Post a Comment
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
टिप्पणी में परेशानी है तो यहां क्लिक करें..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
1 February 2009 at 2:18 am
पी कर देखो..पानी ही है कि वोदका??
1 February 2009 at 3:08 am
यह मार्स क्या होता है जी
1 February 2009 at 3:16 am
मार्स बिजली की सिगडी होगी.
1 February 2009 at 3:20 am
इसमे तो वोदका के साथ बर्फ भी दिख रही है ! लगता है बर्फ से पिघले पानी की ख़बर तो आ गई लेकिन बर्फ और वोदका की छुट गई ! मुझे तो लगता है रशिया ने बहुत पहले ये खोज कर ली और छुपा रखा वोदका पीने के लिए , आपने आज इसे सार्वजानिक कर दिया , चित्र दिखा कर !
1 February 2009 at 4:18 am
मन्नै तो यो गोआ की काजू फ़ेनी दिखै सै.:)
1 February 2009 at 4:48 am
चल भैये! यहाँ तो टल्ली लोग जमते जा रहे हैं...!:)
1 February 2009 at 7:44 am
जा की रही भावना जैसी।
मैं तो साफ पानी ही देख पा रहा हूं।
यदि यह मेरा भ्रम है तो इसे बनाए रखिएगा। सुखी जीवन के लिए भ्रम जरूरी होते हैं।
1 February 2009 at 10:12 am
वाह भाई वाह पानी और पान दोनों ही मंगल हों ।
1 February 2009 at 10:41 am
ये कौन सा पानी है जी?
1 February 2009 at 12:28 pm
mujhey to sirf chocolate dikhayee de rahi hai
Post a Comment