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बस सामने मोत खडी है??

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बोलते चित्र, यह चित्र खुद ही बोल रहे है.







14 टिपण्णी:
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आशीष कुमार 'अंशु' said...
5 January 2009 at 6:49 am  

कहाँ से जुताई ये 'खतरनाक' तस्वीरें ?

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seema gupta said...
5 January 2009 at 6:56 am  

" बाप रे बाप रोंगटे खडे कर देने वाली मौत की तस्वीरें..."

regards

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Ashok Pandey said...
5 January 2009 at 7:11 am  

सही बात है, जिंदगी का क्‍या भरोसा..एक पांव तो हमेशा मौत के कगार पर ही रहता है।

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Unknown said...
5 January 2009 at 8:10 am  

बहुत सही....साक्षात मौत के दर्शन हो गए...

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महेंद्र मिश्र.... said...
5 January 2009 at 8:29 am  

इन फोटो को देखते ही लग रहा है कि मौत का मंजर सामने खड़ा है . बड़े चुनिदा रोमांचित फोटो चुने है राज जी आपने . धन्यवाद्.

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सुशील छौक्कर said...
5 January 2009 at 8:50 am  

पहले तो ये बताईए जी कि ये तस्वीर सही हैं। या हाथ का हुनर भी इसमें। पर जो भी दिल दहला देने वाला हैं। मै अगर इतनी ऊँचाई देखो तो शायद बेहोश ही हो जाऊँ। शुक्रिया।

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ghughutibasuti said...
5 January 2009 at 8:55 am  

बहुत जबर्दस्त !
घुघूती बासूती

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ताऊ रामपुरिया said...
5 January 2009 at 1:20 pm  

हम तो इनको देख कर सारी ताऊगिरी भूल गये जी.

रामराम. ही याद रहा सिर्फ़.

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Arvind Mishra said...
5 January 2009 at 2:18 pm  

भयंकर !

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कुश said...
5 January 2009 at 2:50 pm  

बढ़िया चित्र है जी..

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गौतम राजऋषि said...
5 January 2009 at 5:07 pm  

क्या खतरनाक तस्वीरें हैं...वो ट्रेन वाली सच की है क्या?

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सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...
5 January 2009 at 6:48 pm  

जमाए रहिए जी, वाकई बोलते चित्र हैं...।

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Alpana Verma said...
6 January 2009 at 3:27 pm  

draavane manzar hain.

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राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...
14 January 2009 at 6:09 pm  

वाह....वाह....वाह.....वाह....आज तो मजा आ गया......!!मुझे देखकर पेड़ों ने....चट्टानों ने अपना रूप ही बदल लिया....सब मुझसे कित्ता डरते हैं ना....!!

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