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बरसात हमारा कया बिगाड लेगी जी

.

क्या आप को भी ऎसा छाता चाहिये, बिलकुल घर सा महसुस करे

21 टिपण्णी:
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दिनेशराय द्विवेदी said...
28 February 2009 at 5:33 am  

वाह!वाह!वाह!वाह!वाह!

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रंजू भाटिया said...
28 February 2009 at 5:51 am  

यह भी खूब है :)

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ताऊ रामपुरिया said...
28 February 2009 at 5:54 am  

वाह जी भाअिया जी , हमको तो भिजवा ही ो आप.:)

रामराम.

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Anonymous said...
28 February 2009 at 5:54 am  

bahut badhiya;):)ye hamara chata hai:)

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hem pandey said...
28 February 2009 at 6:10 am  

छाता बनाने वाले की कल्पना की दाद देनी पड़ेगी.

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सुशील छौक्कर said...
28 February 2009 at 6:12 am  

अजी बिल्कुल चाहिए। वाह क्या बात है।

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आलोक सिंह said...
28 February 2009 at 6:50 am  

प्रणाम
ऐसा छाता मिल जाये तो हल्की बरसात क्या मुसलाधार बारिश भी कुछ न बिगाड़ पाए .

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नीरज गोस्वामी said...
28 February 2009 at 6:51 am  

वाह जी वा...कमाल का छाता है जी...न कभी देखा ना सुना लेकिन है जबरदस्त...
नीरज

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संगीता पुरी said...
28 February 2009 at 7:29 am  

बहुत सुंदर छाता है ... बनानेवाले की तारीफ है .... सचमुच मूसलाधार बारिश में भी किसी का कुछ न बिगडे।

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Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...
28 February 2009 at 7:38 am  

यहां हिन्दुस्तान में तो ये फार्मूला फ्लाप समझें, अजी 10 फुट की सडक पे 4 लोग भी इस छाते को लेकर नहीं चल सकते.

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seema gupta said...
28 February 2009 at 7:45 am  

" khan se milega ye???"

(template bhust sunder or attractive hai")
Regards

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Alpana Verma said...
28 February 2009 at 8:41 am  

waaah! sach bahut kamaal ka hai yah to!
kya idea hai!

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Alpana Verma said...
28 February 2009 at 8:42 am  

naya template bahut achacha hai.

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डॉ .अनुराग said...
28 February 2009 at 9:03 am  

jhakas hai ji dono.chatta bhi aaor aapka templet bhi.

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अमिताभ मीत said...
28 February 2009 at 9:36 am  

sahi hai bhai.

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दिगम्बर नासवा said...
28 February 2009 at 9:37 am  

क्या जुगाड़ है बरसात का .........
क्या बताएं.......हमारे दुबई में तो बरसात को भी तरसते है, कभी कभी.....वो भी बूंदा बंदी, जब इतनी बरसात ह जाए तो सब कुछ बंद हो जाता है

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शोभा said...
28 February 2009 at 11:30 am  

अति सुन्दर

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Arvind Mishra said...
28 February 2009 at 1:37 pm  

भाई वाह ! नवप्रवर्तन !

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P.N. Subramanian said...
28 February 2009 at 2:07 pm  

बहुत ही बढ़िया. जल्दी बताईये कहाँ मिलता है. आभार.

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अनूप शुक्ल said...
28 February 2009 at 3:18 pm  

सुन्दर!

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naresh singh said...
28 February 2009 at 5:55 pm  

थोक मे भिजवायें मै अपनी दुकान मे बेच दूंगा ।

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