नये साल की फ़ुलझाडियां
आईये नये साल की शुरुआत मुस्कुरा कर करे,
नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !!!
नया साल आप सब के जीवन मै खुब खुशियां ले कर आये,
ओर पुरे विश्चव मै शातिं ले कर आये.
धन्यवाद
पति... चलो तुम से शादी कर के मुझे एक बहुत बडा लाभ हुआ .
बीबी... खुश हो कर, अच्छा बताईये कोन सा लाभ ?
पति... मुझे मेरे गुनाहॊ की सजा इसी जम मै मिल गई
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पति.... आज सुबह पता नही किस मनहुस की शकल देखी की सारा दिन मुझे खाना ही नसीब नही हुया.
बीबी....मेरी माने तो जी अपने सोने वाले कमरे मै लगे आईने को हटा दे, वरना आप को रोजाना यही शिकायत रहेगी.
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पति.... जान चलो आज चाय बाहर जा कर पी जाये?
बीबी....क्यो ?क्या तुम्हे लगता है कि मै घर का काम कर के थक जाती हू, ( खुश हो कर )
पति... अरे नही , दर असल मै न कप पलेट धोते धोते तंग आ गया हुं.
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बीबी.... हाय हाय !! मेरे तो कर्म ही फ़ुटे गये, जो तुम्हारे पल्ले बंध गई, वरना मुझे तो एक से बढ कर एक योग्य वर मिल रहे थे??
पति....( दुखी मन से ) हां सच मै वह सब योग्य ही थे, जो तुमहारे जाल मै नही फ़ंसे
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एक दोस्त... यार लड्कियो को * मै तुम से प्यार करता हू* कहने की सब से अच्छी जगह कोन सी है?
दुसरा दोस्त.. मन्दिर ?
पहला दोस्त... वो क्यो ?
दुसरा दोस्त.... यार वहां इन लडकियो के पाव मै चप्पल जो नही होती.
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Wednesday, December 31, 2008 | 20 Comments
ताऊ के गोल गप्पे
ताऊ... कॊई दो चीजो के नाम बताऒ जो हम नाशते मै नही खा सकते.
तिवारी साहब जी..वेरी सिम्पल यार....लंच ओर डिनर कॊ हम नाश्ते मै नही खा सकते.
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तिवारी साहब जी... अरे ताऊ सुबह सुबह क्या कर रहै हो??
ताऊ... तिवारी साहब जी मे डिनर कर रहा हूं ??
तिवारी सहाब जी... अरे ताऊ सुबह के खाने को नाशता कहते है.
ताऊ... हां हां मुझे मालुम है, लेकिन मै तो कल रात का बचा खाना खा रहा हू.
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ताऊ... आओ आओ तिवारी साहब जी अरे आप भाभी को साथ नही लाये ???
तिवारी साहब.. ताऊ भाई आप की भाभी तो आने को तेयार थी, लेकिन मेट्रो मे विस्फ़ोटक चीजे साथ लाना मना जो है??
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एक जगह शराब के बिरोध मै भाषण चल रहा था, तो भाषण देने वाला बोला..अब आप बाताये की अगर मै यहां एक बालटी पानी की ओर एक बाल्टी देसी शराब की मंगावाऊ, ओर एक गधे को पीने के लिये दी जाये तो वो गधा किस चीज को पीयेगा, एक आदमी ने कहा कि पानी, तो उस भाषाण देने वाले ने पुछा कि क्यो, तो उस आदमी ने कहा गधा जो ठहरा.
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Monday, December 29, 2008 | 10 Comments
हंसाना सख्त मना है?? अरे आप हंसे जा रहे है..
Saturday, December 27, 2008 | 17 Comments
किने किने जाना बिल्लो दे घर
किस किस ने बिल्लो के घर जाना है, वो पहले लाईन मै आये, फ़िर टिकट कटाये... ओर इस गाडी मे सवार हो जाये......
