पुराने साल की रात ओर नये साल की सुबह
चलिये नया साल भी आ पहुचा, ओर इस की सुबह हम लोगो ने बिना सोये ही देखी, यानि सारी रात हम मियां बीबी घर पर ही रहे, रात को आठ बजे बच्चो ने अपने निर्धारित प्रोगराम के अनुसार दोस्तो के संग एक दोस्त के घर नया साल मनाना था, ओर पहली बार बच्चे कार अकेले ले कर गये, फ़िक्र तो हमे बहुत थी बच्चो की, कि भाई जब पहुचो तो हमे फ़ोन करना, बच्चे कई बार बोलते है कि आप लोग फ़िक्र क्यो करते हे अब हम बडे हो गये है, लेकिन बच्चे कितने भी बडे क्यो ना हो जाये फ़िक्र तो लगी रहती है, हमे कुछ चाहे हो जाये लेकिन बच्चे ठीक रहे,
लेकिन बच्चो को दब्बू या फ़िर घर मात्र के लिये ही ना बनाये, उन्हे भी इस दुनिया दारी का पता चले, आजादी का अहसास हो , कल उन्होने हमारे बिना हमारे सहारे के बिना इसी दुनिया मै रहना है, यह सब सोच कर उन्हे आजादी भी देते है, ओर ज्यादा रोक टोक पर बच्चा बिद्रोही भी बन जाता है,
जब बच्चे आठ बजे चलेगें तो मै तो अपने लेपटाप पर लगा था दे दना दन बधाई सन्देश देने, ओर बीबी टीवी देख रही थी, ओर हमारा हेरी बेचारा बहुत डरा था, ओर मेरे पास ही बेठा था, मै उसे प्यारा करता ओर समझाता जब तक मै हुं डरो नही, ओर जैसे वो सब समझ रहा हो, ओर कू कू करता फ़िर मेरे से सट कर कदमो मै बेठ जाता.
रात १०,०० बजे मैने भी बीबी के संग राज पिछले जन्म का प्रोगराम देखा, जो मुझे झुठ के सिवा कुछ नही लगा, बीच मै बंद कर दिया, बच्चो ने मां के कहने से एक फ़िल्म कुरबान डाऊ लोड कर दी थी, तो मैने बीबी से कहा चलो यह फ़िल्म आज देखते है, बीबी थोडी हेरान हुयी क्यो कि पिछली फ़िल्म जो मैने पुरी देखी थी वो थी काबूल एक्सप्रेस, उस के बाद मैने तीन मिंट से ज्यादा कोई फ़िल्म नही देखी, तो बीबी बोली आप को पसंद नही आये गी तो.... तो उसे बन्द कर देना, या तुम देख लेना, मै फ़िल्म लगाने लगा बीबी दुध के गिलास ले आई, फ़िर हम ने यह फ़िल्म देखी.
कुरबान फ़िल्म की कहानी बहुत कुछ कह गई, कहानी चलती तो आतंक्वाद के इर्द गिर्द ही है, लेकिन असल कहानी चलती है करीना कपुर के संग,बहुत ही खुल कर कहानी कार ने इस मै आज की आजाद लडकी को दिखाया है, जो सच मै सहारनिया है, लेकिन कुछ फ़ेसले बुजुर्गो की सलाह से भी लेने चाहिये, बस यही यह आजाद ख्याल लडकी थोडी गलती कर देती है, ओर अपनी जिन्दगी हमेशा के लिये बरबाद कर लेती है,
आधी फ़िल्म देखने के बाद मैने वीयर खोली ओर साथ साथ मै फ़िल्म देखता रहा, इस फ़िल्म ने हमे बांधे रखा, अगर आप चाहे तो इसे अपने बच्चो के संग जरुर देखे, या फ़िर बच्चो को राय दे कि इसे जरुर देखे, इस पर चर्चा भी कर सकते है, फ़िल्म खत्म हो उस से पहले मेरी वियर खत्म हो गई, तो बीबी से नयी वियर मंगवाई, जब फ़िल्म खत्म हुयी तो फ़िर बच्चो का ख्याल आया, बच्चो के मोबाईल पर भी बात नही हो रही थी, हम दोनो आपस मै इस फ़िल्म के बारे बाते करते रहे.
