ईसा- मसीहा ओर आई एन आर आई
.
राज भाटिय़ा
.
जानकारियां
जेसे हिन्दुओ मे ऊं शव्द होता हे, वेसे ही ईसाईयो ओर कथोलिको मे क्रास होता हे, आप ने कभी उस क्रास कॊ ध्यान से देखा हे, या इन की कब्र को, या फ़िर कभी ईसा मसीह का बुत देखा हो इन सब जगह पर एक शव्द लिखा होता हे** INRI** क्या आप जानते हे इस का मतलब ? शायद काफ़ी लोग ना जानते हॊ...
इस का अर्थ हे...नैजेरथ के ईसा यहुदियो के राजा,(Iesus Nazarenus Rex Iudaeorum ) जेसे भारत मे या दुनिया मे किसी केदी को उस की पहचान दी जाती हे यह एक पहचान थी, ओर इसी पहचान के साथ उन्हे सुली पर भी चढाया गया था
Post a Comment
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
टिप्पणी में परेशानी है तो यहां क्लिक करें..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय
2 October 2008 at 6:32 am
बढिया जानकारी दी आपने ! बहुत शुभकामनाएं !
2 October 2008 at 6:38 am
मुझे पक्का मालुम है क्योंकि मुझे इसी से डराया जाता था ! पर अब नही डरता हूँ ! मैं तो आपकी दूकान पर बैठा आराम से " किसी की मुस्कराहतो पर हो निसार " वाला गाना सुन रहा हूँ मजे में ! भाटिया साहब ये तिवारीसाहब को समझावो ! मेरे पीछे पड़े हैं !
कहते हैं तू (यानी मैं) खजाने का पता भाटिया जी बता रहा है ! अब आपने ये कह कर ये जिंदा भूत ( तिवारी साहब ) क्यूँ मेरे पीछे छोड़ दिया ! बचाओ इससे ! अब मैं यहाँ नही रहूंगा !
3 October 2008 at 4:03 pm
अरे राज भैया, माफी-वाफी की बात कर शर्मिंदा क्यों कर रहे हैं..यहां पहुंचने में देर हुई, इसके लिए मुझे खुद माफी मांगनी चाहिए। क्या करें हमारा जीवन ही ऐसा है..कभी नेट पर, कभी खेत पर :)
दादी मां की कहानी पढ़कर मजा आ गया। INRI के बारे में भी पहले जानकारी नहीं थी, आभार।
4 October 2008 at 9:14 am
nahin maloom tha.....is dhang ki jaankari achhi lagti hai,
shukriyaa
Post a Comment