tag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post6140383908878207115..comments2023-10-20T13:37:22.397+02:00Comments on छोटी छोटी बातें Choti Choti Baate: घर मै दुसरा ओर तीसरा दिन...राज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-74444208703347948672009-08-24T19:17:06.941+02:002009-08-24T19:17:06.941+02:00कोई शब्द नहीं..बस पढ़ रहा हूँ.कोई शब्द नहीं..बस पढ़ रहा हूँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-41313389828939513142009-08-23T21:35:38.047+02:002009-08-23T21:35:38.047+02:00राज जी
अपनी लेखनी को इस बारे में जल्द विराम दें ....राज जी <br />अपनी लेखनी को इस बारे में जल्द विराम दें . एक मान्यता है ज्यादा याद कराना दिवंगतों को कष्ट देता हैडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-29556773064125416752009-08-23T21:16:51.453+02:002009-08-23T21:16:51.453+02:00राज जी मेरी माताजी का भी 2001 मे 8 अगस्त को तथा पि...राज जी मेरी माताजी का भी 2001 मे 8 अगस्त को तथा पिताजी का 2003 मे 28 अगस्त को स्वर्गवास हुआ था । आप हैं,अलबेला जी हैं इस माह निरंतर अपने बुजुर्गों को याद कर रहे हैं । मुझे ऐसा लग रहा है कि सम्वेदना के तार हम सब को कहीं न कहीं जोड़े हुए है । यह भावना सम्पूर्ण जगत में व्याप्त हो इस कामना के साथ । अपने स्वास्थ्य का खयल रखियेगा । -शरद कोकास ,दुर्ग ( छत्तीसग़ढ़)शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-89801756585717421152009-08-23T20:38:25.048+02:002009-08-23T20:38:25.048+02:00कल मैं बाहर था। आज दोनों कड़ियाँ पढ़ीं। हम मन से य...कल मैं बाहर था। आज दोनों कड़ियाँ पढ़ीं। हम मन से यह स्वीकार कर लेते हैं कि जो आया है वह एक दिन जाएगा। लेकिन जाने की प्रक्रिया हमेशा दुखःद होती है। आप ने जो कष्ट के क्षण बिताए उन में लोग अपने को देखेंगे। इस का विवरण पढ़ना भी इतना कष्टप्रद है कि इस से पलायन की इच्छा होने लगती है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-68706540150964224912009-08-23T20:17:00.598+02:002009-08-23T20:17:00.598+02:00भाटिया जी, ईश्वर की इच्छा के आगे किस की मर्जी चली ...भाटिया जी, ईश्वर की इच्छा के आगे किस की मर्जी चली है!!!<br />आप थोडा धीरज रखें!!Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-86626997229786922782009-08-23T20:00:23.898+02:002009-08-23T20:00:23.898+02:00बहुत शिद्दत से माँ को याद कर रहे हैं,
ऎसा लग रहा ...<i><br /><br /> बहुत शिद्दत से माँ को याद कर रहे हैं, <br />ऎसा लग रहा है कि, मैं आपके साथ साथ लगा हुआ हर पल का साक्षी हूँ ।<br /></i>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-52012885529248136282009-08-23T19:47:06.906+02:002009-08-23T19:47:06.906+02:00ऐसे ही कई मौकों पर मानव अपने आप को बेहद असहाय महसू...ऐसे ही कई मौकों पर मानव अपने आप को बेहद असहाय महसूस करता है<br />दुखद क्षणAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-710375054374453082009-08-23T19:03:02.251+02:002009-08-23T19:03:02.251+02:00बस यहीं पर बस नहीं चलता हैबस यहीं पर बस नहीं चलता हैअविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-36856085914757181922009-08-23T18:53:35.680+02:002009-08-23T18:53:35.680+02:00अपनी अपनी माँ से कहता हर व्यक्ति संसार का
