Post a Comment
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
टिप्पणी में परेशानी है तो यहां क्लिक करें..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
28 February 2009 at 5:33 am
वाह!वाह!वाह!वाह!वाह!
28 February 2009 at 5:51 am
यह भी खूब है :)
28 February 2009 at 5:54 am
वाह जी भाअिया जी , हमको तो भिजवा ही ो आप.:)
रामराम.
28 February 2009 at 5:54 am
bahut badhiya;):)ye hamara chata hai:)
28 February 2009 at 6:10 am
छाता बनाने वाले की कल्पना की दाद देनी पड़ेगी.
28 February 2009 at 6:12 am
अजी बिल्कुल चाहिए। वाह क्या बात है।
28 February 2009 at 6:50 am
प्रणाम
ऐसा छाता मिल जाये तो हल्की बरसात क्या मुसलाधार बारिश भी कुछ न बिगाड़ पाए .
28 February 2009 at 6:51 am
वाह जी वा...कमाल का छाता है जी...न कभी देखा ना सुना लेकिन है जबरदस्त...
नीरज
28 February 2009 at 7:29 am
बहुत सुंदर छाता है ... बनानेवाले की तारीफ है .... सचमुच मूसलाधार बारिश में भी किसी का कुछ न बिगडे।
28 February 2009 at 7:38 am
यहां हिन्दुस्तान में तो ये फार्मूला फ्लाप समझें, अजी 10 फुट की सडक पे 4 लोग भी इस छाते को लेकर नहीं चल सकते.
28 February 2009 at 7:45 am
" khan se milega ye???"
(template bhust sunder or attractive hai")
Regards
28 February 2009 at 8:41 am
waaah! sach bahut kamaal ka hai yah to!
kya idea hai!
28 February 2009 at 8:42 am
naya template bahut achacha hai.
28 February 2009 at 9:03 am
jhakas hai ji dono.chatta bhi aaor aapka templet bhi.
28 February 2009 at 9:36 am
sahi hai bhai.
28 February 2009 at 9:37 am
क्या जुगाड़ है बरसात का .........
क्या बताएं.......हमारे दुबई में तो बरसात को भी तरसते है, कभी कभी.....वो भी बूंदा बंदी, जब इतनी बरसात ह जाए तो सब कुछ बंद हो जाता है
28 February 2009 at 11:30 am
अति सुन्दर
28 February 2009 at 1:37 pm
भाई वाह ! नवप्रवर्तन !
28 February 2009 at 2:07 pm
बहुत ही बढ़िया. जल्दी बताईये कहाँ मिलता है. आभार.
28 February 2009 at 3:18 pm
सुन्दर!
28 February 2009 at 5:55 pm
थोक मे भिजवायें मै अपनी दुकान मे बेच दूंगा ।
Post a Comment