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आत्महत्या???

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यह देखो लोग केसे मोत के मुंह मे जाते है....... अरे मियां लडाई हर घर मै होती है, क्योकि छोटी सी बात पर ........ राम राम राम

14 टिपण्णी:
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dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...
22 January 2009 at 2:55 am  

राम राम . सच मे हिम्मती है . बीबी से मुकाबला करने से आसान है अपना सर फरोश करना

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Udan Tashtari said...
22 January 2009 at 3:42 am  

जाने दो भई, छोटी सी बात पर क्या झगड़ना.

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ताऊ रामपुरिया said...
22 January 2009 at 3:53 am  

शायद ये महाराज समझ रहे हैं कि कोई चिडिया इनके दांतो मे फ़ंसी हड्डी निकाल रही है. जब भी इनको याद आ गया कि ये इनका लजीज लंच बन सकता है तब तक ही खैर है. :)

रामराम.

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दिनेशराय द्विवेदी said...
22 January 2009 at 4:38 am  

मुहब्बत को आत्महत्या कहा। रामं! राम!

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रंजू भाटिया said...
22 January 2009 at 5:20 am  

उफ़ कितना दिल वाला है यह :)

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Alpana Verma said...
22 January 2009 at 5:31 am  

बड़ी हिम्मत है!

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seema gupta said...
22 January 2009 at 5:32 am  

"भगवान ही मालिक है .अब ...."

Regards

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सुशील छौक्कर said...
22 January 2009 at 5:37 am  

मैंने गौर से देख रहा था लगा जैसे नजर का भ्रम है। जिराफ थोडा दूर है। सच क्या ऐसा है? फोटो बहुत ही जबरद्स्त है।

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Vinay said...
22 January 2009 at 5:47 am  

मुझे लगता है कि वह अपने मुँह की बद-बू की जांच करवा रहा है


---आपका हार्दिक स्वागत है
चाँद, बादल और शाम

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ss said...
22 January 2009 at 6:28 am  

मेरे ख्याल से दोनों एक दुसरे का हाल चाल पूछ रहे हैं| अब हिप्पो HI भी बोलेगा तो मुहं तो फाड़ना ही पड़ेगा!!

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Anonymous said...
22 January 2009 at 7:36 am  

महाश्क्ती वाला किस तो नहीं कर रहें कहीं?

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संगीता पुरी said...
22 January 2009 at 7:39 am  

वाह !!!! कमाल की फोटोग्राफी है।

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गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...
22 January 2009 at 3:20 pm  

नहीं जी, ड़रने की कोई बात नहीं है। बस बात करते-करते उबासी (जमहाई) आगयी जरा सी।

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डॉ .अनुराग said...
22 January 2009 at 3:43 pm  

विनय की बात में दम है राज जी !

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