Post a Comment
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
टिप्पणी में परेशानी है तो यहां क्लिक करें..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
5 January 2009 at 6:49 am
कहाँ से जुताई ये 'खतरनाक' तस्वीरें ?
5 January 2009 at 6:56 am
" बाप रे बाप रोंगटे खडे कर देने वाली मौत की तस्वीरें..."
regards
5 January 2009 at 7:11 am
सही बात है, जिंदगी का क्या भरोसा..एक पांव तो हमेशा मौत के कगार पर ही रहता है।
5 January 2009 at 8:10 am
बहुत सही....साक्षात मौत के दर्शन हो गए...
5 January 2009 at 8:29 am
इन फोटो को देखते ही लग रहा है कि मौत का मंजर सामने खड़ा है . बड़े चुनिदा रोमांचित फोटो चुने है राज जी आपने . धन्यवाद्.
5 January 2009 at 8:50 am
पहले तो ये बताईए जी कि ये तस्वीर सही हैं। या हाथ का हुनर भी इसमें। पर जो भी दिल दहला देने वाला हैं। मै अगर इतनी ऊँचाई देखो तो शायद बेहोश ही हो जाऊँ। शुक्रिया।
5 January 2009 at 8:55 am
बहुत जबर्दस्त !
घुघूती बासूती
5 January 2009 at 1:20 pm
हम तो इनको देख कर सारी ताऊगिरी भूल गये जी.
रामराम. ही याद रहा सिर्फ़.
5 January 2009 at 2:18 pm
भयंकर !
5 January 2009 at 2:50 pm
बढ़िया चित्र है जी..
5 January 2009 at 5:07 pm
क्या खतरनाक तस्वीरें हैं...वो ट्रेन वाली सच की है क्या?
5 January 2009 at 6:48 pm
जमाए रहिए जी, वाकई बोलते चित्र हैं...।
6 January 2009 at 3:27 pm
draavane manzar hain.
14 January 2009 at 6:09 pm
वाह....वाह....वाह.....वाह....आज तो मजा आ गया......!!मुझे देखकर पेड़ों ने....चट्टानों ने अपना रूप ही बदल लिया....सब मुझसे कित्ता डरते हैं ना....!!
Post a Comment