Friday, December 26, 2008 | 8 Comments
ताउ की बाते
एक बार ताऊ फ़ोज मै भरती हो गया, खाये पीये ओर खुब मोज करे, एक दिन ताऊ का मन उदास हो गया, घर जाने के लिये. अब उसने दोस्तो से सलाह की की भाई फ़ोज मै अगर छुट्टी लेनी हो तो क्या करू, ताऊ के दोस्तो ने सारी बात समझा दी, ताऊ गया अपने बोस के पास ओर बोला भाई मुझे १५ दिनो की छुट्टी चाहिये, बोस ने पुछा क्यो भाई?? ताऊ बोला मेरी लुगाई (बीबी) की तबियत खराब है,बोस बोला ठीक है मै फ़ोन कर के पहले तेरी बीबी से बात कर लू, उस के बाद सोचुगा...
दुसरे दिन ताऊ गया बोस के पास ओर बोला साह्ब जी आप ने बात की, तो बोस बोला भाई आज सुबह मेने तुम्हारे घर पर तुम्हारी बीबी से बात की... ओर इतना सुन के ताऊ जोर जोर से हंसने लगा, ओफ़िसर को गुस्सा आया, ओर कडक के बोला अरे ताऊ क्यो हंस रहै हो??? ताऊ बोला जी साह्ब जी मै तो झुठा था आप मेरे से भी बडे झुठे??? ओफ़िसर बोला वो केसे ? ताऊ बोला अरे साहब अभी तो तेरे फ़ुफ़ा का व्याह ही नही हुया तेने किस से बात कर ली.. झुठे
Thursday, December 25, 2008 | 6 Comments
ताऊ की बाते
भाईयो बात बडी पुरानी है जब ताऊ स्कुल जाया करता था तब की.
एक दिन मास्टर जी नै ताऊ से पुछा बता भाई कपडा किसे कहते है?
ताऊ भी बहुत सयाना था, झट से बोला पता नही,
मास्टर फ़िर से पुछा तो बता पेन्ट किस चीज से बनती है?
ताऊ बोला मेरे बाबु की पुरानी पेन्ट से???
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यह बात भी उस समय की है जब हमारा ताऊ गाव के सकुल मे जाया करता था, एक बार सारी रात बरसात होती रही, ओर स्कुल की छत नीचे गिर गई, अब सभी बच्चे बहुत खुश, चेहरे गुलाब के फ़ुलो की तरह से खिले हुये, ओर मन ही मन सोच रहे थे चलो अब कुछ दिन स्कुल से ओर पढाई से छुट्टी,एक तरफ़ सभी मास्टर ओर हेडमास्टर खडे सोच रही थे, तभी हेड मास्टर साहब जी की नजर ताऊ पर पडी,ताऊ खुब जोर जोर से रो रहा था, ओर चेहरे से बहुत ही दुखी लग रहा था, ताऊ को सभी पलटू कह कर बुलाते थे, तो हेडमास्टर साहब पलटू के पास गये ओर उस के सर पर हाथ रख कर बोले बेटा पलटू, तु सब बच्चो से सयाना निकला इसी लिये रो रहा है ना की स्कुल ना नुकसान हो गया, बेटा अब चुप हो जा मै जल्दी ही स्कुल की छत बनबा दुगां , ताकि तेरी पढाई का नुकसान ना हॊ, ताऊ बीच मै ही बोल पडा, ओर रोते रोते बोला हेडमास्टर जी आप इतनी जल्दी मत बनबाये, मै तो इस लिये रो रहा हू कि कितनी मुस्किल से हमारे सकुल की छत गिरी लेकिन ऎक भी मास्टर नीचे आ कर नही मरा.
*************************************************************************************मास्टर जी ने ताऊ से पुछा?? हां भाई पलटू एक सवाल का जबाब दे??
ताऊ बोला पुछो मास्टर जी कया पुछना है?
मास्टर जी ने पुछा भाई पलटू जरा सोच कर बता कि दुर्घटना ओर बदकिस्मती मै क्या फ़र्क है???
ताऊ बोलाया मास्टर जी सोचना क्या एक दम सीधा सा फ़र्क है, समझो सकुल मै आग लग गई यह दुर्घटना हुयी, ओर गाव वालो ने आप को आग से बचा लिया यह बदकिस्मती हुयी हम सब की
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Monday, December 22, 2008 | 11 Comments
तलत महमुद जी भाग ३
कुछ ऎसे भुले बिसरे गीत, जिन्हे आप बार बार सुनना चाहेगे,बहुत ही सुंदर गीत, अजी गीत क्या इन्हे तो दिल की आवाज ही कहले, तो सुनिये मेरी अपनी पंसद के गीत, कुछ मेरी नजर के हिट गीत, जिन्हे मै कभी नही भुल सकता....
