मां
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राज भाटिय़ा
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दिल की बातें
मां क्या है , इस बारे सभी का अलग अलग अपना अपना ख्याल है, चलिये कुछ लोगो के ख्याल आप को बताये, शायद आप को पसंद आये, आप इन ख्यालो को पढ कर फ़िर अपने ख्याल भी लिखे ...
बाग के माली ने कहा...... मां एक बहुत ही खुब सुरत फ़ुल है, जो पुरे बाग को खुशवु देती है. आकाश ने कहा ......मां अरे मां तो एक ऎसा इन्द्र्धनुष है, जिस मै सभी रंग समाये हुये है. कवि ने कहा....... मां एक ऎसी सुन्दर कविता है, जिस मै सब भाव समाये हुये है. बच्चो ने कहा................मां ममता का गहरा सागर है जिस मे बस प्यार ही प्यार लहरे मार रहा है. वाल्मीकी जी ने कहा.......मां ओर मात्र भुमि तो स्वर्ग से भी सुन्दर ओर पबित्र है. वेद व्यास जी ने कहा.....मां से बडा कोई गुरु इस दुनिया मै नही. पैगम्बर मोहम्मद साहब ने कहा.... मां वो हस्ती है इस दुनिया की जिस के कदमो के नीचे जन्नत है. |
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Saturday, April 04, 2009 | 35 Comments
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मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की
शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय