यार के भी क्या कहने ...
20 January 2011 at 8:44 am
bouth he aacha lagaa aapka blog sir...nice post
Dear Friends Pleace Visit My Blog Thanx...
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Music Bol
21 January 2011 at 4:42 pm
बहुत ही सुन्दर
3 November 2016 at 4:10 am
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