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एक भुला बिसरा गीत..... जिन्दगी के नाम

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आज यह गीत अचानक कही सुना, तो बचपन के वो दिन याद आ गये जब मैने यह फ़िल्म आर के पुरम मे एक टीन की टाकीज मे देखी थी, जहां नीचे पांव रखने की जगह पानी भर गया था, ओर पुरी फ़िल्म पांव ऊपर सीट अरे नही कुर्सी पर ऊपर रख के देखी थी, ओर फ़िल्म इतनी पसंद आई थी कि आज तक एक एक सीन दिल पर अकिंत हे, ओर एक एक गीत कानो को नही भुला....
तो सुनिये ओर देखिये यह सुंदर गीत

हेरान ना होये.....Game

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अजी डरे नही, एक बार पंगा ले कर तो देखे



अजी डरे नही, एक बार पंगा ले कर तो देखे

मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।*जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा। महात्मा गांधी अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"महामना मदनमोहन मालवीय