मैं आक...अपनी अपनी माँ से कहता हर व्यक्ति संसार का<br />मैं आकण्ठ ऋणी हूँ माता ! तेरे अनुपम प्यार का<br /><br />तुमने मुझको जनम दिया माँ, ये दुनिया दिखलाई<br />तेरे आँचल में गूंजी मेरे शैशव की शहनाई<br />तेरी गोद में खेले मेरे बचपन और तरुणाई<br />तेरी ममता की छाया में मैंने प्रौढ़ता पाई<br />साँस साँस से मैं कृतज्ञ हूँ तेरे लाड़ दुलार का<br />मैं आकण्ठ ऋणी हूँ माता ! तेरे अनुपम प्यार का<br /><br /><br />बेशक मुझको याद नहीं अब मैंने तुमको कितना सताया<br />कभी बीमारी, कभी शरारत, रोज़ नया उत्पात रचाया <br />कितने दिन का चैन हर लिया, कितनी रातें तुम्हें जगाया<br />फ़िर भी तुम गीले में सोयीं और मुझे सूखे में सुलाया<br />मैं ना क़र्ज़ चुका पाऊंगा माँ तेरे उपकार का<br />मैं आकण्ठ ऋणी हूँ माता ! तेरे अनुपम प्यार का<br /><br /> <br />_____आदरणीय राज भाईजी,<br />माँ की आशीष सदा आपके साथ हैं और रहेंगी.........<br />__________जय गणेश !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-26425457786639844862009-08-23T18:36:41.099+02:002009-08-23T18:36:41.099+02:00भाटिया जी, यही दर्द एक दिन हर पुत्र को झेलना पडता ...भाटिया जी, यही दर्द एक दिन हर पुत्र को झेलना पडता है. हमने भी झेला है. ईश्वर माताजी की आत्मा को शांति दे. और आप परिजन धैर्य धारण करें.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-83670953917174046182009-08-23T18:31:49.325+02:002009-08-23T18:31:49.325+02:00भाई साहिब, हौसला रखिये ---परमात्मा आप सब को यह गहर...भाई साहिब, हौसला रखिये ---परमात्मा आप सब को यह गहरा सदमा सहने की शक्ति प्रदान करे।Dr Parveen Choprahttps://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-62775532623832078192009-08-23T18:23:54.309+02:002009-08-23T18:23:54.309+02:00पढ़कर भावुक हो गया हूँ आँखों में आंसू आ गए है सचमु...पढ़कर भावुक हो गया हूँ आँखों में आंसू आ गए है सचमुच माँ से बढ़कर कोई नहीं है . ईश्वर के विधान के अनुसार सभी को एक दुनिया से जाना पड़ता है मात्र उनकी स्म्रतियाँ हमारे दिलो में रह जाती है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और आपको यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करेंसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-67182489293238687962009-08-23T18:22:36.127+02:002009-08-23T18:22:36.127+02:00राज जी,आप की आपबीती पढ़ते हुए पता नहीं क्युं रह रह...राज जी,आप की आपबीती पढ़ते हुए पता नहीं क्युं रह रह कर मुझे अपने पिता याद आ रहे थे.....मैं जानता हूँ और शायद महसूस भी काफी हद तक कर सकता हूँ कि ऐसे समय में मन में कैसा अथाह पीड़ा उठती रहती है...यही वह समय होता. जब हम एकदम लाचार और बेबस हो जाते हैं.....परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-70827631142783044492009-08-23T18:19:02.950+02:002009-08-23T18:19:02.950+02:00बहुत याद आते है जाने वाले...ईश्वर माताजी को शान्ति...बहुत याद आते है जाने वाले...ईश्वर माताजी को शान्ति प्रदान करे...और आपको सहनशक्ति....Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-776436122647629714.post-69639569486007539872009-08-23T18:15:30.814+02:002009-08-23T18:15:30.814+02:00दर्दभरी दास्ताँदर्दभरी दास्ताँArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com