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ताऊ के काम

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भाईयो हमारा ताऊ ऎसा वेसा नही, बहुत ही सीधा साधा शरीफ़ आदमी है, अगर किसी को शक हो तो भारत के किसी भी पुलिस स्टेशन पर जा कर उन महा आदमी की फ़ोटो देख सकते है, अरे आप गलत समझ रहै है, अरे महात्मा गांधी की फ़ोटो भी तो पुलिस स्टेशन पर लगी होती है... तो क्या ........ सच मै हमारा ताऊ बहुत शरीफ़ है, यकीन नही होता ??? तो नीचे खुद पढ ले....

भाई ताऊ के बडे लडके का रिश्ता पक्का होगया, अब ताऊ हमारा बहुत शरीफ़, लडकी वाले पक्के चालू ओर कंजुस मक्खी चुस, अब जब ताऊ ने शादी की तारीख निकलवा ली तो लडकी का वाप बोला चोधरी साहब बात यह है कि तुम बारात थोडी छोटी लाना, बस १०,१५ आदमी ही।

अब ताऊ था दिल का राजा, उस की जान पहाचान बांलाग मै ही इतनी है २,३ सो तो बांलग्रिये ही इक्कट्टॆ हो जाये, फ़िर गाव के , रिश्ते दार सब मिला के १५०० लोग, ताऊ ने एक दो बार समझाया, लेकिन लडकी का वाप था पक्का कंजुस, वो नही माना, तो ताऊ ने हां कर दी, ओर भाईयो रोकते रोकते भी २७ आदमी हो गये,

बारात पहुची लडकी वालो के घर मै, ओर लडकी के बाप ने जब देखा की बाराती तो बहुत ज्यादा है, ओर खाना बनबाया है सिर्फ़ १५ आदमियो का, तो भाईयो लडकी के बाप ने खीर मै, आलू की सब्जी मै ,दाल मै ,चावलो मै, ओर हलवे मै पानी डाल दिया, ओर पानी डालने के कारण सारा खाना वेस्वाद सा हो गया, अब बराती खाने आये तो ताऊ के कारण कुछ नही बोले ओर थोडा बहुत खा कर ऊठ गये, ताऊ भी सारी बात समझ गया।

अब शादी हो गई ओर विदाई का समय आया तो लडकी के बाप ने ताना सा मारा, चोधरी साहब आप बारात तो बहुत छोटी लेकर आये, अब हमारे ताऊ को गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन मोके की नाजाकत देखर्ते हुये दोनो हाथ जोड कर ताऊ बोला... चोधरी साहब हमारे गाव मै गोवर खाने वाले बस इतने ही लोग थे।
तो हमारा ताऊ हुआ न शरीफ़

17 टिपण्णी:
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PD said...
9 November 2008 at 4:58 pm  

अजी हम कभी प्रश्न किये हैं क्या? जो सफाई देने कि जरूरत पर गई?
अब चोर कि दाढ़ी में तिनका वाली बात हो तो बात और है.. :)

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जितेन्द़ भगत said...
9 November 2008 at 5:37 pm  

ताऊ में धीरज भी लाजवाब है, ना तै इब ताईं लट्ठ बजा देता:)

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sandeep sharma said...
9 November 2008 at 6:09 pm  

अच्छा वाकया है...

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रंजना said...
9 November 2008 at 6:27 pm  

waah ! ye hui na baat.maara nahle par dahla.

laajawaab....maja aa gaya padhkar.

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रंजना said...
9 November 2008 at 6:27 pm  

waah ! ye hui na baat.maara nahle par dahla.

laajawaab....maja aa gaya padhkar.

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Udan Tashtari said...
10 November 2008 at 1:58 am  

ताऊ तो वाकई बहुत सीधा निकला..सज्जन आदमी है वो तो कभी कभी मजबूरी में....बस्स्स!!!

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गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...
10 November 2008 at 3:29 am  

अच्छा, उसी दिन से यह कहावत बनी है,
'तीन बुलाए, तेरह आए, दे दाल में पानी।

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ताऊ रामपुरिया said...
10 November 2008 at 3:57 am  

ताऊ ने कितनो की दाल में पानी डाल दिया उसका क्या ? आज ख़ुद ताऊ पर बीती तो समझ आई ना ?

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seema gupta said...
10 November 2008 at 5:46 am  

अब हमारे ताऊ को गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन मोके की नाजाकत देखर्ते हुये दोनो हाथ जोड कर ताऊ बोला... चोधरी साहब हमारे गाव मै गोवर खाने वाले बस इतने ही लोग थे।
तो हमारा ताऊ हुआ न शरीफ़
" ha ha ha ha dekha tauee jee ke sharaft, parson ptta chla svarg seedhra gye, or vapas aatey he gul khila diya...... sach kha kee tau jee ka koee sanee nahee.."

Regards

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सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...
10 November 2008 at 6:04 pm  

ताऊ जी की जय हो:)

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बाल भवन जबलपुर said...
10 November 2008 at 7:18 pm  

जय हो ताऊ जी
जय कारे के इलावा हम का करें

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अनुपम अग्रवाल said...
10 November 2008 at 7:41 pm  

अरे घिर गए और लड़ने के लिए आदमी हो सकता है कि कम पड़ गये हों
ठीक किया .अक्लमंदी का काम

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Aruna Kapoor said...
11 November 2008 at 9:06 am  

ताऊजी की अकल होशियारी लाजवाब है।... कितना बढिया जवाब दे डाला।

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पुनीत ओमर said...
11 November 2008 at 9:24 am  

पता बताइए अपने ताऊ जी का..
उनके चरणों में थोडी सी जगह मिल जाए तो जीवन धन्य हो जाए.

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makrand said...
12 November 2008 at 9:45 am  

bahut khub likha saheb
regards

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dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...
12 November 2008 at 3:39 pm  

यो बुड्ढा तो रोज़ कमाल करे से .तभी तो पूछे है इसको

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Unknown said...
3 November 2016 at 6:45 am  


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