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कोका कोला

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एक बार ताई चली रोहतक से दिल्ली बस मे, ओर बस चल पडी दिल्ली की ओर, रास्ते मै चेकर चढ गया बस मै ओर सब की टिकट चेक करने लग गया, धीरे धीरे ताई के पास आ गया, ओर ताई को देख कर बोला ताई टिकट दिखा ? ताई बोली जा मै ना दिखाऊ अपनी टिकट , अगर तेने घणा शोंक शे तो वो खडा कंडेकटेर, उस ताही पेसे दे के ले ले टिकट, ओर जी भर के देख लियो.
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एक बार एक जाट ओर एक चमार शहर मै किसी की शादी मे आये, बेचारे दोनो ही पहली बार शहर मै आये थे,ओर शादी वालो के घर बेठे थे, तभी वेयरा उन दोनो के सामने एक एक गिलास कोका कोला का रख गया, जाट बोला अरे यह काला काला पानी सा क्या है, चमार बोला चोधरी मेरे को तो पता नही, तो जाट चमार से बोला अरे चल उठा के चख के देख क्या है, अब बेचारा चमार मना भी नही कर सका, ओर डरते डरते एक घुंट पिया, इतनी देर मे बिजली चली गई, घुंट पी कर चमार ने आंखे खोली तो जोर से चिल्लाया अरे चोधरी इस ने मत ना पियो, मै एक घुंट पीटे ही अंधा हो गया......

15 टिपण्णी:
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ghughutibasuti said...
7 March 2009 at 11:35 pm  

वाह, मजेदार!
होली की आपको व आपके परिवार को शुभकामनाएँ।
घुघूती बासूती

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dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...
8 March 2009 at 2:26 am  

waah waah

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कडुवासच said...
8 March 2009 at 3:08 am  

... कोको-कोला .... वाह-वाह.... !!!!

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Anonymous said...
8 March 2009 at 4:03 am  

cocacola bahut mast:)

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दिगम्बर नासवा said...
8 March 2009 at 4:19 am  

Kola to vaise bhi kaali hoti hai........
Subah subah ki shuruaat hansi se, din achaa beetega aaj.

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ताऊ रामपुरिया said...
8 March 2009 at 4:43 am  

बहुत बढिया जी पर ये चेकर कौन था ? होली के मूड मे यह भी बता देते.:)

रामराम.

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शोभा said...
8 March 2009 at 6:01 am  

हा हा हा हमेशा की ही तरह शानदार प्रस्तुति।

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Anil Pusadkar said...
8 March 2009 at 6:23 am  

कोक की तो वाट लग गई,अंधा कर देता है ये। हा हा हा। होली है।

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सुशील छौक्कर said...
8 March 2009 at 6:48 am  

सुबह सुबह आपने हँसा दिया। होली पर रंगो भरी होली मुबारक। वैसे रोहतक में कैसे होली मनाई जाती थी जब आप वहाँ थे ये भी किसी पोस्ट में बताए तो अच्छा लगेगा।

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संगीता पुरी said...
8 March 2009 at 7:57 am  

बहुत सुंदर ..;

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रंजन (Ranjan) said...
8 March 2009 at 8:17 am  

mast...

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दिनेशराय द्विवेदी said...
8 March 2009 at 10:27 am  

दोनो सुंदर हैं, होली की असीम शुभकामनाएँ।

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Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...
8 March 2009 at 10:55 am  

बहुत बढिया........अर भाटिया जी,थोडा ध्यान से लिखिए.....नहीं तो अभी कोई महानुभाव झंडा उठाए चले आएगा कि भाटिया जी 'चमार' कह के जातिप्रथा को बढावा दे रहे हैं.

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mamta said...
8 March 2009 at 2:08 pm  

मस्त !:)
आपको और आपके परिवार को होली मुबारक हो ।

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आलोक सिंह said...
14 March 2009 at 1:19 pm  

अरे चोधरी इस ने मत ना पियो, मै एक घुंट पीटे ही अंधा हो गया..
कोक की तो खटिया खडी कर दी आपने

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