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वा अदव वा मुलाहिजा....

.


देखिये तो सही क्या शान है, इसे कहते है दिलेरी.....
हिम्मत है जी.

19 टिपण्णी:
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पुरुषोत्तम कुमार said...
23 February 2009 at 8:28 pm  

वाह...

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Tapashwani Kumar Anand said...
23 February 2009 at 10:13 pm  

in kutton ke din na jane kab aayenge...........
:-)

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Udan Tashtari said...
24 February 2009 at 2:24 am  

इस बिल्ली का ब्लॉग पता दिजियेगा. मुझे तो ताऊ की राम प्यारी लगती है. गजब दिलेरी है भाई.

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दिनेशराय द्विवेदी said...
24 February 2009 at 2:47 am  

मुझे तो सलामी परेड का निरीक्षण स्मरण हो आया।

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संगीता पुरी said...
24 February 2009 at 2:57 am  

मेरे चाचाजी के यहां भी एक कुत्‍ता और एक बिल्‍ली साथ साथ पले थे....कभी कुत्‍ते ने बिल्‍ली पर नहीं भौंका....

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विष्णु बैरागी said...
24 February 2009 at 3:38 am  

इसका साहस, उनकी उदारता।

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Vinay said...
24 February 2009 at 6:05 am  

मुझे मेरी बिल्लो की याद आ गयी, दुआ कीजिए वह वापस आ जाये!

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सुशील छौक्कर said...
24 February 2009 at 6:09 am  

वाह जी वाह क्या कहने साहस के और उदारता के।

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विधुल्लता said...
24 February 2009 at 6:25 am  

man khush ho gyaa...is dileri ke saamne...shukriyaa

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ताऊ रामपुरिया said...
24 February 2009 at 6:31 am  

हमारी रा्मप्यारी का ये कुछ नही बिगाड सकते. आखिर ताऊ की बिल्ली है कोई मजाक थोडी ही है.:)

रामराम.

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आलोक सिंह said...
24 February 2009 at 6:32 am  

प्रणाम
हिम्मत है तो मुझे पकड़ के दिखाओ शायद ऐसा ही बिल्ली बोल रही है लेकिन बेचारे कुत्ते उसकी इस बहदुरी से दंग हो गए है और उसे पकड़ने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है .
बहुत सुंदर चित्र .

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Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...
24 February 2009 at 7:38 am  

अजी वाह्! क्या ठाठ हैं बिल्ली मौसी के.......

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seema gupta said...
24 February 2009 at 8:15 am  

my god......... so daring cat......

regards

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P.N. Subramanian said...
24 February 2009 at 9:23 am  

विष्णु बैरागी जी ने शब्द दे दिए जी. सुंदर और मजेदार. आभार.

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परमजीत सिहँ बाली said...
24 February 2009 at 9:39 am  

बहुत गज़ब की तस्वीर।

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राजीव करूणानिधि said...
24 February 2009 at 2:05 pm  

गज़ब की तस्वीर. वाकई दिलेरी है. इसकी हिम्मत की दाद देनी होगी.

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समयचक्र said...
24 February 2009 at 2:51 pm  

लगता है बिल्ली कुत्तो को परेड करा रही है वाह वाह गजब

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दिगम्बर नासवा said...
24 February 2009 at 4:16 pm  

मन में हो जोश तो सब कुछ हो सकता है........
क्या चित्र लिया है आपने........साधू साधो

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BrijmohanShrivastava said...
25 February 2009 at 6:17 am  

तपस्वनी आनंद ने कहा इन कुत्तों के दिन न जाने कब आयेंगे ?निवेदन है इनके दिन कब नहीं रहे /ये सोचिये इन्सान की किस्मत इन जैसी कब होगी /संगीता पुरी जी -जानवर जानवर पर नहीं भौंकता किन्तु आदमी आदमी पर दिन रात भोंक रहा है /विनय जी कि बिल्लो के लिए मै दुआ करता हूँ /बहुत शानदार तस्वीर /

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