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स्माईल प्लीज

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स्माईल प्लीज ! अबे मुस्कुराने को कहां है, दांत फ़ाड कर हंस क्यो रहा है,
नमस्कार

22 टिपण्णी:
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Udan Tashtari said...
14 November 2009 at 11:48 pm  

हम भी भूले से हंस दिये, सॉरी!!!

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डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...
15 November 2009 at 3:23 am  

hahahahahahha................

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सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...
15 November 2009 at 4:14 am  

माफ़ कीजिएगा, यह तो ज्यादती है।
आइटम ऐसा कि बत्तीसी दिखाने का मन हो और बन्दिश लगा रखी है कि सिर्फ़ मुस्कराना है।

हम तो खुल कर हँसेंगे। क्या कल्लोगे...? :D

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Gyan Darpan said...
15 November 2009 at 4:46 am  

सॉरी ! हमें भी हंसी आ ही गयी |

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Unknown said...
15 November 2009 at 5:23 am  

वाह राज जी! कहाँ कहाँ से ढूँढ लाते हैं एक से एक मसाला!

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डॉ महेश सिन्हा said...
15 November 2009 at 7:49 am  

बच्चा है तो स्माईल प्लीज बोल सक रहा है , बड़ों की तो बत्ती गुल हो जाये :)

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mehek said...
15 November 2009 at 8:23 am  

waah jabardast mile hai:),itani badi,khich lo jitne photo khichne hai:)

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दिगम्बर नासवा said...
15 November 2009 at 10:20 am  

JORDAAR HAI BHAATIYA JI .... PAR BACHHE KI HIMMAT TO DEKHIYE ....

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देवेन्द्र पाण्डेय said...
15 November 2009 at 11:15 am  

हा.. हा.. हा...
इस बात पर किसे न हंसी आ जाए!

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गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...
15 November 2009 at 1:15 pm  

अब इत्ते बड़े मुंह पे मुस्कुराहट कहां दिखती भाई

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Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...
15 November 2009 at 4:02 pm  

अरे बाप रे! दाँत देखकर भी इसे डर नहीं लग रहा..बडा बहादुर बच्चा है :)

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मनोज कुमार said...
16 November 2009 at 3:53 am  

ये मगरमच्छी हंसी है।

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निर्मला कपिला said...
16 November 2009 at 5:40 am  

hहा हा हा हा हा हा सुबह आज हंसी से शुरू हुई है धन्यवाद

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Unknown said...
16 November 2009 at 11:15 am  

AAP PYAAR SE KAHTE RAHIYE SMILE PLEASE, HUM MUSKURATE HI RAHENGE. WAADA RAHA.

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विनोद कुमार पांडेय said...
16 November 2009 at 6:23 pm  

बच्चों के अंदाज निराले...स्माइल तो करनी ही पड़ेगी..बहुत बढ़िया प्रस्तुति

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शरद कोकास said...
16 November 2009 at 9:27 pm  

बच्चा है बेचारा अभी अभी तो दाँत ऊगे हैं , दिखायेगा ही ।

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ज्योति सिंह said...
17 November 2009 at 5:45 pm  

zabardast aur shaandar jise dekh apne aap hansi foot pade ,bahut khoob raj ji

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Murari Pareek said...
18 November 2009 at 5:20 am  

ha..ha..ha.. bahut umda!!!

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पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...
19 November 2009 at 5:22 am  

भाटिया साहब, देर से इस सुन्दर प्रसंग पर नजर गई इसके लिए क्षमा चाहता हूँ ! आपने बहुत सुन्दर प्रसंग उठाया था ! अक्सर क्या है कि इतने सारे विजेट लगा लेने की वजह से साईट खुलने में भी बहुत वक्त लगता है और इच्छुक व्यक्ति कुपित हो जाता है ! साथ ही कई बार कम्पूटर भी हैंग हो जाता है ! उसी तरह जिन लोगो ने टिप्पणियों पर मोद्रेसन लगा रखे है , मैं समझता हूँ कि वह भी एक बेफालतू की चीज है ! अगर कोई गलत टिपण्णी करता भी है तो आपको भी उसे डिलीट करने का ओपसन प्राप्त है आप डिलीट कर सकते है !

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कडुवासच said...
19 November 2009 at 4:13 pm  

... क्या स्टाईल है !!!!

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Anonymous said...
20 November 2009 at 11:27 am  

घडि़याली आंसू तो मशहूर हैं लेकिन आपने तो घडि़याली हंसी भी दिखा दी।

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VOICE OF MAINPURI said...
22 November 2009 at 6:39 am  

bahut khub....

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