तुम आज मेरे संग हंसलो
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राज भाटिय़ा
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चुटकले
एक गांव के दो हिस्से बंटे थे, उत्तर दिशा वालो ने सेम बहादुर पाल रखा था, जो भुरे रंग का था, ओर दक्षिण दिशा वालो ने बीनू फ़िरंगी पाल रखा था, जिस का रंग बिलकुल काला था, गाव वाले चाहे आपिस मे दुशमन थे, लेकिन दोनो कुत्तो मै बहुत प्यार था,
एक बार सेंम (जो अब ताऊ के पास है) बीनू फ़िरंगी को अपने मोहल्ले मै आने का न्योता दिया,बीनू फ़िरंगी सुबह सुबह सेम के मोहल्ले मै आ गया, ओर दोनो कुते मस्ती से पुरे इलाके मे घुमे सेम उसे दिखा रहा था, यह ताऊ की हवेली है,ओर वहा ताजा दुध एक कटोरा भर के रखा था, दोनो ने खुब पीया, फ़िर आगे गये, यह तिवारी जी का मकान है, वहा भी खुब सारा खाना सेम के लिये रखा था, दोनो ने खुब खाया, इसी तरह घुमते ओर खाते पीते सारा दिन गुजर गया, ओर अब दोनो ने पेट मे बिलकुल भी जगह नही बची, जाते जाते बीनू फ़िरंगी इतवार को सेम को अपने मोहल्ले मै आने का न्योता देता आया.
इतवार को सेम सुबह सुबह बीनू फ़िरंगी के मोहल्ले मै घुमने चला गया, फ़िरंगी ने उसे अपना पुरा एरिया घुमाया, लेकिन खाने को दोनो को कुछ भी नही मिला, ओर दोनो का बुरा हाल, सेम ने कहा यार तु यहां क्यो पडा है चल मेरे मोहल्ले मै ही रह दोनो भाई मिल कर रहेगे, इतनी देर मै कुछ शोर सुन कर दोनो ने देखा, एक ओरत अपनी बेटी को गुस्सा कर रही थी, कमबखत अगली बार भी तुने सब्जी खराब बनाई तो तुझे काले कुत्ते से ब्याहुगी !!! फ़िरंगी बोला सेम भाई इसी लिये मै यहां इस उम्मीद मै पडा हुं, देखो कब रिश्ता लेकर आ जाये....
इतवार को सेम सुबह सुबह बीनू फ़िरंगी के मोहल्ले मै घुमने चला गया, फ़िरंगी ने उसे अपना पुरा एरिया घुमाया, लेकिन खाने को दोनो को कुछ भी नही मिला, ओर दोनो का बुरा हाल, सेम ने कहा यार तु यहां क्यो पडा है चल मेरे मोहल्ले मै ही रह दोनो भाई मिल कर रहेगे, इतनी देर मै कुछ शोर सुन कर दोनो ने देखा, एक ओरत अपनी बेटी को गुस्सा कर रही थी, कमबखत अगली बार भी तुने सब्जी खराब बनाई तो तुझे काले कुत्ते से ब्याहुगी !!! फ़िरंगी बोला सेम भाई इसी लिये मै यहां इस उम्मीद मै पडा हुं, देखो कब रिश्ता लेकर आ जाये....
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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
17 February 2009 at 6:09 pm
तो ये बात है?
17 February 2009 at 6:20 pm
बहुत खूब!!
उम्मीद पर दुनिया कायम है जी:)
17 February 2009 at 6:29 pm
जय हो... बहुत अच्छा..
17 February 2009 at 7:10 pm
ha ha ha sir ji waah maza aa gaya,binu firangi ki sagai ke sapne hi dikhenge aaj raat ein hame:)
18 February 2009 at 2:03 am
उम्मीद पर दुनिया कायम है
18 February 2009 at 2:34 am
चुटकुला सुनने में अच्छा लगता अगर इससे पहले इसे एक सच के रूप में पहले पढ़ा नही होता, जहाँ सच में एक लड़की को कुत्ते के साथ विवाह किया गया।
18 February 2009 at 3:52 am
... प्रेरणादायक कमाल का चुटकुला है।
18 February 2009 at 5:03 am
कमबखत अगली बार भी तुने सब्जी खराब बनाई तो तुझे काले कुत्ते से ब्याहुगी !!! फ़िरंगी बोला सेम भाई इसी लिये मै यहां इस उम्मीद मै पडा हुं, देखो कब रिश्ता लेकर आ जाये....
" ha ha ha ha ha ha ha ha hya ha ha ha ha ha ha ha ha very interesting.."
Regards
18 February 2009 at 6:28 am
हाहाहा.. रिश्ता हो जाए तब खबर भिजवाईएगा...
18 February 2009 at 6:47 am
बहुत खूब, मजा आ गया। हंसाने के लिए आभार।
18 February 2009 at 6:56 am
अजी क्या पता शायद बेचारे के भाग खुल ही जाऎं.
18 February 2009 at 6:59 am
:) बहुत खूब...
18 February 2009 at 9:19 am
अब लगता है ये बीनू फ़िरंगी हमारे सैम को भी बिगाड कर ही मानेगा. :)
रामराम.
18 February 2009 at 9:47 am
प्रणाम
उम्मीद पर ही दुनिया कायम है बेचारे फिरंगी ने भी अपने ब्याह की उम्मीद लगा रक्खी है , शायद एक दिन आएगा जब लड़की माँ उसके लिए रिश्ता लेकर आएगी .
बहुत बढ़िया .
धन्यवाद
18 February 2009 at 3:10 pm
कोई सर्कस वाली कि फ़िराक मे है, कोई दूसरी की क्या बात है? रिश्ते ही रिश्ते ।
19 February 2009 at 10:04 am
मजेदार हास्य परोसने के लिए धन्यवाद.
21 February 2009 at 4:30 pm
ई कुकुरवा है केकर
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