फ़िर इस नये साल मै एक दुसरे को बधाई देना ही भुल गये, मैने बीबी को नया साल शुभ बोला,फ़िर इस नये साल मै अपने जान पहचान वालो की बुराईयो की चर्चा करते रहे, हमे शायद अपनी बुराईयां नही दिखती, फ़िर बच्चो का ख्याल आये, बाहर बहुत धुंध हो गई थी बीबी ने पुछा बच्चो को पता है कि धुंध वाली लाईट केसे जगानी है, मैने कहां हां, फ़िर हम सोने का नाटक करते रहे, किसी तरह ३,३० बज गये तो नीचे कार की आवाज आई, तो जान मै जान आई.
एक बच्चे ने एक वीयर पी, तो दुसरे ने कोला पिया क्योकि उसने कार जो चलानी थी, बच्चो के कपडो से सिगरेट की बहुत बद्बू आ रही थी, शायद अन्य बच्चो ने पी हो, मैने बीबी को बोला जब तुम बच्चो को गुड नाईट बोलो तो किस क्रो तो देखना किसी के मुंह से सिगरेट की बद्बू तो नही आ रही, बीबी ने बताया कि नही हमारे बच्चो ने सिगरेट नही पी, यानि अभी तक हमारे दिये संस्कार काम कर रहे है, लेकिन अगर बच्चे सिगरेट पीये तो हम समझाने के सिवा कर भी क्या सकते है?
चलिये अब बात यही खत्म करते है, आप सब के बच्चे अच्छे रहे, खुब पढे लिखे, ओर दुनिया कि बुराईयो से बचे
आप बातये आप लोगो ने नये साल का पहला दिन केसे बिताया
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1 January 2010 at 1:07 pm
आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
regards
1 January 2010 at 2:00 pm
आप सब को सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!
1 January 2010 at 2:05 pm
बहुत ही अच्छा पोस्ट लिखा आपने! विदेश में रह कर भी बच्चे अपनी संस्कृति को बरकरार रखे हैं यह बहुत बड़ी बात है।
आप तथा आपके परिजनों के लिये नववर्ष मंगलमय हो!
1 January 2010 at 2:16 pm
बच्चे बढ़िया करेंगे जी. आप तो निश्चिंत रहो.
बढ़िया रहा नये साल का आगाज!!
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
1 January 2010 at 2:47 pm
एकदम सही बात है। बच्चों को सिर्फ किसी बात से बारन करने के पहले उसकी बुराईयों से भी अवगत कराना जरूरी है। उन्हें यह समझ आना चाहिये कि उनकी भलाई के लियही उन्हें किसी बात से रोका जा रहा है।
1 January 2010 at 3:10 pm
"अपने जान पहचान वालो की बुराईयो की चर्चा करते रहे"
भाटिया जी, ये तो बता देते कि आपने हमारी किस बुराई की चर्चा की...ताकि अपने में कुछ सुधार कर सकें :)
1 January 2010 at 3:24 pm
बच्चे बुराई से बचे रहे हरेक माँ बाप को इसकी चिंता सदा लगी रहती है.....बच्चे कितने भी बड़े हो जाए माँ बाप की नजर मे बच्चे ही रहते है......
