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हिन्द की माया………..(सत्यम शिवम)

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एक माँ ने आवाज लगायी,
एक ने तुझे गँवाया,
खोकर एक ने तुझे पा लिया,
हिन्द की है ये माया।
कितनों के सिंदूर कर्ज पर,
कई बहनों के राखी,
कितनों ने है भाई गँवाये,
अपने और संग संगाती।

माँ की गोद उजड़ गयी देखो,
बाप का साया छुटा,
दूर गया वो हमे छोड़कर,
देश से जोड़ा नाता।

लड़ता लड़ता सीमाओं पर,
देश का वीर सपूत,
अंगारों और तोप सा बन गया,
माँ के लाल का रुप।

मर कर भी वो देश की खातिर,
माँ भारती के रग रग में है जिया।

खुशबु बन कर आज है छाया,
मेरे देश के वीरों की काया।

हिन्द की है ये माया।

7 टिपण्णी:
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Chaitanyaa Sharma said...
25 January 2011 at 5:55 pm  

बहुत सुंदर ... गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....

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प्रवीण पाण्डेय said...
25 January 2011 at 6:26 pm  

बहुत सुन्दर कविता।

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मनोज कुमार said...
25 January 2011 at 6:42 pm  

अच्छी पोस्ट। गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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राज भाटिय़ा said...
25 January 2011 at 8:52 pm  

बहुत अच्छी लगी आप की रचना, धन्यवाद
आप को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई

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Er. सत्यम शिवम said...
26 January 2011 at 8:27 am  

आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद.....गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ।

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निर्मला कपिला said...
26 January 2011 at 2:35 pm  

बहुत खूबसूरत रचना। शहीदों को नमन। गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें..

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Anonymous said...
26 January 2011 at 6:33 pm  

26 जनवरी पर सार्थक रचना!
गणतन्त्र दिवस की 62वीं वर्षगाँठ पर
आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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