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विचार

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नमस्ते.
अगर आप सदा स्वयं की दूसरो के साथ तुलना करते रहते है, तो आप अवश्य ही अहंकार अथवा ईषर्य़ा के शिकार हो जायेंगें

12 टिपण्णी:
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रविकांत पाण्डेय said...
2 October 2009 at 4:48 am  

उत्तम विचार। धन्यवाद।

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Unknown said...
2 October 2009 at 5:36 am  

बहुत सुन्दर विचार है भाटिया जी!

एक विचार मेरी और से भीः

"स्वयं की तुलना कभी भी किसी अन्य से न करें, यदि आप करते हैं तो स्वयं का ही अपमान करते हैं।"

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सुशील छौक्कर said...
2 October 2009 at 7:01 am  

सुन्दर विचार।

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"अर्श" said...
2 October 2009 at 7:10 am  

chhoti nahi bahut badi baat kahi hai aapne bhatiya ji namaskaar..sahib


arsh

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Arvind Mishra said...
2 October 2009 at 7:29 am  

खबर्दारिया विचार !

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ताऊ रामपुरिया said...
2 October 2009 at 1:24 pm  

बहुत नायाब विचार.

रामराम.

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M VERMA said...
2 October 2009 at 5:49 pm  

सुन्दर विचार

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Alpana Verma said...
3 October 2009 at 9:50 am  

saty vachan!

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Arshia Ali said...
3 October 2009 at 12:23 pm  

अच्छा है।
Think Scientific Act Scientific

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Rajeysha said...
3 October 2009 at 3:44 pm  

मैं अपनी तुलना किसी से नहीं कर रहा, यह भी अहंकार का कारण हो सकता है।

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निर्मला कपिला said...
3 October 2009 at 4:06 pm  

बहुत सुन्दर और सत्य वचन हैं धन्यवाद

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monali said...
5 October 2009 at 12:28 pm  

Is vichaar ka to pata nahi..bahut gehra h shayad... lkn aapka vichaar muje bahut achha laga... ye sundar vichaar hamare sath baantne k liye shukriya...

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