धन्यवाद ब्लांगबाणी तेरा
ब्लांगबाणी ओर इस के संचालको को मेरा दिल से धन्यवाद, आप ने हम सब का मान इज्जत रख ली, सभी बेचेन हो गये थे, ओर मेरे जेसे तो बहुत ज्यादा थे, क्योकि हम आप सब ब्लांअबाणी को अपना मायका मानते है, जहा सब इकट्टे मिल जाते है, ओर कल का दिन कितना भारी गुजरा, यह हम बता नही सकते. आईंदा कोई भी गलती करे आप उसे एक नोटिस दे अगर नही समभलता तो बाहर का रास्ता दिखा दे.
आज आप को देख कर भगडां पाने को दिल करता है, ओर मेरे सभी भाईबहिनो को भी चाहिये कि आईंदा कोई ऎसा काम ना करे जिस का फ़ल हम सब को भुगतना पडे, वेसे मेरा दिल कहता था कि हमारा ब्लांग बाणी जरुर वापिस आयेगा. ओर आज आ गया
फ़िर से मेरी ओर मेरे सभी साथियो की तरफ़ से ब्लंग बाणी की पुरी टीम को हार्दिक धन्यवाद, आप खुब फ़लो. खुब तरक्की करो, खुश रहो, आप सब के मन कि मुरादे पुरी हो.
धन्यवाद
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29 September 2009 at 12:07 pm
bahut sahi bhatiyaaji, blogwani ke jaari rakhne ke faishale ka hardik abhinandan hai !!
29 September 2009 at 12:24 pm
हम "मांग मांग " कर कब तक जीयेगे । "खरीद कर" कब से रहना शुरू करेगे । १२०० रुपए साल का सदस्यता शुल्क हो ब्लोग्वानी पर एक ब्लॉग दिखाने का । फिट कितनी भी पसंद लगाये , ना पसंद लगाये , मोदेरेशन लगाये कोई झंझट नहीं । अब हिन्दी को आगे बढ़ाने के लिये इतना तो कर ही सकते हैं ।
29 September 2009 at 1:15 pm
ब्लांगबाणी के संचालको को और आपको भी दिल से धन्यवाद . आपकी बात से सहमत .आभार
29 September 2009 at 1:34 pm
ब्लॉग वाणी का स्वागत है . संचालकों को धन्यवाद. सभी को दशहरा एवं ब्लोग वाणी पुनः शुरू होने के शुभ अवसर पर सुभकामनाएँ एवं बधाईयाँ .
29 September 2009 at 1:37 pm
बहुत धन्यवाद जी. आपका भी और ब्लागवाणी का भी.
रामराम.
29 September 2009 at 1:43 pm
ब्लॉगवाणी की वापसी अति सुखद है.
मैथिलीजी और सिरिलजी का हार्दिक आभार.
29 September 2009 at 2:05 pm
रचना जी आप बहुत दिनो बाद आई, नमस्कार, केसी है आप.जो अजीज काफ़ी समय बाद मिले तो पहले तो हाल चाल पुछना चाहिये.
रचना जी बात पेसो की नही, अगर ब्लांग बानी पेसो का भी कहे गी तो काफ़ी लोग शायद पेसा भी दे दे, लेकिन बात कुछ ओर है,ओर जो लोग अब बिना पेसा दिये ही उदंड्ता दिखा रहे है, वो पेसा दे कर तो सीधा गले से पकडेगे, ओर अपना हक जमायेगे.....
ओर काफ़ी ब्लागर ऎसे भी है जो पेसा नही दे सकते, पेसो की व्जाय उचित रास्ता ढुढना चहिये, ओर वो एक ही रास्ता है सखती सख्ती से सब को नियम का पालन करना चहिये, ओर जो उन नियम को तोडे उसे एक दो नोटिस दे अगर नही समझता तो बाहर का रास्ता....
फ़िर यह पसंद ना पसंद का भी झगडा बन्द होता चाहिये, मेरा यह सुझाव ही है, बाकी तो ब्लांग बाणी टीम ने ही करना है, ओर उन का अनुभव हम सब से ज्यादा है,
आप का धन्यवाद
29 September 2009 at 2:05 pm
"हम आप सब ब्लांगबाणी को अपना "मायका" मानते है"
भाटिया जी, तो फिर इसका मतलब चिट्ठाजगत हम लोगों का "ससुराल" हुआ!! हा हा हा..:))
खैर हास्य की बात छोड दी जाए....तो सचमुच ब्लागवाणी का बन्द हो जाना एक अपूरणीय क्षति ही होती.....लेकिन उनका धन्यवाद कि उन्होने हिन्दी के हित को देखते हुए अपना निर्णय बदल लिया...
धन्यवाद्!!
29 September 2009 at 3:08 pm
स्वागतयोग्य कदम
सोना आग में तप कर और खरा होगा
बी एस पाबला
29 September 2009 at 3:39 pm
गम छोड़ के मनाओ रंगरेली ...
धन्यवाद ब्लॉगवाणी!!!
विजयादशमी की आप तथा सभी ब्लॉगर मित्रों को (बासी) शुभकामनाएँ!
29 September 2009 at 3:42 pm
बहुत खुशी हुई , ब्लोग्वानी के वापिस आने की ....
29 September 2009 at 3:50 pm
सच में बहुत खुशी हुई ब्लॉगवाणी के आने पर...सभी टीम को बधाई के साथ साथ सभी ब्लॉगर्स को भी इस सुखद पल के लिए हार्दिक बधाई....
29 September 2009 at 3:54 pm
Aap sach kahte hain blogvani ke bina to sab khatam hi ho jata
29 September 2009 at 6:10 pm
http://mypoeticresponse.blogspot.com/2009/09/blog-post.html
29 September 2009 at 7:33 pm
राज भाई ...आखिरकार हमारा प्यार उन्हें वापस खींच ही लाया....मुबारक हो हमें और उनको बधाई...
30 September 2009 at 1:12 am
ब्लोगवाणी को मगलकामानाऍ की वो निरन्तर बिना रुके, राजधानी एक्प्रेस की तरह चलती रहे चलती रहे।
आभार/ मगलभावनाओ के साथ
सलेक्शन और कलेक्शन
महाप्रेम
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु यह तेरा-पथ
30 September 2009 at 6:55 am
ब्लोग्वानी के वापस आने पर मुझे बेहद खुशी हुई! विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनायें!
30 September 2009 at 8:11 am
meri pre se bhi badhai sweekarein...
30 September 2009 at 8:48 pm
ये एक सुखद खबर है ...........
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