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बर्फ़ बारी के बाद के विडियो ओर कुछ ओर चित्र.

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आज सुबह से ही मोसम कल जेसा ही था, यानि कभी बादल तो कभी सुर्य देवता की लुका छुपी, लेकिन बर्फ़ नही गिरी, लेकिन सर्दी कल से ज्यादा है, हम रात को लेट सोये तो छुट्टी के कारण, सुबह भी आराम से उठे, नाश्ता किया, फ़िर बच्चो से कहा चलो थोडा घुम आये, लेकिन बच्चो ने मना कर दिया.



फ़िर हम दोनो थोडा घुमने गये ओर, यह दो विडियो फ़िल्म भी अपने केमरे मे केद कर लाये, तो आप भी देखिये, यहं लोग केसे इस सर्दी के मोसम मे भी पसीने से तरबतर हो जाते है, क्यो कि जहा से फ़िसल कर आ रहे है, वहा तक पेदल चढना, इस फ़िसलन मै आसान नही, देखने मै तो बहुत आसान लगता है,



कई बार ऊपर जाते जाते हाथ से ट्राली छुट जाती है फ़िर उसे लेने नीचे आन पडता है, सब मिला कर मजा ही मजा है.

16 टिपण्णी:
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रंजू भाटिया said...
15 February 2009 at 3:39 pm  

बढ़िया लगे खूब मजे हो रहे हैं वह पर तो बर्फ के हमें देख कर ही ठण्ड लग रही है

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महेन्द्र मिश्र said...
15 February 2009 at 3:42 pm  

भारी बर्फबारी की जोरदार वीडियो है . अपने शहर में शायद इस तरह का मौसम शायद कभी देखने न मिले . आनंद गया . धन्यवाद् राज जी.

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योगेन्द्र मौदगिल said...
15 February 2009 at 4:15 pm  

Wah..wa
ham to burf dekhne 6 baar simla gaye sasuri 1 baar bhi na padi...
AApke to maze hain Bgatia g..
jis tarah marji fislo...
hay raam...
he raam..
jau raam.

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सुशील छौक्कर said...
15 February 2009 at 4:57 pm  

काश कि मैं वहाँ होता।

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विष्णु बैरागी said...
15 February 2009 at 5:11 pm  

यह तो वाकई में अजूबा ही है-बर्फ में पसीना।
अच्‍छे वीडीयो।

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Vinay said...
15 February 2009 at 5:23 pm  

मुझे बर्फ़ में मस्ती करना कितना अच्छा लगता है, कैसे कहूँ! बहुत अच्छा किया ये विडियो शेअर करके!

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गुलाबी कोंपलें

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Udan Tashtari said...
15 February 2009 at 5:44 pm  

काहे डरा रहे हो..आयें कि न आयें??

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P.N. Subramanian said...
15 February 2009 at 5:48 pm  

बहुत सुंदर लगा. हमें लगता है की आप लोग तो बोर होते होंगे

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राज भाटिय़ा said...
15 February 2009 at 6:04 pm  

अजी समीर जी आओ , हम बर्फ़ थोडे साफ़ करवायेगे,आप को बिलकुल ठण्डी हवा नही लगने देगे, जनाब,
वेसे तो कनाडा मै भी काफ़ी बर्फ़ गिरती है, इस लिये डरो नही, बेजियम मै बहुत कम बर्फ़ गिरती है,

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सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...
15 February 2009 at 7:34 pm  

बर्फ देखकर मजा आ गया। मैं अभी अभी त्रिवेणी महोत्सव के उद्‌घाटन की आतिशबाजी देखकर आ रहा हूँ। सत्यार्थमित्र पर आपको दिखाने की कोशिश करता हूँ।

यहाँ बर्फ के गोले... वहाँ आग के शोले...। क्या कण्ट्रास्ट बन रहा है?

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ताऊ रामपुरिया said...
16 February 2009 at 3:53 am  

हमारे यहां गर्मी हो रही है. समीर जी के साथ मैं भी आ रहा हूं.

रामराम.

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seema gupta said...
16 February 2009 at 5:30 am  

" so eye catching and interesting to watch.."

Regards

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निर्मला कपिला said...
16 February 2009 at 6:13 am  

ैआप्कि कलम के तो कायल थे हि वीडिओ ग्राफी के भि कायल हो गये बहुत बदिया

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Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...
16 February 2009 at 4:09 pm  

भाटिया जी, इसका मतलब है कि फागुन का पूरा आनन्द लिया जा रहा है........

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गौतम राजऋषि said...
16 February 2009 at 5:43 pm  

विडियो तो चल नहीं रहे हैं मेरे नेट पर....वैसे भी बर्फ से कुछ बुरी यादें जुड़ी हुई हैं तो उल्लसित नहीं हो पाता इन्हें देख कर...

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Pramendra Pratap Singh said...
21 February 2009 at 4:32 pm  

आपके यहॉं आईसक्रीम खाना काफी आसान होगा। दूध बाहर रखा और आधे घन्‍टे में आईसक्रीम तैयार है।

हा हा हा

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