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ताऊ के काम

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भाई ताऊ तो होता ही शरीफ़ है...... तो चलिये ताऊ की शराफ़त का एक नमुना ओर देख ले...

एक बार ताऊ ओर तिवारी साहब जी बस मै बेठ गये, बस थी हरयाणा रोड वेज की, थोडी देर बाद कंडकटर आया ओर बोला साहब जी टिकट, तिवारी साहब सोचने लग गये की पेसे केसे बाचाये जाये? तभी तिवारी साहब जी के दिमाग ने काम किया, ओर तिवारी साहब पेसे बचाने के चक्कर मै बोले... भाई कंडकटर तु यह सोच लियो की बस मे तेरी बुआ बेठ गई थी,बस का कंडकटर शरीफ़ था, इसलिये चुप हो गया, फ़िर ताऊ को देख कर बोला ताऊ ईब तु तो टिकट कटवा ले, अब ताऊ ने देखा की यु तिवारी तो सीधा बच गया, मेरे पेसे लगेगे, ओर सोचने लग गया?????? ताऊ ने भी दिमाग दोडाया ओर बोला भाई कडकटर तु यह सोच ले की बुआ संग तेरा फ़ुफ़ा भी बस मै बेठा है.

14 टिपण्णी:
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Udan Tashtari said...
13 November 2008 at 3:07 am  

आज तो ताऊ नप गया दीखे है...टिकिट लेण ही पडेगी.

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mehek said...
13 November 2008 at 3:39 am  

ha ha bahut badhiya:):)

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ताऊ रामपुरिया said...
13 November 2008 at 4:51 am  

@ समीरजी (उड़नतश्तरी)...
ताऊ से भी फूफा समझ कै टिकट ना ली थी कंडक्टर नै ! क्योंकि ताऊ ने कंडक्टर को धमकी दे दी थी की तेरी बुआ को छोड़ दूंगा अगर मेरे से टिकट ली तो ! :)

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Atmaram Sharma said...
13 November 2008 at 5:16 am  

लतीफे का मर्म गहरा है. हमारे देश में ऐसे ही चलती हैं जुगाड़ें. जिन्हें सोचने-विचारने का थोड़ा भी शगल है वे बस ऐसे ही बिसूरते रहते हैं.

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दिनेशराय द्विवेदी said...
13 November 2008 at 5:38 am  

ताऊ से पहले होशियारी दिखाएंगे तो यही होगा।

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Anonymous said...
13 November 2008 at 5:40 am  

बहुत बढ़िया, ताऊ का जवाब भी जोरदार है। ये आपके साईड बार में जी जी जी लिखा हुआ क्यों आ रहा है इत्ती बार

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seema gupta said...
13 November 2008 at 5:46 am  

" ha ha ha ha ha vhan narak mey tau jee kee bhains, or yhan tau jee khud......
@दिनेशराय द्विवेदी jee ne bilkul shee kha, kuch bhee kehne se pehle soch laina..."

Regards

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Alpana Verma said...
13 November 2008 at 6:06 am  

subah ki chaay ke saath jokes ka nashta --bahut khuub !--
Aesye 'tau ji' se ab to 2 ticket leni chaheeye thin--ek bua ki aur ek fufa ki--:D

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रंजू भाटिया said...
13 November 2008 at 8:06 am  

ताऊ जी का तो जवाब नही :)

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डॉ .अनुराग said...
13 November 2008 at 10:18 am  

टिकट ले ली है हमने भी

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Gyan Darpan said...
13 November 2008 at 1:28 pm  

ताऊ तो वेसे भी नहले पर दहला है

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P.N. Subramanian said...
13 November 2008 at 5:47 pm  

ताऊ तो आख़िर ताऊ ही है. मजेदार.

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Smart Indian said...
14 November 2008 at 4:56 am  

ताऊ तो चतुर है! मगर टिकेट तो लेनी ही चाहिए - खासकर छोटी-छोटी बातों में तो यह याद रखना पडेगा की ताऊ भी टिकेट खरीदें!

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Prakash Badal said...
26 November 2008 at 3:03 pm  

bahut badhiaa raaj bhai

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