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Saturday, December 20, 2008 | 8 Comments
खुशी कुछ ऎसे भी
Tuesday, December 16, 2008 | 11 Comments
पांच सॊ का नोट ?
इस विडियो को देखने से पहले आप से एक सवाल है,अगर आप को कही से एक पांच सॊ का नोट मिल जाये तो आप उस नोट का कया करेगे? अब आप इस विडियो को देख कर अलग अलग लोगो के विचार जानिये
Monday, December 15, 2008 | 10 Comments
कुंदन लाल सहगल भाग ४
अगले दस गीतो के साथ फ़िर से हाजिर हुं, उन गीतो को ले कर जिन्हे हम सब भुल से गये है, ओर वेसे गीत ओर वेसे कला कार ना तो दुवारा आयेगे ओर ना ही ऎसे गीत फ़िर हमे सुनने को मिलेगे.... तो लिजिये इन सदाबाहार १० गीतो के फ़ुलो का गुलदस्ता आप के नाम.....
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Saturday, December 06, 2008 | 2 Comments
आक्रोश,नफ़रत???
इस दुख की घडी मे मै अपनो से बहुत दुर बेठा हूं, ओर यह सारी घटनाये हम ब्लांग पर ,इन्ट्रनेट के जरिये भारतीय आखबरो से या फ़िर जर्मन टी वी ओर अन्य टीवी के साधनो से पता कर पाते है, ओर यह साधन ( टी वी ओर न्युज पेपर) कितने सच्चे है पता नही, लेकिन इन पर विशवास करने के सिवा कोई चारा भी नही, आज जर्मन टी वी पर बता रहे थे की आतंकी होटलो मे पहले से ही किसी न किसी रुप मे थे, कई गेस्ट के रुप मे तो कोई कर्मचारी के रुप मे थे, यानि वहां बहुत लोग थे हमला करने वाले, ओर यह न्युज देख कर मेरे मन मे एक खयाल आया. कि अगर ऎसा था तो आईंदा लोग नोकरी देने से पहले , होटल मे कमरा देने से पहले, घरो मे किराये पर मकान देने से पहले सॊ बार सोचेगें.
वेसे ऎसा हमारे यहां काफ़ी समय से है, अगर आप भारतीया है तो कोई प्रोबलम नही,(आप के नाम के साथ भारत लगा है, आप का धर्म कोई भी हो आप नेक इंसान है) आप को सब जगह स्वागत है, आप को नोकरी, माकन लेने मे कोई कठिनाई नही, लेकिन अगर आप पाकिस्तानी है तो ..... लेकिन अब इस हादसे( मुंबई) के बाद लगता है यह युरोपियन लोग भारतीया होने के साथ साथ अब हमारा धर्म भी ना पुछने लगे.
क्योकि यह मुंबई हादसे ने लोगो को(विश्व) को झंकोर के रख दिया है ,भारतीया लोग एक दम से सहम से गये है, क्यो कि हम कितना भी विदेश मे रह ले हमारी सोच, हमारा मन , हमारा दिल तो भारत मै ही है, हमारी पहचान भारत है, जब भारत मै कुछ अच्छा होता है हम सीना फ़ुला कर चलते है, ओर पुरे युरोप मै भारतीयो का ओर भारत का बहुत मान है, यह लोग हमारी संस्कृति को बहुत समान से देखते है ओर भारत को एक महान द्रिश्ति से देखते है.ओर भारत को एक शांति वाला देश समझते है,
कुछ खबरे मेरे भारत के वीर जवानो की जिन पर हमे मान होना चाहिये
'डर के आगे जीत है...' ,नेता लोगों को तो अपने काम से काम है, ये भीख मांगने आते हैं वोटों की और उसके बाद लोगों को भूल जाते हैं,
'यह किसी के लिए भगवान होने जैसा था'
Wednesday, December 03, 2008 | 13 Comments