आपको सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
1 January 2010 at 3:26 pm
जिन्दगी का रास्ता बहुत कठिन है। अगर हो सके तो बच्चों को खुद चलने दें, लेकिन साथ साथ थोड़ा मोटा मार्गदर्शन जरूर करवाएं। मेरा भी कुछ यही मानना है।
सर्वोत्तम ब्लॉगर्स 2009 पुरस्कार
1 January 2010 at 5:23 pm
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
1 January 2010 at 6:00 pm
जोरदार पल बीते हैं ये तो
1 January 2010 at 6:07 pm
राज जी, आप को, भाभी को और बच्चों को नया साल मुबारक हो। नयी खुशियाँ लाए।
हमने नया साल बहुत ही शांति से मनाया। तफसील अपने ब्लाग पर बताते हैं।
1 January 2010 at 6:59 pm
नया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-2010 की ढेरों मुबारकवाद !!!
2 January 2010 at 6:27 am
नये साल की घणी रामराम.
रामराम.
2 January 2010 at 9:10 am
आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायेबहुत अच्ची पोस्ट है धन्यवाद्
2 January 2010 at 11:32 am
नए साल का पहला दिन ठंड के साथ बिताया!
नया वर्ष हो सबको शुभ!
जाओ बीते वर्ष
नए वर्ष की नई सुबह में
महके हृदय तुम्हारा!
2 January 2010 at 2:40 pm
आपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।
3 January 2010 at 1:19 pm
नए साल में हिन्दी ब्लागिंग का परचम बुलंद हो
स्वस्थ २०१० हो
मंगलमय २०१० हो
पर मैं अपना एक एतराज दर्ज कराना चाहती हूँ
सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर के लिए जो वोटिंग हो रही है ,मैं आपसे पूछना चाहती हूँ की भारतीय लोकतंत्र की तरह ब्लाग्तंत्र की यह पहली प्रक्रिया ही इतनी भ्रष्ट क्यों है ,महिलाओं को ५०%तो छोडिये १०%भी आरक्षण नहीं
3 January 2010 at 1:34 pm
बिल्कुल सही फरमाया है। लेकिन बच्चों को उनके फैसले लेने के आजादी के साथ-साथ बुजुर्गों का मार्ग-दर्शन भी अनिवार्य है।
आपको नव वर्ष की ढेरों शुभ कामनाएं।।।।
3 January 2010 at 3:40 pm
Nav Varsh aapke aur aapke parivar ke liye sukh, shanti, smirdhi aur safalta lekar aaye. ishwar aapki har manokamna purn kare. aapka jiwan sukhmay ho. SURENDRA VERMA
3 January 2010 at 4:57 pm
नववर्ष मनाने का संस्मरण लिखने के लिए शुक्रिया
इससे हमें विदेशों में रह रहे भारतीय परिवारों की जीवन शैली का थोड़ा आभास मिलता है।
4 January 2010 at 3:37 am
...naye varsh ki haardik shubhakaamanaayen !
4 January 2010 at 4:15 pm
nav varsh ki asim shubhkaamnaye ,jeevan se judi baato ko lekar bahut hi sundar likha hai
6 January 2010 at 12:07 pm
kurbaan movie ka sahi sandesh diya hai aapne
aur bachhe nahi bigde hain to sach mein sankaar kafi achche daale hain
aapko bhi nav varsh ki hardik shubhkamanyen
6 January 2010 at 2:00 pm
bahut sundar abhivyakti . navavarsh ki hardik shubhakamana or badhai.
7 January 2010 at 8:46 am
आप सब को सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎँ ...... देरी से आने के लिए क्षमा ...... ६-७ दीनो से बाहर था नेट से संपर्क नही था ........
9 January 2010 at 7:19 am
खुशी और गम मन की एक परिस्थिति है...
कोई फ़ाके में भी मस्ती काटता है और कोई भरे पेट "गैस" की शिकायत.
सब शुभ ही शुभ होगा... यही मान कर सफ़र करना... शांतिप्रद प्रयास है.
नये साल के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.
9 January 2010 at 8:21 pm
Nav-warsh par sundar abhivyakti...badhai ho badhai !!
3 November 2016 at 4:28 am
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