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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
7 January 2009 at 6:50 am
ये पेड़ है या कलाकृतियाँ। कहाँ से लाते हैं ये खजाना। जरा हमें भी बता दो। किसी को नही बताएंगे ।
7 January 2009 at 6:53 am
ओह क्या अहसास है. अनोखी और दुर्लभ तस्वीरे है...लेकिन इसमे कोई डिजीटल आर्ट का कमाल तो नही है. पर रोचक बहुत है
7 January 2009 at 6:55 am
वाह जी वाह, देखने में तो यह इंसानों जैसे लग रहे हैं. उम्मीद है व्यवहार में इंसानों जैसे नहीं हैं.
7 January 2009 at 7:07 am
पेड़ो की निराली तस्वीर खासकर दूसरी जैसे गढ़ा गया हो.....
7 January 2009 at 7:18 am
अदभुत तस्वीरे हैं यह
7 January 2009 at 7:24 am
खूबसूरती देखने वाले हर जगह खूबसूरती देख लेते हैं| अद्भुत नजारा, मन प्रसन्न हो उठा|
7 January 2009 at 8:25 am
वाह...सचमुच आश्चर्यजनक और सुन्दर.
7 January 2009 at 9:00 am
पहला तो एकदम वास्तविक ही है. बाकी तो हमें डिसनी लॅंड के लगते हैं. एक बार पूरे पेड़ की फोटो ईमेल में आई थी और किसी ने बताया की यह पालघाट जिले में है. फिर क्या था. लोग ढूँदने लगे. होता तो मिलता.
7 January 2009 at 9:32 am
भाटिया जी क्या ये सच में ही पेड हैं विश्वास ही नहीं होता अगर ये पेड हैं तो बहुत ही आश्चर्यजनक है और शायद इनको दुर्लभ की संज्ञा भी दी जा सकती है
7 January 2009 at 9:36 am
बहुत आश्चर्यजनक तस्वीरें हैं. एकदम कलाकृति जैसी.
रामराम.
7 January 2009 at 10:04 am
gorgious,beautiful,excellent...
7 January 2009 at 11:02 am
"wow amezing, superb.......... eye catching"
regards
7 January 2009 at 11:22 am
gazab
7 January 2009 at 2:22 pm
दूसरे और चौथे से कुछ छेड़खानी की भी गयी हो तो भी बहुत सुंदर।
7 January 2009 at 9:09 pm
bahut sundar...
8 January 2009 at 1:10 pm
और दुर्लभ तस्वीरे है बहुत सुंदर.....
8 January 2009 at 5:51 pm
अद्भुत राज साब...अद्भुत
कहाँ से लाते हो आप ये सब?
3 November 2016 at 6:15 am
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