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ताऊ का नया काम

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एक बार ताऊ ने नया काम शुरू किया, इस बार उसने गधे पाल लिये, अब रोजाना जंगल मे गधॊ को चराने लेजाता ओर शाम को वापिस आता, ओर उस रास्ते मै एक थाना पडता था, ओर थाने के बिलकुल सामने एक बच्चो का स्कुल था, एक दिन ताऊ गधो को जंगल मे चरने के लिये लेजा रहा था कि एक गधे का बच्चा भाग कर स्कुल मे घुस गया, ओर ताऊ अपन लठ्ठ ले कर गधे के बच्चे के पीछे पीछे स्कुल मै घुस गया, ओर इधर उधर गधे के बच्चे को ढुढने लगा, अब ताऊ को देख कर बच्चे शोर मचाने लगे, तो मास्टर जी ने ताऊ को कहा, रे ताऊ भाग यहां से बच्चो को पढने दे, ताऊ वहा से चला आया ओर बोला ऎ मास्टर तु ही समभाल ले इब इस गधे के बच्चे को.
एक महीने के बाद ताऊ फ़िर स्कुल के सामने से गुजरा, ओर उसे अपना गधे का बच्चा याद आ गया, ओर ताऊ सीधा मास्टर के पास गया ओर बोला मास्टर जी मास्टर जी मेरा गधे का बच्चा कहां है, मास्टर जी किसी बात से पहले ही भरे बेठे थे, ताऊ को देख कर बोले वो सामने कुर्सी पे बेठा है तेरा गधे का बच्चा, ताउ ने उस तरफ़ देखा, वहां थाने दार अपनी वर्दी मे बेठा था,ताऊ तो बडा खुश हुआ ओर सीधा थाने दार के पास पहुच गया, ओर थाने दार के सर पर हाथ फ़ेर कर बोला , ओये मेरा गधे का बच्चा अब तो तु थाने दार बन गया, बस फ़िर क्या था, थाने दार उठा ओर ताऊ के दो तांगे मारी, तो ताऊ बोलेया रे गधे के बच्चे तु आदमी तो बन गया लेकिन लाट मारने की आदत नही छुटी.....

24 टिपण्णी:
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ताऊ रामपुरिया said...
4 November 2008 at 5:04 am  

बस उस दिन से ताऊ ने गधे पालना छोड़कर भैंस पालना शुरू करदी और लट्ठ लेके डकैती और लूट का धंधा शुरू कर दिया ! :)

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P.N. Subramanian said...
4 November 2008 at 5:15 am  

हमने सोचा ताउ के बदले ताई होतीं तो क्या बोलती.

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सुशील छौक्कर said...
4 November 2008 at 5:17 am  

हा हा हा । आखिर ताऊ जी ने सही गहरी बात कह दी।

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Alpana Verma said...
4 November 2008 at 6:07 am  

majedaar hai..:D

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दीपक कुमार भानरे said...
4 November 2008 at 9:58 am  

महोदय मजेदार चुटकला है .
धन्यवाद .

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Abhishek Ojha said...
4 November 2008 at 10:17 am  

:-)

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Aruna Kapoor said...
4 November 2008 at 10:21 am  

पढकर हंसी का फव्वारा ही छूट गया।... ताऊ की हालत तो गधे से भी बदतर हो गई...हा, हा हा।

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admin said...
4 November 2008 at 12:14 pm  

अरे वाह, ताऊ यहाँ भी आ धमके। वैसे मजा आ गया। शुक्रिया।

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बाल भवन जबलपुर said...
4 November 2008 at 3:51 pm  

je ka aap to harawa die the n unako
ab koi naya kam to chahie hee tha karane ko

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Anonymous said...
4 November 2008 at 3:53 pm  

मजेदार

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dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...
4 November 2008 at 4:21 pm  

kuch to unme se blog bhi likhne lage .

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जितेन्द़ भगत said...
4 November 2008 at 7:34 pm  

संता-बंता की तरह ताऊ सीरि‍ज भी खूब हॅसा रहा है। मजेदार :)

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कुन्नू सिंह said...
4 November 2008 at 7:57 pm  

हा हा..हा हसा हसा के पेट फूला दीते हैं।

हि.. हि...हा हा हू...हू...

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समीर यादव said...
4 November 2008 at 8:48 pm  

ताऊ और पुलिस पर तो और भी हास्य है...आप तो सीरीज़ प्रकाशित करिए.

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Udan Tashtari said...
5 November 2008 at 1:48 am  

हा हा!! जब तक ताऊ को पूरे से नपवा नहीं दोगे, जब तक उनके पीछे लगे रहना. बेचारे के ७५ लाख का नुकसान करा दिया.

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भूतनाथ said...
5 November 2008 at 6:48 am  

भाटिया साहब ! ये ताऊ ऐसे ही होते हैं ! मजा आगया !

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Anonymous said...
6 November 2008 at 2:19 am  

मजेदार आदतें कैसे छूटेंगी?

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गौतम राजऋषि said...
6 November 2008 at 3:09 am  

क्या बात है...ताऊ के चर्चे सुन-सुन कर ब्लौग में झांकने की कोशिश की तो नतीजा सिफ़र रहा.सबको अनुमती नहीं है क्या जाने की?

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Gyan Dutt Pandey said...
6 November 2008 at 12:57 pm  

ताऊ में कुछ खास जरूर है।
आधा ब्लॉगजगत कविता ठेलता है। शेष आधे को ताऊ ठेलता है! :)

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सागर नाहर said...
6 November 2008 at 2:18 pm  

ताऊ भी आखिर ताऊ ही ठहरा..
मजेदार.. बहुत हंसी आ रही है।
:)

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seema gupta said...
7 November 2008 at 7:45 am  

बस फ़िर क्या था, थाने दार उठा ओर ताऊ के दो तांगे मारी, तो ताऊ बोलेया रे गधे के बच्चे तु आदमी तो बन गया लेकिन लाट मारने की आदत नही छुटी.....
" ha ha ha ha h ha ha ha hahahaha ha ha ha ha ha haha haha ha ha ha ha "

Regards

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रंजना said...
7 November 2008 at 8:01 am  

Ha Ha Ha
badhiya.

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Mumukshh Ki Rachanain said...
7 November 2008 at 6:55 pm  

भाई राज जी,
अभी तक मामा ही बदनाम थे, अब ताऊ को भी इसी श्रेणी में खीच दिया.
अब कन्या पक्ष भी वर पक्ष के रिश्तेदारों की खिचाई कर सकेगें, ऐसा लगता है.

बराबरी का समाजवाद लाने के लिए धन्यवाद.

चन्द्र मोहन गुप्त

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Unknown said...
9 November 2008 at 3:54 pm  

बहुत मजेदार. ताऊ तो जैसा है ठीक है पर हँसी-हँसी में एक सही बात निकल आई पुलिस के बारे में.

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